रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा का बजट सत्र इस बार समय से पहले ही खत्म हो गया. सत्र खत्म होने के बाद पक्ष और विपक्ष दोनों एक दूसरे पर सत्र न चलने देने का आरोप लगाते नजर आए. विपक्ष सरकार पर सवालों का संतोषजनक जवाब न देने का आरोप लगाती रही तो वहीं सत्ता पक्ष विपक्ष पर चर्चा से भागने का आरोप लगते रहा है. इस बीच सत्र खत्म होने के बाद अब भाजपा खुद कटघरे में खड़ी नजर आ रही है. इस मामले को लेकर भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने भाजपा विधायकों की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं. सूत्रों की मानें तो सत्र के समय से पहले खत्म होने को लेकर पुरंदेश्वरी ने नाराजगी जाहिर की है.
सूत्रों के मुताबकि प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी ने ओडिशा रवाना होने के पहले यह नाराजगी जाहिर की है. उन्होंने पार्टी के तीन प्रमुख पदाधिकारियों के साथ बंद कमरे में चर्चा की थी. जिसमें उन्होंने सख्त लहजे में पूछा कि असम में कांग्रेस का प्रभार छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास है. यह जानते हुए भी पार्टी विधायकों ने जन समस्याओं को भ्रष्टाचार के विषय पर भूपेश सरकार को घेरने की कोशिश क्यों नहीं की. क्या पार्टी के कुछ विधायकों कि सत्तापक्ष से सांठगांठ है.
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पुरंदेश्वरी की फटकार
पुरंदेश्वरी ने इस बात पर नाराजगी जाहिर की कि विधानसभा के बजट सत्र में सरकार को घेरने का एक बड़ा मौका आप पार्टी के विधायकों ने हाथ से जाने दिया. पार्टी के विधायकों ने अनुदान मांगों पर चर्चा में हिस्सा नहीं लिया और लगातार कार्यवाही का बहिष्कार करते रहे.
कुछ भी बोलने से बच रहे भाजपा के नेता
बहरहाल इस मामले के प्रकाश में आने के बाद जहां एक और कांग्रेस ने भाजपा का अंदरूनी मामला बताते हुए पल्ला झाड़ लिया, तो दूसरी ओर भाजपा के नेता इस मुद्दे पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं. अब देखने वाली बात है कि भाजपा प्रदेश प्रभारी डी. पुरंदेश्वरी की नाराजगी का खामियाजा भाजपा के किस नेता या फिर विधायक को उठाना पड़ता है. माना जा रहा है कि आगामी दिनों में इस तरह की परिस्थिति निर्मित न हो उसे लेकर प्रदेश प्रभारी विधायकों के लिए कोई सख्त निर्देशित जारी कर सकती हैं.