रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के साथ बारिश ने मुसीबत खड़ी कर दी है. प्रदेश के कई जिलों में सोमवार देर रात से हो रही बारिश ने किसानों को परेशानी में डाल दिया है. रायपुर, महासमुंद, जशपुर, कोरिया, जांजगीर, कोरबा, दुर्ग और बलरामपुर समेत कई जिलों में बेमौसम बरसात से फसल को नुकसान हुआ है. चिंता की बात ये है कि मौसम विभाग ने 12 मई की सुबह 8.30 बजे तक के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. मौसम विभाग ने गरज-चमक के साथ आकाशीय बिजली गिरने और ओलावृष्टि के लिए चेतावनी जारी की है. प्रदेश के बिलासपुर, पेंड्रारोड, मुंगेली, कवर्धा, बेमेतरा, दुर्ग, राजनांदगांव, रायपुर, बलौदाबाजार, बालोद, धमतरी, गरियाबंद, कांकेर के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है.
बेमेतरा में भीगा धान
बेमेतरा में बेमौसम बारिश से धान उपार्जन केंद्रों में पड़े हजारों क्विंटल धान भीग रहे हैं. जिले के धान उपार्जन केंद्रों में धान खरीदी समाप्त महीनों बीत जाने के बाद भी हजारों क्विंटल धान का परिवहन नहीं हो पाया है. जो धान सेवा सहकारी समितियों में खुले में डंप किया गया है, वो बारिश की भेंट चढ़ रहा है.
फसल के साथ भीगा 'हरा सोना'
गरियाबंद में भी किसान बारिश से खासे परेशान हैं. तीन फसल और दो फसल लेने वाले कई किसानों के खेतों की फसल को नुकसान हुआ है. इसके अलावा एक बड़ा नुकसान वनवासियों को इस बारिश से होता दिख रहा है. तेंदूपत्ता जिसे वनवासियों के लिए हरा सोना माना जाता है. बारिश की वजह से इसकी गुणवत्ता भी खराब होने की आशंका है. वहीं जिन इलाकों में ओलावृष्टि हुई है वहां तेंदूपत्ते बुरी तरह प्रभावित हुए हैं.
धमतरी में बेमौसम बारिश से किसानों की फसल बर्बाद, सर्वे की तैयारी में जुटा प्रशासन
धमतरी में किसानों की मेहनत पर फिरा पानी
धमतरी में बेमौसम बारिश ने रबी की फसल को नुकसान पहुंचाया है. दलहन-तिलहन और धान की फसल प्रभावित हुई है. किसान ऐसी स्थिति को देख परेशान हैं. कुदरत की मार से उनकी मेहनत बेकार हो गई है. फसल बर्बादी के बाद प्रशासन मुआवजे के लिए सर्वे की तैयारी में जुट गई है. धमतरी में इस साल समय पर सिंचाई सुविधा मिलने के बाद बड़ी संख्या में किसानों ने रबी की फसल उपजाने का फैसला किया था. पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा रकबे में धान की फसल किसानों ने बोई थी. किसानों ने कुल 59 हजार से ज्यादा हेक्टेयर में फसल लगाई है. लेकिन बेमौसम बारिश ने उनकी मेहनत पर पानी फेर दिया.
कोरबा में धान और सब्जी बर्बाद
कोरबा में कई घंटे से लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है. जिले में सावन-भादों की तरह बारिश की झड़ी लगी हुई है. लगातार बारिश होने के कारण धान और सब्जी की फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है. बेमौसम बारिश ने किसानों के माथे पर शिकन ला दी है. धान और साग-सब्जियों की फसलों के बड़े पैमाने पर हानि होने की संभावना है. टमाटर की फसल को सबसे ज्यादा नुकसान का अनुमान है. वहीं लगातार हो रही बारिश से जिले के लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है. सोमवार को अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ. यह सामान्य से 6 डिग्री कम है, जबकि न्यूनतम तापमान 21 डिग्री पर बना हुआ है.
अगले 24 घंटे भारी: छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मूसलाधार बारिश, 21 जिलों में अलर्ट
जांजगीर में टमाटर को नुकसान
जांजगीर जिले के चन्द्रपुर विधानसभा के ब्लॉक मालखरौदा और डभरा में मंगलवार सुबह 7 बजे से बारिश हो रही है. लोग बिस्तर से ठीक से उठे भी नहीं उठे थे कि सुबह की शुरुआत बारिश और ओले के साथ हुई. तेज अंधड़ के साथ बारिश और ओले गिरने से खेत में खड़ी धान की फसल और साग-सब्जियों को भारी नुकसान हुआ है. आधे घंटे तक आंधी चलने से खेतों में खड़ी धान की फसल जमीन पर गिर गईं. लगातार बारिश होने से जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है. टमाटर की खेती करने वाले किसानों को भी भारी नुकसान हुआ है.
बारिश होते ही गुल हुई बिजली
राजनांदगांव में बेमौसम हो रही बारिश ने बिजली कंपनी की पोल खोल कर रख दी है. बिजली कंपनी के अफसरों के निरंतर बिजली आपूर्ति के सभी दावे फेल हो चुके हैं. उपभोक्ताओं को बिजली गुल होने की समस्या से जूझना पड़ रहा है. बावजूद इसके बिजली कंपनी के अफसर केवल लाइन में फाल्ट आने की बात कहकर अपना पल्ला झाड़ रहे हैं.
कई गांवों में ब्लैक आउट
कोरिया में सोमवार रात चक्रवाती तूफान ने जमकर कहर बरपाया. आंधी चलने से कई जगह पेड़ उखड़कर गिर गए. वहीं घरों के छप्पर भी उड़ गए. बारिश और ओले गिरने के कारण फसलों को काफी नुकसान हुआ है. भरतपुर ब्लॉक के 84 गांवों में ब्लैक आउट है.
जांजगीर में बारिश के साथ ओले गिरे, धान और सब्जी की फसलें बर्बाद
खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार
छत्तीसगढ़ में बेमौसम बारिश ने हर तरफ आफत लेकर आई है. किसानों के फसल, धान खरीदी केंद्रों हो या फिर शहर के मुर्दाघर. बारिश ने सब तबाह का दिया है. बारिश के चलते शहर के मुर्दाघरों में जगह की कमी हो रही है. वहीं कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार, शेड में ही किया जा रहा है. नार्मल मौतों के लिए खुले आसमान के नीचे अंतिम संस्कार करने को परिजन मजबूर हैं. दुर्ग जिले में 4 प्रमुख मुक्तिधामों को कोविड संक्रमित शवों का अंतिम संस्कार करने के लिए चिन्हांकित किया गया है.
आकलन और मदद के निर्देश
छत्तीसगढ़ के अधिकांश जिलों में पिछले दो दिनों से छिटपुट बारिश हो रही है. इसी बीच मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घंटे में भारी बारिश और बिजली गिरने की संभावना जताई है. बरसात से किसानों को नुकसान हुआ है. प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल ने सभी जिला कलेक्टरों को बेमौसम बारिश से हुई क्षति का आकलन करने और प्रभावितों को फौरन मदद मुहैया कराने के लिए निर्देशित किया है.