रायपुर: राजधानी के सब्जी बाजारों में दूसरे राज्यों से कई तरह की अलग-अलग वैरायटी के फल और सब्जियां बिकने आती है. इनमें से कई ऐसी सब्जियां और फल होते हैं, जो मौसमी होते हैं. साल में एक ही बार बाजारों में आते हैं और आते ही घंटों में खत्म हो जाते हैं. इनकी डिमांड काफी ज्यादा रहती है. मौसमी सब्जी और फल होने से यह साल में सिर्फ 2 से 3 महीने ही बाजारों में बिकने आती है. इनमें से एक मशरूम (फुटू) है, जो बाजार में आते ही गायब हो जाती है.
जंगली मशरूम फुटू जो कि सिर्फ बारिश के मौसम में ही जंगलों में पाए जाते हैं. उसकी डिमांड इन दिनों काफी बढ़ गई है. फुटू बाजारों में आने के 2 से 3 घंटे के भीतर खत्म हो जाता है. जानकार बताते हैं, हर साल 2-3 टन फुटू बाजार राजधानी की सब्जी मंडियों में आता है, लेकिन इस साल लॉकडाउन का इसपर खासा असर पड़ा है. लॉकडाउन के कारण 4 से 5 कैरेट की फुटू बाजार में आ पा रहे हैं.
1 हजार रुपये प्रति किलो है कीमत
फुटू मशरूम की ऐसी वैरायटी है, जो सिर्फ बारिश के मौसम में जंगलों में पाई जाती है. इसे उगाया नहीं जाता. यह बारिश के मौसम में अपने आप जंगलों में उगते हैं, जिसे तोड़कर बाजार में बेचा जाता है. फुटू को जंगलों में पहचान पाना बड़ा मुश्किल होता है. यह बाकी मशरूम से अलग होती है. फुटू मशरूम में ज्यादा विटामिन, मिनरल्स और प्रोटीन पाया जाता है, जिससे इसकी कीमत भी 800 से 1 हजार रुपये प्रति किलो तक होती है.
ओडिशा के बॉर्डर से लाया जाता है फुटू
फुटू कारोबारी बताते हैं, वे ओडिशा के बॉर्डर के पास के जंगलों से फुटू बेचने राजधानी के बाजारों में आते हैं. इसकी डिमांड राजधानी में बहुत ज्यादा है. हर साल करीबन 2 से 3 टन फुटू राजधानी में आता है, लेकिन इस साल लॉकडाउन की वजह से सिर्फ 5 से 6 कैरेट की फुटू राजधानी में बिकने को आये हैं.
विटामिन और प्रोटीन से भरपूर है फुटू
ग्राहकों ने बताया कि फुटू में ज्यादा मात्रा में विटामिंस, मिनरल्स और प्रोटीन पाए जाते हैं. इसका स्वाद भी बाकी मशरूम से काफी अलग होता है. यह साल में सिर्फ एक बार बाजारों में आता है. इस वजह से लोगों के बीच इसकी डिमांड काफी ज्यादा होती है. अच्छे मशरूम 800 से 1000 रुपये किलो तक बाजारों में बिकता है. इस साल लॉकडाउन की वजह से बाजारों में इसका असर देखने को मिल रहा है.