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सावधान: Network Down होने पर भी आप बन सकते हैं साइबर अपराधी के शिकार - ऑफिशल एप्लीकेशन

हाल ही में पूरी दुनिया में सोशल मीडिया (Social media) 6 घंटे के लिए बंद पड़ गया था. जिसके 1 दिन बाद एक निजी कंपनी का नेटवर्क डाउन (Network down) रहा. जिसके कई ग्राहक थे, जो उस वक्त परेशानी का सामना कर रहे थे. नेटवर्क (Network) न होने के कारण न तो वो फोन रिसीव कर पा रहे थे, ना ही इंटरनेट का इस्तेमाल. यही वो वक्त होता है. जब साइबर अपराधी (Cyber criminals) लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.

Even if the network is down
Network Down होने पर भी आप
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Published : Oct 10, 2021, 2:09 PM IST

रायपुरः आधुनिकता के इस दौर में तकनीक ने हर चीज लोगों के लिए सुलभ बना दी है. चाहे वो पढ़ाई हो या ऑफिस (Office) का काम... मौजूदा समय में हर काम लोग तकनीक (Technique) के सहारे घर से ही अपने लैपटॉप (Laptop) या फिर फोन (Phone) से कर ले रहे हैं. ऐसे में इन दिनों बंद हुई नेटवर्क (Network) की समस्या के दौरान लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसका कारण हमारा टेक्नोलॉजी (Technology) पर निर्भर होना है. अगर हम सोशल मीडिया (Social media) से जुड़े हैं और इंटरनेट सर्विस डाउन (Internet service down) हो जाये तो, हम बेचैन हो जाते हैं.

साइबर अपराधी के शिकार

इसका कारण है कि आज के दौर में हम तकनीक के अधीन हो चुके हैं. यहां तक कि मनी ट्रांजेक्शन (Money transaction) भी हम मिनटों में फोन से करते हैं. जिसका फायदा कभी-कभी साइबर अपराधी (Cyber criminals) उठा लेते हैं. कई बार हमें इन सुलभता का खामियाजा भी भुगतना पड़ता है. हाल ही में पूरी दुनिया में सोशल मीडिया 6 घंटे के लिए बंद पड़ गया था, जिससे बहुत सारे लोग बेचैन हो गए थे.उसके 1 दिन बाद एक निजी कंपनी का नेटवर्क डाउन (Network down)रहा. जिसके कई ग्राहक थे, जो उस वक्त परेशानी का सामना कर रहे थे. नेटवर्क न होने के कारण न तो वो फोन रिसीव कर पा रहे थे, ना ही इंटरनेट (Internet) का इस्तेमाल. यही वो वक्त होता है. जब साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.

सावधानः अब सोशल मीडिया अपग्रेडेशन का इस्तेमाल कर अपराधी बना रहे साइबर ठगी के शिकार

ऐसे वक्त में साइबर अपराध के चांस बढ़ जाते हैं

अगर ऐसे वक्त में कोई व्यक्ति अपने फोन से कोई मनी ट्रांजेक्शन कर रहा हो तो, वो साइबर अपराध का शिकार हो सकता है. क्योंकि ये वो वक्त होता है, जब न तो आपके पास कोई फोन आ जा सकता है और न ही कोई मैसेज. ऐसे में साइबर क्राइम के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसे वक्त में ही साइबर अपराधी ठगी, मनी ट्रांसफर जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं.

तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधी बनाते हैं लोगों को शिकार

इन दिनों साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है. साइबर ठग भी हाईटेक होते जा रहे हैं. अलग-अलग टेक्नोलॉजी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पिछले दिनों सोशल मीडिया और नेटवर्क जैसे ही डाउन हुआ. लोग ये सोचने लगे कि कहीं सोशल मीडिया में या नेटवर्क पर साइबर अटैक तो नहीं हो गया. हालांकि इस बीच साइबर ठगी के मामले भी ज्यादा देखने को मिल सकते हैं. ईटीवी भारत इस विषय में साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

साइबर एक्सपर्ट (Cyber expert) मोनाली गुहा (Monali Guha) ने बताया कि सोशल मीडिया (Social media) में या नेटवर्क समस्या आने से करोड़ों यूजर्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे में जरूरी है कि हम साइबर अपराधों से भी बचें क्योंकि यह वह समय है जिसका फायदा साइबर अपराधी उठाकर आपके साथ ठगी कर सकते हैं जाहिर सी बात है अगर इस तरह से नेटवर्क इशू आ रहा है तो आपके पास कोई भी ट्रांजैक्शन रिलेटेड ओटीपी या SMS नहीं आएगा तो सबसे ज्यादा जरूरी यही हो जाता है कि आप अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर नजर रखें इसके लिए आपको अपने बैंकिंग एप्लीकेशन (Banking application) का ऑफिशल एप्लीकेशन (Official application) इस्तेमाल करना पड़ेगा।

समस्या आने पर इन कामों को करने से बचें

  • ओटीपी रिलेटेड ट्रांजैक्शन करने से बचें.
  • कुछ अर्जेंट परचेज करना हो या बेचना हो तो यूपीआई ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल करें.
  • आपने अपने सोशल मीडिया में जो नंबर रजिस्टर किया था. लॉगइन करने के लिए ओटीपी रिसीव करने के लिए और अगर आप ओटीपी रिसीव नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में आप अपना ओटीपी ईमेल पर रिसीव करें.
  • अगर कोई अनजान व्यक्ति आपको कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बन कर कॉल करता है या किसी टेलीकॉम कंपनी का ऑफिसर बन कर कॉल करता है और आपसे कोई पर्सनल जानकारी मांगता है, तो आप उसे अपनी निजी जानकारी ना दें.
  • आपके आईडी कार्ड से रिलेटेड आधार कार्ड से रिलेटेड या बैंक ट्रांजैक्शन से रिलेटेड कोई भी ओटीपी आप किसी से भी शेयर करने से बचें.
  • केवाईसी के नाम पर भी कई तरह की एप्लीकेशंस आपके मोबाइल में इंस्टॉल कराया जा सकते हैं, ऐसे तमाम चीजों से आपको बचना चाहिए.

रायपुरः आधुनिकता के इस दौर में तकनीक ने हर चीज लोगों के लिए सुलभ बना दी है. चाहे वो पढ़ाई हो या ऑफिस (Office) का काम... मौजूदा समय में हर काम लोग तकनीक (Technique) के सहारे घर से ही अपने लैपटॉप (Laptop) या फिर फोन (Phone) से कर ले रहे हैं. ऐसे में इन दिनों बंद हुई नेटवर्क (Network) की समस्या के दौरान लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा, जिसका कारण हमारा टेक्नोलॉजी (Technology) पर निर्भर होना है. अगर हम सोशल मीडिया (Social media) से जुड़े हैं और इंटरनेट सर्विस डाउन (Internet service down) हो जाये तो, हम बेचैन हो जाते हैं.

साइबर अपराधी के शिकार

इसका कारण है कि आज के दौर में हम तकनीक के अधीन हो चुके हैं. यहां तक कि मनी ट्रांजेक्शन (Money transaction) भी हम मिनटों में फोन से करते हैं. जिसका फायदा कभी-कभी साइबर अपराधी (Cyber criminals) उठा लेते हैं. कई बार हमें इन सुलभता का खामियाजा भी भुगतना पड़ता है. हाल ही में पूरी दुनिया में सोशल मीडिया 6 घंटे के लिए बंद पड़ गया था, जिससे बहुत सारे लोग बेचैन हो गए थे.उसके 1 दिन बाद एक निजी कंपनी का नेटवर्क डाउन (Network down)रहा. जिसके कई ग्राहक थे, जो उस वक्त परेशानी का सामना कर रहे थे. नेटवर्क न होने के कारण न तो वो फोन रिसीव कर पा रहे थे, ना ही इंटरनेट (Internet) का इस्तेमाल. यही वो वक्त होता है. जब साइबर अपराधी लोगों को अपना शिकार बनाते हैं.

सावधानः अब सोशल मीडिया अपग्रेडेशन का इस्तेमाल कर अपराधी बना रहे साइबर ठगी के शिकार

ऐसे वक्त में साइबर अपराध के चांस बढ़ जाते हैं

अगर ऐसे वक्त में कोई व्यक्ति अपने फोन से कोई मनी ट्रांजेक्शन कर रहा हो तो, वो साइबर अपराध का शिकार हो सकता है. क्योंकि ये वो वक्त होता है, जब न तो आपके पास कोई फोन आ जा सकता है और न ही कोई मैसेज. ऐसे में साइबर क्राइम के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसे वक्त में ही साइबर अपराधी ठगी, मनी ट्रांसफर जैसे अपराधों को अंजाम देते हैं.

तकनीक का इस्तेमाल कर अपराधी बनाते हैं लोगों को शिकार

इन दिनों साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. जैसे-जैसे तकनीक विकसित हो रही है. साइबर ठग भी हाईटेक होते जा रहे हैं. अलग-अलग टेक्नोलॉजी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाते हैं. पिछले दिनों सोशल मीडिया और नेटवर्क जैसे ही डाउन हुआ. लोग ये सोचने लगे कि कहीं सोशल मीडिया में या नेटवर्क पर साइबर अटैक तो नहीं हो गया. हालांकि इस बीच साइबर ठगी के मामले भी ज्यादा देखने को मिल सकते हैं. ईटीवी भारत इस विषय में साइबर एक्सपर्ट मोनाली गुहा से खास बातचीत की. आइए जानते हैं उन्होंने क्या कहा...

साइबर एक्सपर्ट की सलाह

साइबर एक्सपर्ट (Cyber expert) मोनाली गुहा (Monali Guha) ने बताया कि सोशल मीडिया (Social media) में या नेटवर्क समस्या आने से करोड़ों यूजर्स को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है ऐसे में जरूरी है कि हम साइबर अपराधों से भी बचें क्योंकि यह वह समय है जिसका फायदा साइबर अपराधी उठाकर आपके साथ ठगी कर सकते हैं जाहिर सी बात है अगर इस तरह से नेटवर्क इशू आ रहा है तो आपके पास कोई भी ट्रांजैक्शन रिलेटेड ओटीपी या SMS नहीं आएगा तो सबसे ज्यादा जरूरी यही हो जाता है कि आप अपने बैंकिंग ट्रांजैक्शन पर नजर रखें इसके लिए आपको अपने बैंकिंग एप्लीकेशन (Banking application) का ऑफिशल एप्लीकेशन (Official application) इस्तेमाल करना पड़ेगा।

समस्या आने पर इन कामों को करने से बचें

  • ओटीपी रिलेटेड ट्रांजैक्शन करने से बचें.
  • कुछ अर्जेंट परचेज करना हो या बेचना हो तो यूपीआई ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल करें.
  • आपने अपने सोशल मीडिया में जो नंबर रजिस्टर किया था. लॉगइन करने के लिए ओटीपी रिसीव करने के लिए और अगर आप ओटीपी रिसीव नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में आप अपना ओटीपी ईमेल पर रिसीव करें.
  • अगर कोई अनजान व्यक्ति आपको कस्टमर केयर एग्जीक्यूटिव बन कर कॉल करता है या किसी टेलीकॉम कंपनी का ऑफिसर बन कर कॉल करता है और आपसे कोई पर्सनल जानकारी मांगता है, तो आप उसे अपनी निजी जानकारी ना दें.
  • आपके आईडी कार्ड से रिलेटेड आधार कार्ड से रिलेटेड या बैंक ट्रांजैक्शन से रिलेटेड कोई भी ओटीपी आप किसी से भी शेयर करने से बचें.
  • केवाईसी के नाम पर भी कई तरह की एप्लीकेशंस आपके मोबाइल में इंस्टॉल कराया जा सकते हैं, ऐसे तमाम चीजों से आपको बचना चाहिए.
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