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मन मोह रही आकाशवाणी चौक के मां काली मंदिर की भव्यता

रायुपर के आकाशवाणी चौक स्थित मां काली मंदिर की भव्यता इन दिनों देखते बन रही है. जनसहयोग से बनाये गए इस मंदिर में मां के भक्तों के लिए तमाम सुविधाएं उपलब्ध हैं.

नवरात्र पर मां काली मंदिर में लगी भक्तों की भीड़
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Published : Sep 30, 2019, 2:31 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 2:54 PM IST

रायुपर: देशभर में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ मां की भव्य आरती की गई. पूरे शहर में मां शेरोवाली का जयकारा गूंजते रहा. नवरात्र पर रायपुर के बीचोबीच स्थित आकाशवाणी चौक बनी मां काली की मंदिर की भव्यता भी देखते बन रही है.

मन मोह रही आकाशवाणी चौक के मां काली मंदिर की भव्यता
आकाशवाणी चौक पर स्थित मां काली मंदिर को लोग आकाशवाणी काली मंदिर के नाम से भी जानते हैं. इस रास्ते से गुजरने वाले सभी लोग मां के सामने सिर झुकाकर प्रणाम करने के बाद ही आगे बढ़ते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि वर्तमान में मंदिर का जो स्वरूप है, वह पहले नहीं था. नीम के पेड़ के नीचे मां विराजमान थीं, जिसके बाद लोगों ने पहले मां के लिए चबूतरा बनाया गया. इसके बाद लोगों ने मां के लिए भव्य मंदिर का निर्माण कराया. लोगों ने कराया था मंदिर का निर्माण छत्तीसगढ़ को धर्म भूमि के रूप में माना जाता है.रायपुर शहर प्राचीन समय से अपने तालाबों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ के आम लोगों ने मंदिर का निर्माण कराया है.

रायुपर: देशभर में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है. नवरात्र के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा-अर्चना के साथ मां की भव्य आरती की गई. पूरे शहर में मां शेरोवाली का जयकारा गूंजते रहा. नवरात्र पर रायपुर के बीचोबीच स्थित आकाशवाणी चौक बनी मां काली की मंदिर की भव्यता भी देखते बन रही है.

मन मोह रही आकाशवाणी चौक के मां काली मंदिर की भव्यता
आकाशवाणी चौक पर स्थित मां काली मंदिर को लोग आकाशवाणी काली मंदिर के नाम से भी जानते हैं. इस रास्ते से गुजरने वाले सभी लोग मां के सामने सिर झुकाकर प्रणाम करने के बाद ही आगे बढ़ते हैं. मंदिर के पुजारी बताते हैं कि वर्तमान में मंदिर का जो स्वरूप है, वह पहले नहीं था. नीम के पेड़ के नीचे मां विराजमान थीं, जिसके बाद लोगों ने पहले मां के लिए चबूतरा बनाया गया. इसके बाद लोगों ने मां के लिए भव्य मंदिर का निर्माण कराया. लोगों ने कराया था मंदिर का निर्माण छत्तीसगढ़ को धर्म भूमि के रूप में माना जाता है.रायपुर शहर प्राचीन समय से अपने तालाबों और मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है. छत्तीसगढ़ के आम लोगों ने मंदिर का निर्माण कराया है.
Intro:राजधानी रायपुर के बीचों-बीच स्थित आकाशवाणी चौक पर विराजी मां काली का रूप बिल्कुल वैसा ही है जैसा रूप कोलकाता की काली माता का तकरीबन 60 साल पुराना मंदिर कई मान्यताओं से जुड़ा हुआ है


Body:आकाशवाणी तिराहे पर स्थित मां काली का मंदिर समानता आकाशवाणी काली मंदिर के नाम से मशहूर है इस रास्ते से गुजरने वाले लोग तो मंदिर तक पहुंचकर निकट से काली माई के दर्शन करते हैं मंदिर के पुजारी ने बताया कि वर्तमान में मंदिर का जो स्वरूप है वह पहले नहीं था नीम के पेड़ के नीचे माता विराजा करती थी पहले चबूतरा बनाकर मां की पूजा अर्चना की जाती थी मनौती मानी जाती थी फिर धीरे-धीरे मूर्ति बनाई गई मंदिर बनाया गया

छत्तीसगढ़ को धर्म भूमि के रूप में माना जाता है रायपुर के प्राचीन समय से अपने तालाबों व मंदिरों के लिए ख्याति प्राप्त रहा है छत्तीसगढ़ धनी को ने बनाए मंदिरों के साथ-साथ जनसामान्य के द्वारा भी मंदिर बनाए गए हैं मां महाकाली मंदिर भी प्रतीत होता है कि यह जन सहयोग से बनवाया गया मंदिर है


Conclusion:नवरात्रि के नव दिनों तक लगातार भक्तों का ताता मंदिर में लगा रहता है अपनी मनोकामना को पूर्ण करने के लिए माता से मन्नत मानकर ज्योति भी जलवा ते हैं यही नहीं 9 दिन भक्तों की भारी भीड़ भी इस मंदिर में देखने को मिलती है

बाईट - पुजारी

बाईट - मनविंदर कौर

Last Updated : Sep 30, 2019, 2:54 PM IST
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