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जागते रहो: हाईटेक हो रहे हैं साइबर क्रिमिनल, डर और लालच के जरिए बना रहे ठगी का शिकार - साइबर क्रिमिनल

छत्तीसगढ़ में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से इजाफा देखने को मिल रहा है. साइबर क्रिमिनल (cyber criminal) नए-नए तरीकों से ठगी को अंजाम दे रहे हैं. डर और लालच के जरिए लोगों से ठगी की जा रही है. ब्लैकमेल का काला खेल खेला जा रहा है. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट और रायपुर एडिशनल एसपी लखन पटले (Raipur Additional SP Lakhan Patle) से साइबर क्राइम को लेकर बातचीत की है. (online fraud cases)

Cyber fraud and online fraud cases are increasing
हाईटेक हो रहे हैं साइबर क्रिमिनल
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Published : Jun 30, 2021, 6:25 PM IST

Updated : Jul 1, 2021, 11:20 AM IST

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. अमूमन प्रदेश में फाइनेंशियल फ्रॉड ज्यादा देखने को मिलता है. इसके अलावा ओटीपी फ्रॉड, विज्ञापन फ्रॉड और लकी ड्रॉ के नाम पर हुए कई ठगी के मामले उजागर हुए हैं. साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.

हाईटेक हो रहे हैं साइबर क्रिमिनल

जैसे-जैसे दुनिया में डिजिटाइजेशन (digitization) बढ़ रहा है. वैसे-वैसे लगातार साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है. ETV भारत लगातार अपने पाठकों को इस ओर जागरूक कर रहा है. 'जागते रहो' खबरों के जरिए हम लोगों को साइबर क्राइम की जानकारी और साइबर क्राइम से बचने के उपायों के बारे में बताते हैं. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट और रायपुर एडिशनल एसपी लखन पटले से साइबर क्राइम को लेकर बातचीत की है.

साइबर ठगी से रहे सावधान
साइबर ठगी से रहे सावधान

जागते रहो : मुफ्त में क्रेडिट कार्ड व कैशबैक के ऑफर से बचें, हो सकता है जाल!

क्या हैं साइबर क्राइम के नए तरीके

साइबर क्रिमिनल सोशल मीडिया के जरिए पहले अश्लील वीडियो कॉल करते हैं. इसके बाद लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. किसी भी तरीके से उस वीडियो कॉल को रिकॉर्ड कर लेते हैं. और इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेल का काला खेल.

ऐसे फंसाया जाता है लोगों को

रायपुर के एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि प्रदेश में साइबर क्राइम से जुड़े मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर सोशल मीडिया के जरिए क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें पहले सोशल मीडिया में फ्रेंड बनाया जाता है. इसके बाद सामने से लड़की नेक्ड (निर्वस्त्र) होकर युवकों को वीडियो कॉल करती हैं. इसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है. जिसके बाद वीडियो भेजकर उसे ब्लैकमेल किया जाता है.

ऐसे शुरू होता है ब्लैकमेल का खेल

रिकॉर्ड किए गए वीडियो को ब्लैकमेल के लिए उपयोग किया जाता है. पीड़ित को कहा जाता है कि हम यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर देंगे. इस तरह से धमकी देकर अक्सर पैसों की डिमांड की जाती है. इस तरह काफी फ्रॉड लगातार हो रहे हैं. ऐसे मामलों में मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं.

जागते रहो: 'पिंक व्हाट्सएप' लिंक पर न करें क्लिक, चोरी हो सकता है पर्सनल डाटा

फ्रॉड बनाते हैं ऐसे बहाने

KYC अपडेट, कस्टमर केयर, विज्ञापन का लालच देकर कॉल कर फ्रॉड करते हैं. लोगों से अकाउंट डिटेल लिए जाते हैं. कई बार लोग खुद भी उनके जाल में फंस जाते हैं. दरअसल, साइबर ठग सोशल मीडिया पर अकाउंट क्रिएट कर अपना नंबर छोड़ देते हैं. कोई भी कस्टमर केयर के नाम से नंबर सर्च करता है तो साइबर ठग का नंबर शो करता है.

साइबर ठग फिशिंग टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं. जिसके बाद साइबर ठग लोगों को अपनी बातों में फंसा लेते हैं. उनसे अकाउंट से संबंधित जानकारियां ले लेते हैं. इसके अलावा लिंक भेज कर सामने वाले व्यक्ति को लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद साइबर ठग पूरे मोबाइल को हैक कर लेते हैं. जिसके बाद सामने वाले व्यक्ति की सभी जानकारी साइबर ठग ले लेता है. उसे ठगी का शिकार बनाया जाता है. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.

जागते रहो क्योंकि लॉकडाउन के दौरान एक्टिव हैं साइबर ठग

साइबर क्राइम के सभी मामलों को होती है जांच

एडिशनल एसपी ने बताया कि साइबर क्राइम से जुड़े सभी मामलों को डील करने के लिए साइबर टीम सक्षम है. प्राथमिकता के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है. कई बार क्राइम से जुड़ी जानकारी देर से भी मिलती है. अपराधी भी अलग-अलग नंबरों का इस्तेमाल कर पुलिस और साइबर सेल को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. इस तरह से अपराधी को पकड़ने में थोड़ा टाइम भी लगता है. प्राथमिकता के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करते हैं.

पीड़ित के पैसे बचाने की होती है कोशिश

लखन पटले ने कहा कि प्रार्थी से जानकारी मिलते ही सबसे पहले हम अकाउंट सीज कर पैसे बचाने की कोशिश करते हैं. संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और एप्लीकेशन को भी मेल करते हैं. जिस माध्यम से पैसे का ट्रांजैक्शन होता है उसे भी ट्रैक करने की कोशिश की जाती है. एफआईआर के बाद एनालिसिस और ट्रैकिंग किया जाता है. ताकि अपराधी की लोकेशन को टैक किया जा सके.

हाईटेक तरीका अपना रहे चोर

साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. साइबर ठगों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. चोरी का तरीका अब हाईटेक हो गया है. चोर अब ऑनलाइन सेंध लगा रहे हैं. लोगों को ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है. एक्सपर्ट का कहना है कि जैसे-जैसे लोग हाईटेक होंगे वैसे-वैसे अपराधी भी हाईटेक होते रहेंगे. ऐसे अपराधों के शिकार होने से बचने के लिए आपको नॉलेज होना बेहद जरूरी है. सबसे जरूरी बात यह है कि आप लालच में ना आएं. अपराधी लोगों को लालच में फंसा कर अपराध को अंजाम देते हैं. लोगों को लालच में नहीं आना चाहिए. जब इस तरह किसी साइबर क्राइम के शिकार हों तो जल्द से जल्द बैंक और पुलिस से संपर्क करें.

सावधान! सोशल मीडिया में unknown फ्रेंड हो सकते हैं खतरनाक, ऐसे लोगों से न करें दोस्ती

साइबर एक्सपर्ट गोविंद राय ने बताया कि लोगों के साथ फिलहाल फाइनेंशियल फ्रॉड अधिक हो रहे हैं. ओएलएक्स और पेटीएम जैसे एप्लीकेशन पर इस तरह के फ्रॉड ज्यादा देखने को मिलते हैं. इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हों तो, किसी विज्ञापन पर अधिक ध्यान न दें. क्योंकि लालच और डर के जरिए ही लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है.

रायपुर: प्रदेश में साइबर क्राइम के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीकों से लोगों को ठगी का शिकार बना रहे हैं. अमूमन प्रदेश में फाइनेंशियल फ्रॉड ज्यादा देखने को मिलता है. इसके अलावा ओटीपी फ्रॉड, विज्ञापन फ्रॉड और लकी ड्रॉ के नाम पर हुए कई ठगी के मामले उजागर हुए हैं. साइबर ठग लगातार लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं.

हाईटेक हो रहे हैं साइबर क्रिमिनल

जैसे-जैसे दुनिया में डिजिटाइजेशन (digitization) बढ़ रहा है. वैसे-वैसे लगातार साइबर क्राइम भी बढ़ रहा है. ETV भारत लगातार अपने पाठकों को इस ओर जागरूक कर रहा है. 'जागते रहो' खबरों के जरिए हम लोगों को साइबर क्राइम की जानकारी और साइबर क्राइम से बचने के उपायों के बारे में बताते हैं. ETV भारत ने साइबर एक्सपर्ट और रायपुर एडिशनल एसपी लखन पटले से साइबर क्राइम को लेकर बातचीत की है.

साइबर ठगी से रहे सावधान
साइबर ठगी से रहे सावधान

जागते रहो : मुफ्त में क्रेडिट कार्ड व कैशबैक के ऑफर से बचें, हो सकता है जाल!

क्या हैं साइबर क्राइम के नए तरीके

साइबर क्रिमिनल सोशल मीडिया के जरिए पहले अश्लील वीडियो कॉल करते हैं. इसके बाद लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं. किसी भी तरीके से उस वीडियो कॉल को रिकॉर्ड कर लेते हैं. और इसके बाद शुरू होता है ब्लैकमेल का काला खेल.

ऐसे फंसाया जाता है लोगों को

रायपुर के एडिशनल एसपी लखन पटले ने बताया कि प्रदेश में साइबर क्राइम से जुड़े मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं. खासकर सोशल मीडिया के जरिए क्राइम को अंजाम दिया जा रहा है. इसमें पहले सोशल मीडिया में फ्रेंड बनाया जाता है. इसके बाद सामने से लड़की नेक्ड (निर्वस्त्र) होकर युवकों को वीडियो कॉल करती हैं. इसे रिकॉर्ड कर लिया जाता है. जिसके बाद वीडियो भेजकर उसे ब्लैकमेल किया जाता है.

ऐसे शुरू होता है ब्लैकमेल का खेल

रिकॉर्ड किए गए वीडियो को ब्लैकमेल के लिए उपयोग किया जाता है. पीड़ित को कहा जाता है कि हम यह वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल कर देंगे. इस तरह से धमकी देकर अक्सर पैसों की डिमांड की जाती है. इस तरह काफी फ्रॉड लगातार हो रहे हैं. ऐसे मामलों में मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं.

जागते रहो: 'पिंक व्हाट्सएप' लिंक पर न करें क्लिक, चोरी हो सकता है पर्सनल डाटा

फ्रॉड बनाते हैं ऐसे बहाने

KYC अपडेट, कस्टमर केयर, विज्ञापन का लालच देकर कॉल कर फ्रॉड करते हैं. लोगों से अकाउंट डिटेल लिए जाते हैं. कई बार लोग खुद भी उनके जाल में फंस जाते हैं. दरअसल, साइबर ठग सोशल मीडिया पर अकाउंट क्रिएट कर अपना नंबर छोड़ देते हैं. कोई भी कस्टमर केयर के नाम से नंबर सर्च करता है तो साइबर ठग का नंबर शो करता है.

साइबर ठग फिशिंग टेक्निक का इस्तेमाल करते हैं. जिसके बाद साइबर ठग लोगों को अपनी बातों में फंसा लेते हैं. उनसे अकाउंट से संबंधित जानकारियां ले लेते हैं. इसके अलावा लिंक भेज कर सामने वाले व्यक्ति को लिंक पर क्लिक करने के लिए कहा जाता है. इसके बाद साइबर ठग पूरे मोबाइल को हैक कर लेते हैं. जिसके बाद सामने वाले व्यक्ति की सभी जानकारी साइबर ठग ले लेता है. उसे ठगी का शिकार बनाया जाता है. साइबर ठग नए-नए हाईटेक तरीके से लोगों को ठगी का शिकार बनाते हैं.

जागते रहो क्योंकि लॉकडाउन के दौरान एक्टिव हैं साइबर ठग

साइबर क्राइम के सभी मामलों को होती है जांच

एडिशनल एसपी ने बताया कि साइबर क्राइम से जुड़े सभी मामलों को डील करने के लिए साइबर टीम सक्षम है. प्राथमिकता के आधार पर पुलिस कार्रवाई करती है. कई बार क्राइम से जुड़ी जानकारी देर से भी मिलती है. अपराधी भी अलग-अलग नंबरों का इस्तेमाल कर पुलिस और साइबर सेल को गुमराह करने की कोशिश करते हैं. इस तरह से अपराधी को पकड़ने में थोड़ा टाइम भी लगता है. प्राथमिकता के आधार पर हम आगे की कार्रवाई करते हैं.

पीड़ित के पैसे बचाने की होती है कोशिश

लखन पटले ने कहा कि प्रार्थी से जानकारी मिलते ही सबसे पहले हम अकाउंट सीज कर पैसे बचाने की कोशिश करते हैं. संबंधित सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और एप्लीकेशन को भी मेल करते हैं. जिस माध्यम से पैसे का ट्रांजैक्शन होता है उसे भी ट्रैक करने की कोशिश की जाती है. एफआईआर के बाद एनालिसिस और ट्रैकिंग किया जाता है. ताकि अपराधी की लोकेशन को टैक किया जा सके.

हाईटेक तरीका अपना रहे चोर

साइबर एक्सपर्ट ने कहा कि लोगों को जागरूक रहने की जरूरत है. साइबर ठगों से बचने के लिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है. चोरी का तरीका अब हाईटेक हो गया है. चोर अब ऑनलाइन सेंध लगा रहे हैं. लोगों को ऐसे में सतर्क रहने की जरूरत है. एक्सपर्ट का कहना है कि जैसे-जैसे लोग हाईटेक होंगे वैसे-वैसे अपराधी भी हाईटेक होते रहेंगे. ऐसे अपराधों के शिकार होने से बचने के लिए आपको नॉलेज होना बेहद जरूरी है. सबसे जरूरी बात यह है कि आप लालच में ना आएं. अपराधी लोगों को लालच में फंसा कर अपराध को अंजाम देते हैं. लोगों को लालच में नहीं आना चाहिए. जब इस तरह किसी साइबर क्राइम के शिकार हों तो जल्द से जल्द बैंक और पुलिस से संपर्क करें.

सावधान! सोशल मीडिया में unknown फ्रेंड हो सकते हैं खतरनाक, ऐसे लोगों से न करें दोस्ती

साइबर एक्सपर्ट गोविंद राय ने बताया कि लोगों के साथ फिलहाल फाइनेंशियल फ्रॉड अधिक हो रहे हैं. ओएलएक्स और पेटीएम जैसे एप्लीकेशन पर इस तरह के फ्रॉड ज्यादा देखने को मिलते हैं. इससे बचने का सबसे अच्छा उपाय है कि जब भी आप ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हों तो, किसी विज्ञापन पर अधिक ध्यान न दें. क्योंकि लालच और डर के जरिए ही लोगों को ठगी का शिकार बनाया जाता है.

Last Updated : Jul 1, 2021, 11:20 AM IST
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