रायपुर: छत्तीसगढ़ में डेगू के मामलों में तेजी देखी जा रही है.अक्टूबर माह के आंकड़ों की बात की जाय तो राजधानी रायपुर में ही 400 से अधिक डेंगू के मरीज(dengue patients) थे. जिसमें 5 से अधिक लोगों की मौत(Death) हो चुकी थी. बताया जा रहा है कि पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डेंगू अधिक लोगों को अपनी चपेट में ले रहा है. वहीं, अगर बात दिल्ली की करें तो दिल्ली में अब तक डेंगू के 1000 से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. इन आंकड़ों ने पिछले 3 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.
वहीं, मुंबई में भी डेंगू, मलेरिया का प्रकोप बढ़ गया है. सितंबर के मुकाबले अक्टूबर में इन मॉनसूनी बीमारियों के केस में बढ़ेतरी देखी जा रही है. आंकड़ों की मानें तो अक्टूबर में डेंगू के मामले 213 और मलेरिया के 482 केस दर्ज हुए हैं.इधर यूपी में भी डेंगू कहर बरपा रहा है. यहां गाजियाबाद में गुरुवार को बुखार से पीड़ित एक छह साल की बच्ची की मौत हो गई.
बता दें कि डेंगू मादा एडीज इजिप्टी मच्छर (Female aedes aegypti mosquito) के काटने से होता है. वहीं, डेंगू मच्छरों के शरीर पर चीते जैसी धारियां होती हैं. ये मच्छर खासकर दिन में ही काटते हैं. डेंगू (Dengue) बरसात के मौसम यानी जुलाई से अक्टूबर में सबसे ज्यादा फैलता है. क्योंकि इस मौसम में मच्छरों के पनपने के लिए अनुकूल परिस्थितियां होती हैं.
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कैसे फैलता है डेंगू ?
दरअसल, जब कोई एडीज मच्छर डेंगू के किसी मरीज को काटता है, तो वह उस मरीज का खून चूसता है.खून के साथ डेंगू वायरस भी मच्छर के शरीर में चला जाता है. जब डेंगू वायरस वाला वह मच्छर किसी और इंसान को काटता है तो उससे वह वायरस उस इंसान के शरीर में पहुंच जाता है, जिससे वह डेंगू वायरस से पीड़ित हो जाता है.
कब दिखती है बीमारी
बता दें कि काटे जाने के करीब 3-5 दिनों के बाद मरीज में डेंगू बुखार के लक्षण दिखने लगते हैं. शरीर में बीमारी पनपने की मियाद 3 से 10 दिनों की भी हो सकती है.
अपनायें इस तरीके का इलाज
अगर मरीज को साधारण डेंगू बुखार है तो उसका इलाज और देखभाल घर पर की जा सकती है. डॉक्टर की सलाह लेकर पैरासिटामोल (क्रोसिन आदि) ले सकते हैं. एस्प्रिन (डिस्प्रिन आदि) बिल्कुल न लें. इनसे प्लेटलेट्स कम हो सकते हैं.अगर बुखार 102 डिग्री फॉरेनहाइट से ज्यादा है तो मरीज के शरीर पर पानी की पट्टियां रखें. सामान्य रूप से खाना देना जारी रखें. बुखार की हालत में शरीर को और ज्यादा खाने की जरूरत होती है.
मच्छरों को पैदा होने से रोकने के उपाय
- घर या ऑफिस के आसपास पानी जमा न होने दें, गड्ढों को मिट्टी से भर दें, रुकी हुई नालियों को साफ करें.
- अगर पानी जमा होेने से रोकना मुमकिन नहीं है तो उसमें पेट्रोल या केरोसिन ऑयल डालें.
- रूम कूलरों, फूलदानों का सारा पानी हफ्ते में एक बार और पक्षियों को दाना-पानी देने के बर्तन को रोज पूरी तरह से खाली करें, उन्हें सुखाएं और फिर भरें. घर में टूटे-फूटे डिब्बे, टायर, बर्तन, बोतलें आदि न रखें. अगर रखें तो उलटा करके रखें.
- डेंगू के मच्छर साफ पानी में पनपते हैं, इसलिए पानी की टंकी को अच्छी तरह बंद करके रखें.
- अगर मुमकिन हो तो खिड़कियों और दरवाजों पर महीन जाली लगवाकर मच्छरों को घर में आने से रोकें.
- मच्छरों को भगाने और मारने के लिए मच्छरनाशक क्रीम, स्प्रे, मैट्स, कॉइल्स आदि इस्तेमाल करें. गुग्गुल के धुएं से मच्छर भगाना अच्छा देसी उपाय है.
- घर के अंदर सभी जगहों में हफ्ते में एक बार मच्छरनाशक दवा का छिड़काव जरूर करें. यह दवाई फोटो-फ्रेम्स, पर्दों, कैलेंडरों आदि के पीछे और घर के स्टोर-रूम और सभी कोनों में जरूर छिड़कें. दवाई छिड़कते वक्त अपने मुंह और नाक पर कोई कपड़ा जरूर बांधें. साथ ही, खाने-पीने की सभी चीजों को ढककर रखें.