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छत्तीसगढ़ में बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग, पीड़ित एजेंट्स और निवेशकों ने भरी हुंकार

Demand to implement Buds Act 2019 चिटफंड कंपनियों के खिलाफ बनाए गए बड्स एक्ट 2019 को छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग चिटफंड कंपनियों के एजेंट्स और अपना पैसा खो चुके लोगों ने की है.इसके लिए रायपुर के पंडरी में सभा का आयोजन किया गया. Buds Act 2019 in Chhattisgarh

Demand to implement Buds Act 2019
छत्तीसगढ़ में बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jan 12, 2024, 5:58 PM IST

Updated : Jan 13, 2024, 12:05 PM IST

छत्तीसगढ़ में बड्स एक्ट 2019 लागू करने की मांग

रायपुर : राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों ने अपना जाल बिछाकर भोले भाले लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली. इन चिटफंड कंपनियों ने लोगों को फांसने के लिए स्थानीय स्तर पर मोटा कमीशन देकर लोगों को काम पर रखा था.लेकिन कंपनी की नीयत से अनजान ये लोग लोगों को भरोसे में लेकर उनका पैसा चिटफंड कंपनियों में इनवेस्ट कराते रहे.लेकिन जब कंपनियां भाग गई तो पीड़ित लोगों ने कंपनियों के एजेंट्स को ही असली गुनाहगार मानकर अपना गुस्सा निकाला.ऐसे में चिटफंड कंपनियों के लाखों एजेंट्स ने केंद्र के कानून बड्स एक्ट 2019 को छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग की.

कानून लागू करवाने के लिए आंदोलन की चेतावनी : बड़स एक्ट 2019 को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को राजधानी के पुराना बस स्टैंड पंडरी में संभाग स्तरीय आमसभा का आयोजन किया गया. संभाग स्तरीय इस आम सभा में ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदनलाल आजाद भी पहुंचे थे. इस आम सभा में पहुंचे अभिकर्ता और निवेशकों ने नई सरकार से इस कानून को जल्द लागू करने की मांग की है. इस आम सभा के बाद सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.


प्रदेश में निवेशकों के 10 हजार करोड़ डूबे : ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संगठन का कहना है कि "ये कानून साल 2019 में आया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के कारण यह कानून लागू नहीं हो पाया. कानून लागू नहीं होने का खामियाजा प्रदेश के लगभग 20 लाख निवेशकों और अभिकर्ताओं को भुगतना पड़ा है. प्रदेश के निवेशकों और अभिकर्ता के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये डूब गए हैं.''


छत्तीसगढ़ में बड्स एक्ट लागू करने की मांग : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सहित देश के दूसरे राज्यों में सैकड़ों चिटफंड कंपनी काम कर रही है. चिटफंड कंपनी में जिन लोगों ने अपनी मेहनत का पैसा जमा किया था. उनकी जमा पूंजी भी अब डूब चुकी है. इसी जमा पूंजी को वापस पाने के लिए निवेशक और अभिकर्ता सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार के कानून बड्स एक्ट 2019 देश के दूसरे राज्यों में लागू हो गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे लागू नहीं किया गया है. यह कानून छत्तीसगढ़ में लागू होने के बाद पीड़ितों को उनकी राशि से दो से तीन गुना पैसा वापस मिलेगा.

क्या है अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम?-अगर कोई डिपॉजिट टेकिंग स्कीम बिल में लिस्टेड रेगुलेटरों के पास रजिस्टर नहीं की गई है तो उसे अनरेगुलेटेड माना जाता है. The Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019 से देश में चल रहे अवैध डिपॉजिट स्कीम पर लगाम लगी है. मौजूदा समय अवैध डिपॉजिट स्कीम रेगुलेटर गैप और सख्त प्रशासनिक उपायों का फायदा उठाकर गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूट रहे थे. इस कानून उद्देश्य देश में अवैध रूप से धनराशि जमा कराने वाली योजनाओं पर नकेल कसना है. इस कानून के जरिये पोंजी कंपनियों पर प्रतिबंध की प्रभावी व्यवस्था की गई है. बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम ऑर्डिनेंस 2019 को द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल 2019 ने रिप्लेस किया है.

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रायपुर : राजधानी रायपुर सहित पूरे प्रदेश में चिटफंड कंपनियों ने अपना जाल बिछाकर भोले भाले लोगों की गाढ़ी कमाई लूट ली. इन चिटफंड कंपनियों ने लोगों को फांसने के लिए स्थानीय स्तर पर मोटा कमीशन देकर लोगों को काम पर रखा था.लेकिन कंपनी की नीयत से अनजान ये लोग लोगों को भरोसे में लेकर उनका पैसा चिटफंड कंपनियों में इनवेस्ट कराते रहे.लेकिन जब कंपनियां भाग गई तो पीड़ित लोगों ने कंपनियों के एजेंट्स को ही असली गुनाहगार मानकर अपना गुस्सा निकाला.ऐसे में चिटफंड कंपनियों के लाखों एजेंट्स ने केंद्र के कानून बड्स एक्ट 2019 को छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग की.

कानून लागू करवाने के लिए आंदोलन की चेतावनी : बड़स एक्ट 2019 को लागू करने की मांग को लेकर शुक्रवार को राजधानी के पुराना बस स्टैंड पंडरी में संभाग स्तरीय आमसभा का आयोजन किया गया. संभाग स्तरीय इस आम सभा में ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष मदनलाल आजाद भी पहुंचे थे. इस आम सभा में पहुंचे अभिकर्ता और निवेशकों ने नई सरकार से इस कानून को जल्द लागू करने की मांग की है. इस आम सभा के बाद सरकार इस पर कोई ठोस निर्णय नहीं लेती है तो आने वाले दिनों में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे.


प्रदेश में निवेशकों के 10 हजार करोड़ डूबे : ठगी पीड़ित जमाकर्ता परिवार संगठन का कहना है कि "ये कानून साल 2019 में आया था, लेकिन छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार होने के कारण यह कानून लागू नहीं हो पाया. कानून लागू नहीं होने का खामियाजा प्रदेश के लगभग 20 लाख निवेशकों और अभिकर्ताओं को भुगतना पड़ा है. प्रदेश के निवेशकों और अभिकर्ता के लगभग 10 हजार करोड़ रुपये डूब गए हैं.''


छत्तीसगढ़ में बड्स एक्ट लागू करने की मांग : आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ सहित देश के दूसरे राज्यों में सैकड़ों चिटफंड कंपनी काम कर रही है. चिटफंड कंपनी में जिन लोगों ने अपनी मेहनत का पैसा जमा किया था. उनकी जमा पूंजी भी अब डूब चुकी है. इसी जमा पूंजी को वापस पाने के लिए निवेशक और अभिकर्ता सड़क की लड़ाई लड़ने को तैयारी कर रहे हैं. केंद्र सरकार के कानून बड्स एक्ट 2019 देश के दूसरे राज्यों में लागू हो गया है, लेकिन छत्तीसगढ़ में इसे लागू नहीं किया गया है. यह कानून छत्तीसगढ़ में लागू होने के बाद पीड़ितों को उनकी राशि से दो से तीन गुना पैसा वापस मिलेगा.

क्या है अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम?-अगर कोई डिपॉजिट टेकिंग स्कीम बिल में लिस्टेड रेगुलेटरों के पास रजिस्टर नहीं की गई है तो उसे अनरेगुलेटेड माना जाता है. The Banning of Unregulated Deposit Schemes Bill, 2019 से देश में चल रहे अवैध डिपॉजिट स्कीम पर लगाम लगी है. मौजूदा समय अवैध डिपॉजिट स्कीम रेगुलेटर गैप और सख्त प्रशासनिक उपायों का फायदा उठाकर गरीबों की गाढ़ी कमाई को लूट रहे थे. इस कानून उद्देश्य देश में अवैध रूप से धनराशि जमा कराने वाली योजनाओं पर नकेल कसना है. इस कानून के जरिये पोंजी कंपनियों पर प्रतिबंध की प्रभावी व्यवस्था की गई है. बैनिंग ऑफ अनरेगुलेटेड डिपॉजिट स्कीम ऑर्डिनेंस 2019 को द बैनिंग ऑफ अनरेग्युलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल 2019 ने रिप्लेस किया है.

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Last Updated : Jan 13, 2024, 12:05 PM IST
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