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रायपुर: राम मंदिर में 9 हजार दीए जलाकर मनाया जाएगा दीप उत्सव - रायपुर के राम मंदिर में भूमि पूजन

राम मंदिर के भूमिपूजन को लेकर रायपुर के दूधाधारी मठ में विशेष श्रृंगार किया गया है. इसके साथ ही चंद्रखुरी स्थित कौशल्या मंदिर और VIP रोड स्थित राम मंदिर में भी भूमिपूजन को लेकर खास तैयारी की गई है. VIP रोड स्थित राम मंदिर में आज 9 हजार दीए जलाए जाएंगे.

ram mandir, raipur
रायपुर राम मंदिर
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Published : Aug 5, 2020, 12:11 PM IST

Updated : Aug 5, 2020, 1:43 PM IST

रायपुर : बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम जन्मभूमि का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे. राम का ननिहाल कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में भी इसकी धूम देखने को मिल रही है. प्रदेश के अलग-अलग मंदिरों में भव्य आयोजन दीप उत्सव की तैयारियां की गई हैं. राजधानी रायपुर के दूधाधारी मठ और कौशल्या मंदिर में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

राम मंदिर में 9 हजार दीए जलाकर मनाया जाएगा दीप उत्सव

मंदिर के कुछ चुनिंदा लोग ही कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं. VIP रोड स्थित राम मंदिर में भी भव्य तैयारी की गई है. आयोध्या में जब पीएम मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. उस वक्त यहां पर स्तुति की जाएगी और शाम को दीप प्रज्वलन किया जाएगा और दीप उत्सव मनाया जाएगा.

राम मंदिर में कार्यक्रम की तैयारी
राम मंदिर में कार्यक्रम की तैयारी

9000 दीप जलाकर करेंगे राम मंदिर का स्वागत

राम मंदिर में आज 9 हजार दीए जलाकर दीप उत्सव मनाया जाएगा. सुबह से ही मंदिर प्रांगण को दीपों से सजाया गया है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण वैसा आयोजन नहीं किया गया, जैसा हमने सोचा था. लेकिन फिर भी हम दीपों के साथ आज शाम को दीपोत्सव मनाएंगे. उन्होंने लोगों से घरों में दीपक जलाने की अपील की है.

पढ़ें: EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ी में रामचरितमानस 'छत्तीसगढ़ी के रमायन'

8000 पवित्र स्थानों की मिट्टी और जल से किया जाएगा भूमि पूजन

मंदिर की नींव में सात पवित्र नदियों की मिट्टी और गंगा, जमुना सरस्वती का कलश में पावन जल रखा जाएगा. देश भर के लगभग 8000 पवित्र स्थानों से अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए मिट्टी और पवित्र जल अयोध्या पहुंचा है. हजारों पवित्र स्थानों से जल और मिट्टी भूमि पूजन में प्रयोग होने से पूरे देश में सामाजिक समरसता का संदेश जाएगा. मिट्टी और जल के अलावा भूमि पूजन में चांदी का कच्छप, राम नाम अंकित चांदी के पांच बेलपत्र, सवा पाव चंदन और पंचरत्न के अलावा शेषनाग शामिल हैं. दरअसल, इसके पीछे एक बड़ी धार्मिक मान्यता है कि कछुए की पीठ पर भगवान शेषनाग विराजमान हैं. शेषनाग पाताल लोक के स्वामी हैं. भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की नींव में उनकी उपस्थिति से मंदिर की भव्यता चिरकाल तक बनी रहेगी.

सुरक्षा के इंतेजाम
सुरक्षा के इंतेजाम

रायपुर : बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या के राम जन्मभूमि का भूमिपूजन और शिलान्यास करेंगे. राम का ननिहाल कहे जाने वाले छत्तीसगढ़ में भी इसकी धूम देखने को मिल रही है. प्रदेश के अलग-अलग मंदिरों में भव्य आयोजन दीप उत्सव की तैयारियां की गई हैं. राजधानी रायपुर के दूधाधारी मठ और कौशल्या मंदिर में भी कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए ज्यादा लोगों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा.

राम मंदिर में 9 हजार दीए जलाकर मनाया जाएगा दीप उत्सव

मंदिर के कुछ चुनिंदा लोग ही कार्यक्रम की तैयारी कर रहे हैं. VIP रोड स्थित राम मंदिर में भी भव्य तैयारी की गई है. आयोध्या में जब पीएम मोदी राम मंदिर का भूमि पूजन करेंगे. उस वक्त यहां पर स्तुति की जाएगी और शाम को दीप प्रज्वलन किया जाएगा और दीप उत्सव मनाया जाएगा.

राम मंदिर में कार्यक्रम की तैयारी
राम मंदिर में कार्यक्रम की तैयारी

9000 दीप जलाकर करेंगे राम मंदिर का स्वागत

राम मंदिर में आज 9 हजार दीए जलाकर दीप उत्सव मनाया जाएगा. सुबह से ही मंदिर प्रांगण को दीपों से सजाया गया है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि कोरोना संक्रमण के कारण वैसा आयोजन नहीं किया गया, जैसा हमने सोचा था. लेकिन फिर भी हम दीपों के साथ आज शाम को दीपोत्सव मनाएंगे. उन्होंने लोगों से घरों में दीपक जलाने की अपील की है.

पढ़ें: EXCLUSIVE: छत्तीसगढ़ी में रामचरितमानस 'छत्तीसगढ़ी के रमायन'

8000 पवित्र स्थानों की मिट्टी और जल से किया जाएगा भूमि पूजन

मंदिर की नींव में सात पवित्र नदियों की मिट्टी और गंगा, जमुना सरस्वती का कलश में पावन जल रखा जाएगा. देश भर के लगभग 8000 पवित्र स्थानों से अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन के लिए मिट्टी और पवित्र जल अयोध्या पहुंचा है. हजारों पवित्र स्थानों से जल और मिट्टी भूमि पूजन में प्रयोग होने से पूरे देश में सामाजिक समरसता का संदेश जाएगा. मिट्टी और जल के अलावा भूमि पूजन में चांदी का कच्छप, राम नाम अंकित चांदी के पांच बेलपत्र, सवा पाव चंदन और पंचरत्न के अलावा शेषनाग शामिल हैं. दरअसल, इसके पीछे एक बड़ी धार्मिक मान्यता है कि कछुए की पीठ पर भगवान शेषनाग विराजमान हैं. शेषनाग पाताल लोक के स्वामी हैं. भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर की नींव में उनकी उपस्थिति से मंदिर की भव्यता चिरकाल तक बनी रहेगी.

सुरक्षा के इंतेजाम
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Last Updated : Aug 5, 2020, 1:43 PM IST
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