रायपुर: राजधानी रायपुर में छत्तीसगढ़ वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी स्थायीकरण और नियमितीकरण की मांग को लेकर 20 अगस्त से प्रदेश व्यापी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं. जिसके कारण वन विभाग में कई तरह के काम पूरी तरह से ठप और बंद हो गए हैं. प्रदेश सरकार को जगाने के लिए दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आज से क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं. 6 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी आज भूख हड़ताल पर थे. शनिवार को फिर दूसरे 6 दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भूख हड़ताल पर रहेंगे. दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी गीत संगीत के माध्यम से भी सरकार को जगाने की कोशिश कर रहे हैं.
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वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की क्रमिक भूख हड़ताल शुरू: छत्तीसगढ़ दैनिक वेतन भोगी वन कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री राम कुमार सिन्हा ने बताया कि "अनिश्चितकालीन हड़ताल के सातवें दिन शुक्रवार को दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी क्रमिक भूख हड़ताल पर बैठे थे. जिनके नाम इस प्रकार हैं रुकमणी डडसेना, बिंदेश्वरी वैष्णव, प्रियंका शुक्ला, हेमंत यादव, राजकुमार चौहान और श्यामलाल नेताम ने क्रमिक भूख हड़ताल की शुरुआत की. शनिवार को फिर से 6 दैनिक वेतन भोगी क्रमिक भूख हड़ताल पर रहेंगे. सरकार जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं करती है तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा."
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारीयों की मांग: वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की 2 सूत्रीय मांग है. जिसमें पहला मांग स्थायीकरण और दूसरा मांग नियमितीकरण का है. इन कर्मचारियों का कहना है कि जो कर्मचारी 2 साल की सेवा पूर्ण कर लिए हैं उन्हें स्थाई किया जाए और जो दैनिक वेतन भोगी 10 साल की सेवा पूरा कर चुके हैं उन्हें नियमित किया जाए. पूरे प्रदेश में वन विभाग में दैनिक वेतन भोगी के रूप में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या लगभग 6500 हैं और इन कर्मचारियों को वेतन के रूप में प्रतिमाह महज 9 हजार रुपये ही वेतन मिलता है, जो वन विभाग में वाहन चालक, कंप्यूटर ऑपरेटर, रसोईया और बेरियर का काम करने के साथ ही जंगल का काम देखते हैं.