रायपुर : मुलुगु जिले में खाना बनाने को लेकर हुए विवाद में सीआरपीएफ एसआई की हेड कांस्टेबल (CRPF Head Constable) ने गोली मार (CRPF SI Was Shot Dead) दी. सीआरपीएफ एसआई की मौके पर ही मौत हो गई. घटना मुलुगु जिले के वेंकटपुरम जोन में हुई. एसआई की हत्या के बाद साथी जवान ने खुद को भी गोली मारकर घायल कर लिया.
कांस्टेबल की हालत भी गंभीर
बताया जाता है कि 39वीं बटालियन सीआरपीएफ के एसआई उमेश चंद्र और मेस प्रभारी कांस्टेबल स्टीफन में आज सुबह खाना बनाने को लेकर विवाद हो गया. देखते-देखते यह विवाद लड़ाई में बदल गया. खुद को गोली मारकर गंभीर रूप से घायल हुए कांस्टेबल को साथी जवान अस्पताल ले गए. डॉक्टरों का कहना है कि स्टीफन के सिर और छाती में गंभीर चोटें आई हैं. उसकी हालत अभी गंभीर है.
एसपी ने कहा-मामले की होगी जांच
घटना के बाबत मुलुगु जिले के एसपी ने बताया कि गंभीर रूप से घायल कांस्टेबल को जल्द ही वारंगल अस्पताल ले जाया जाएगा. जबकि उमेश बिहार के रहने वाले थे. वहीं स्टीफन तमिलनाडु के रहने वाले हैं. हम आगे की जांच करेंगे और विवरण बताएंगे.
14 साल में राज्य पुलिस के 91 तो अर्द्धसैनिक बल के 48 जवानों ने की आत्महत्या
साल-दर-साल जवानों की आत्महत्या का आंकड़ा बढ़ता ही जा रहा है. एक आंकड़े के अनुसार वर्ष 2007 से 2021 तक 139 जवानों ने आत्महत्या की है. इनमें वह आंकड़ा भी शामिल है, जिसमें जवानों ने अपने ही साथियों की गोली मारकर हत्या कर दी है. इनमें 91 जवान राज्य पुलिस के हैं जबकि 48 अर्द्धसैनिक बल के. सबसे ज्यादा आत्महत्या के मामले बस्तर संभाग (Most cases of suicide of soldiers in Bastar) के सामने आए हैं. आंकड़ों की मानें तो छत्तीसगढ़ में तैनात राज्य पुलिस व अर्धसैनिक बलों के औसतन 10 जवान हर साल डिप्रेशन की वजह से आत्महत्या कर (Average every year in Chhattisgarh 10 jawans committing suicide due to depression) रहे हैं.
लगातार बढ़ रहे हैं जवानों की खुदकुशी और आत्मघाती कदम के मामले
सुरक्षाबल सूत्रों की मानें तो साल 2020 से लेकर इस वर्ष सितंबर महीने तक सीआरपीएफ में जवानों के अंदर सुसाइड और आत्मघाती कदम के 101 मामले दर्ज किये गए हैं. यह संख्या 2017, 2018 और 2019 को मिलाकर 116 मामलों की तुलना में चौंकाने वाली हैं. 2020 में CRPF में आत्महत्या के 60 मामले मिले. जबकि इस साल 41 ने खुदकुशी कर ली. साल 2018 और 2019 में यह आंकड़ा क्रमश: 36 और 42 था.
फैक्ट फाइल
- 22 जनवरी 2019 को बीजापुर के पुलिस लाइन में पदस्थ 13वीं बटालियन के जवान नंदकिशोर चौधरी ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
- 11 जुलाई 2019 को बीजापुर के पुलिस लाइन में पदस्थ सहायक आरक्षक अनिल टोप्पो ने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली.
- 12 मार्च 2020 को माना पीटीएस में नव आरक्षक कोसा वंजामी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 9 अप्रैल 2020 को कोयलीबेड़ा कैंप में उत्तर प्रदेश का रहने वाला जवान प्रदीप शुक्ला ने सर्विस रिवाल्वर से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी.
- 28 नवंबर 2020 को बीजापुर में पदस्थ सीएएफ आरक्षक दिनेश शर्मा ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
- 29 नवंबर 2020 को पामेड़ में पदस्थ आरक्षक ने सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली.
- 29 नवंबर 2020: कांकेर के पुसपाल थाने में तैनात सीएएफ के जवान दिनेश वर्मा ने खुद को गोली मार आत्महत्या कर ली. दिनेश वर्मा पुसपाल थाने में तैनात था और दुर्ग जिले के भिलाई का रहने वाला था.
- 30 नवंबर 2020 को एएसआई सन्नू मालवीय ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 9 दिसंबर 2020 अंतागढ़ में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के जवान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. जवान स्वराज पीएल नाम केरल के वायनाड का रहने वाला था.
- 18 मार्च 2021 को सीएएफ की 9वीं बटालियन के आरक्षक धर्मेंद्र गवेल ने नारायणपुर में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली.
- 11 अगस्त 2021 को बालोद जिले में पदस्थ जवान मनीष नेताम ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
- 10 नवंबर 2021 को सुकमा जिले के लिंगनपल्ली कैंप में सीआरपीएफ के एक जवान ने अपने चार साथियों को एके-47 से भून डाला था.