रायपुर/धरसींवा: कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने गणेश उत्सव के लिए निर्देश जारी किया था. इस पर छत्तीसगढ़ शिवसेना ने आपत्ति जताई है. शिवसेना ने मंगलवार को कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर नियमों में संशोधन की मांग की है.
प्रशासन की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक -
- बिंदु 12 में उल्लेखित किया गया था कि यदि कोई व्यक्ति मूर्ति स्थापना स्थल पर करोना संक्रमित पाया जाता है, तो उसके इलाज का खर्च समिति वहन करेगी.
- बिंदु 13 के मुताबिक, यदि किसी इलाके को कंटेनमेंट जोन घोषित किया जाता है, तो वहां पूजा समाप्त कर वहां की मूर्ति को तत्काल विसर्जित करना होगा.
- बिंदु 8 के मुताबिक हर गणेश समितियों को सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए कहा गया है.
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कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन
शिवसेना का कहना है कि बीच में ही पूजा खत्म नहीं की जा सकती है, साथ ही हर गणेश समिति सीसीटीवी कैमरे लगाने में सक्षम नहीं हैं. शिवसेना ने 8, 12 और 13 बिंदुओं में संशोधन की मांग को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. कलेक्टर का कहना है कि प्रशासनिक बैठक में इस बात को रखकर इसके बारे में उचित फैसला लिया जाएगा. ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से एच एन सिंह, शशांक देखमुख, राहुल सोनवानी और अन्य शिवसैनिक मौजूद थे.
विद्युत विभाग के पास आवेदन आने शुरू
राजधानी की बात की जाए, तो पूरे शहर में करीब 190 गणेश पंडाल होंगे. प्रशासन के आदेश के मुताबिक, इस बार बिजली विभाग से अस्थायी कनेक्शन लेना जरूरी होगा. अब तक विद्युत विभाग के पास 14 गणेश पंडाल समितियों का आवेदन आ चुका है. इसके अलावा कई ऐसे नियम हैं, जो इस बार गणेश पंडाल समितियों को मानने होंगे.