रायपुर: तीन दिवसीय राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता का सोमवार को समापन हुआ. राज्य स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता में ज्ञान गंगा मानस परिवार बचेली जिला दंतेवाड़ा की मंडली ने प्रथम, धमतरी के श्रीराम सिय मानस पथिक कोडगांव-कुरूद ने दूसरा स्थान और जांजगीर-चांपा के देवकुमार मानस मंडली कुद्री- बलौदा ने तीसरा स्थान हासिल किया.
"मंत्री अमरजीत भगत ने समारोह में कहा कि "प्रदेश के कण-कण में भगवान श्रीराम का वास है. संस्कृति विभाग ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में कला, परंपरा और सभ्यता के संरक्षण के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाये जा रहे हैं. संस्कृति विभाग राज्य के कलाकारों को लगातार मंच उपलब्ध करा रहा है. विभाग का बजट भी दोगुना हो गया है, इससे कलाकारों की आय में बढ़ोत्तरी हुई है. छत्तीसगढ़ सहित पूरी दुनिया में रामायण का मंचन और मानस गान के जरिए आराध्य देव की पूजा-अर्चना की जाती है. छत्तीसगढ़ की संस्कृति में रामायण मानस मंडली महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं. यह हमारी सांस्कृतिक धरोहर है." -अमरजीत भगत, संस्कृति मंत्री
"छत्तीसगढ़ भगवान श्री राम का ननिहाल है, राज्य सरकार छत्तीसगढ़ की संस्कृति को आगे बढ़ाने की दिशा में लगातार काम कर रही हैं. राज्य सरकार ने भगवान श्री राम ने वनवास काल के दौरान छत्तीसगढ़ में की गई यात्रा से जुड़े स्थलों के संजोने के लिए राम वन गमन पर्यटन परिपथ योजना शुरू की है. योजना के तहत सीतामढ़ी हर-चौका से लेकर दंडकारण्य के अनेक स्थलों को चिन्हित कर उनको विकसित किया जा रहा है." -अमरजीत भगत, संस्कृति मंत्री
विजेता मंडलियों को मिला पुरस्कार: संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने राज्य स्तरीय रामायण प्रतियोगिता के समापन के अवसर पर विजेता रामायण मंडलियों को पुरस्कृत किया. उन्होंने प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त करने मंडली को पांच लाख रूपए, द्वितीय स्थान वाली मंडली को तीन लाख रूपए और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाली मंडली को दो लाख रूपए की राशि का चेक, प्रमाण पत्र और स्मृति चिन्ह दिया. प्रतियोगिता में प्रदेश के सभी 33 जिलों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. समापन के अवसर पर सोमवार को कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर जिले के प्रतिभागियों ने रामायण प्रतियोगिता अपना प्रदर्शन किया.