रायपुर: सावन के तीसरे सोमवार के अवसर पर राजधानी के नरहरेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों की भीड़ लगी. एक ओर जहां कोरोना काल में लोगो के जीवन शैली में परिवर्तन आया है, वहीं अब मंदिरों में भी दर्शन का तरीका बदल गया है. पहले जहां लोग मंदिरों पर सीधे दर्शन करने पहुंचते थे, अब वे गाइडलाइन का पालन करते हुए दर्शन कर रहे हैं. मास्क और सैनिटाइज के बाद ही अब भक्त मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
रायपुर में स्थित नरहरेश्वर महादेव मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है. मंदिर में स्वयंभू शिवलिंग हैं. श्रावण मास के मौके पर मंदिर में 24 घंटे लगातार अखंड रामायण का पाठ किया जा रहा है, जो कि एक महीने तक लगातार चलेगा. इस मंदिर से लोगों की गहरी आस्था जुड़ी है. पहले सावन सोमवार में दूर-दूर से लोग दर्शन करने यहां पहुंचते थे, लेकिन इस साल कोरोना के लिहाज से भक्तों की भीड़ में पहले के मुकाबले काफी कमी आई है.
लोगों की मनोकामना होती पूरी
मंदिर के पुजारी ने बताया इस प्राचीन मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे श्रद्धालुओं को सैनिटाइजेशन के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा है. यह मंदिर बेहद प्राचीन है और यहां मंदिर में आने वाले सभी भक्तों की मनोकामना जरूर पूरी होती है. कोरोना काल में भी भक्त पूरी तरीके से एहतियात बरतते हुए मंदिर में दर्शन करने पहुंच रहे हैं.
पढ़ें- SPECIAL: बैलगाड़ी से बिलासपुर पहुंचे थे अष्टमुखी शिव, 100 लोगों ने मिलकर उठाई थी प्रतिमा
सावन के इस पवित्र महीने में ETV भारत जगह-जगह के शिव मंदिरों के दर्शन भक्तों को करा रहा है. शिवजी के दर्शन के इसी सफर में बिलासपुर के प्रसिद्ध अष्टमुखी शिव मंदिर के दर्शन कर भक्त पुण्य लाभ कमा सकते हैं. यहां की शिव प्रतिमा अपनी विशेष कलाकृति के कारण मशहूर है. जिसके दर्शन करने दूर-दूर से लोग बिलासपुर पहुंचते हैं. बताया जा रहा है कि ये मंदिर 200 साल पुराना है और इस मंदिर में स्थापित अष्टमुखी शिव करीब 40 साल पहले यहां बैलगाड़ी पर लाए गए थे. इनके यहां पहुंचने की कहानी भी काफी रोचक है.