रायपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के माध्यम से ओपीएस पेंशन बहाली की घोषणा के बाद अब छत्तीसगढ़ में भी पुरानी पेंशन बहाली की मांग तेज हो गई है. राजस्थान सरकार द्वारा पुरानी पेंशन बहाल करने के बाद अब छत्तीसगढ़ के शासकीय कर्मचारियों की भी उम्मीदें बढ़ गई है. राष्ट्रीय ओल्ड पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा छत्तीसगढ़ के संचालक मंडल ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए 13 मार्च को रायपुर में धरना और रैली करने का ऐलान किया है.
पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग
इस विषय में मीडिया से मुखातिब हो एनओपीआरयूएफ के प्रदेश संयोजक वीरेंद्र दुबे ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि केंद्र ने अप्रैल 2005 के बाद नियुक्त कर्मचारी, अधिकारियों के लिए नई पेंशन योजना लागू की थी, जो कि कर्मचारी अधिकारी एवं उसके परिवार के लिए लाभदायक नहीं है.
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रिटायरमेंट के समय, प्राप्त राशि पर आयकर नहीं लगता
नई पेंशन स्कीम में जो प्रावधान है. उसके तहत बेसिक सैलरी के डीए का 10 फीसद हिस्सा काटा जाता है. नई पेंशन स्कीम शेयर बाजार पर आधारित है. इसलिए यह सुरक्षित नहीं है. नई पेंशन योजना में जीपीएफ की सुविधा नहीं है. लोन सुविधा भी नहीं है. जबकि पुरानी पेंशन योजना में रिटायरमेंट के समय वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती है. वहीं, दूसरी तरफ जीपीएस से लोन लेने के लिए सुविधा है. रिटायरमेंट के समय प्राप्त राशि में किसी भी प्रकार का आयकर नहीं लगता है.
छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई
वीरेंद्र दुबे ने बताया कि, छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई के लिए शिक्षक, लिपिक, पंचायत सचिव, पटवारी, राजस्व अधिकारी समेत कई संघ एकजुट हो चुके हैं. 13 मार्च को बड़ा प्रदर्शन किया जाएगा. ताकि सरकार इस ओर ध्यान दें और जल्द से जल्द पुरानी पेंशन योजना को छत्तीसगढ़ में लागू कर सके.