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आसमान से बरसी 'आफत' ने की फसल बर्बाद, अन्नदाता को है सरकार से आस - रायपुर के किसान 2019

शुरुआत में धान की खेती करने वाले किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश ने प्रदेश सहित राजधानी से लगे जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

बारिश से बर्बाद हुई धान की फसल
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Published : Oct 24, 2019, 11:38 PM IST

Updated : Oct 24, 2019, 11:48 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है. शुरुआत में धान की खेती करने वाले किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश ने प्रदेश सहित राजधानी से लगे जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

बारिश से बर्बाद हुई धान की फसल

खेतों में धान पक कर तैयार तो हो गया है, लेकिन तेज बारिश और आंधी की वजह से खेतों में खड़ी धान की फसल खेत में ही बिछ गई है. कई जगह धान की बाली पानी में डूब गई है, जिससे फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है.

कृषि विभाग से नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
प्रदेश भर में बेमौसम बरसात से फसल चौपट हो गई, जिसे लेकर अन्नदाता चिंतित हैं. वहीं कृषि विभाग की ओर से अभी तक मौके की जांच करने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं नुकसान झेल रहे किसानों का कहना है कि, 'नुकसान की जांच के लिए बीमा कंपनियों को भी सूचित किया गया है. अभी तक कोई भी कर्मचारी सर्वे करने नहीं पहुंचा है'.

कृषि विशेषज्ञों ने कहा नुकसानदेह है बेमौसम बारिश
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि, 'बारिश ने तो फसल चौपट कर दी है, वहीं दिन भर जो आसमान में बादल छाए रहते हैं, वे भी किसानों के लिए नुकसानदेह हैं. धान की फसल पकी हुई तैयार है, महीने के अंत तक धान की कटाई पूरी करनी थी. ऐसे में बारिश से बचने के लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा है.'

कृषि वैज्ञानिक डॉ गजेंद्र चंद्राकर कहते है कि, 'अलग-अलग फसलों में नुकसान अलग-अलग तरीके से हुआ है. फसलों की कटाई के सीजन में इस तरह की लगातार हो रही बारिश फसलों को बहुत नुकसान करती है. ऐसे में धान में अंकुरण आने और बदरंग होने की संभावना बढ़ जाती है. जो किसान भाई धान बेचकर या मंडी में रखकर दिवाली मनाने की तैयारियों में लगे थे उनको आघात लगा है.'

25 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने 25 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी है. बारिश के दौरान धान की फसलों को बचाने कृषि वैज्ञानिक किसान निकासी करके अपनी खेतों से पानी बाहर निकालने की सलाह दे रहे हैं.

पढ़ें-कौन हैं राजमन बेंजाम, जिन्होंने कांग्रेस के हाथ से चित्रकोट सीट जाने नहीं दी

किसानों के नुकसान की होगी भरपाई
वहीं राज्य सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कहते है कि, 'बेमौसम बारिश चिंता का विषय है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों का कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन करे. आरबीसी के तहत प्रावधान है उसके तहत किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी.'

पढ़ें-सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर कांग्रेस ने जीता उपचुनाव : अजीत जोगी

सड़ रही है धान की बालियां
प्रदेश में धान का कुल रकबा 38 लाख हेक्टेयर है. वहीं रायपुर में 1 लाख 57 हजार 300 हेक्टेयर है, जिसमें सभी तरह की वेरायटी के धान की फसल लगाई गई है. बरसात ने खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबा दी है, इससे फसलें गिर कर धरती पर बिछ गई हैं. धान की बालियों के दाने काले हो रहे हैं. काटी जा चुकी धान की बालियों को सूखने में समय लगेगा, जिससे अधिकांश के सड़ कर बर्बाद होने की आशंका है. ऐसे में इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद पाल रहे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं और अब उन्हें सरकार से मुआवजे की आस है.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है. शुरुआत में धान की खेती करने वाले किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश ने प्रदेश सहित राजधानी से लगे जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया.

बारिश से बर्बाद हुई धान की फसल

खेतों में धान पक कर तैयार तो हो गया है, लेकिन तेज बारिश और आंधी की वजह से खेतों में खड़ी धान की फसल खेत में ही बिछ गई है. कई जगह धान की बाली पानी में डूब गई है, जिससे फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है.

कृषि विभाग से नहीं पहुंचा कोई अधिकारी
प्रदेश भर में बेमौसम बरसात से फसल चौपट हो गई, जिसे लेकर अन्नदाता चिंतित हैं. वहीं कृषि विभाग की ओर से अभी तक मौके की जांच करने के लिए कोई भी अधिकारी नहीं पहुंचा है. वहीं नुकसान झेल रहे किसानों का कहना है कि, 'नुकसान की जांच के लिए बीमा कंपनियों को भी सूचित किया गया है. अभी तक कोई भी कर्मचारी सर्वे करने नहीं पहुंचा है'.

कृषि विशेषज्ञों ने कहा नुकसानदेह है बेमौसम बारिश
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि, 'बारिश ने तो फसल चौपट कर दी है, वहीं दिन भर जो आसमान में बादल छाए रहते हैं, वे भी किसानों के लिए नुकसानदेह हैं. धान की फसल पकी हुई तैयार है, महीने के अंत तक धान की कटाई पूरी करनी थी. ऐसे में बारिश से बचने के लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा है.'

कृषि वैज्ञानिक डॉ गजेंद्र चंद्राकर कहते है कि, 'अलग-अलग फसलों में नुकसान अलग-अलग तरीके से हुआ है. फसलों की कटाई के सीजन में इस तरह की लगातार हो रही बारिश फसलों को बहुत नुकसान करती है. ऐसे में धान में अंकुरण आने और बदरंग होने की संभावना बढ़ जाती है. जो किसान भाई धान बेचकर या मंडी में रखकर दिवाली मनाने की तैयारियों में लगे थे उनको आघात लगा है.'

25 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी
मौसम विभाग ने 25 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी है. बारिश के दौरान धान की फसलों को बचाने कृषि वैज्ञानिक किसान निकासी करके अपनी खेतों से पानी बाहर निकालने की सलाह दे रहे हैं.

पढ़ें-कौन हैं राजमन बेंजाम, जिन्होंने कांग्रेस के हाथ से चित्रकोट सीट जाने नहीं दी

किसानों के नुकसान की होगी भरपाई
वहीं राज्य सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कहते है कि, 'बेमौसम बारिश चिंता का विषय है. अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों का कितना नुकसान हुआ है इसका आंकलन करे. आरबीसी के तहत प्रावधान है उसके तहत किसानों के नुकसान की भरपाई की जाएगी.'

पढ़ें-सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग कर कांग्रेस ने जीता उपचुनाव : अजीत जोगी

सड़ रही है धान की बालियां
प्रदेश में धान का कुल रकबा 38 लाख हेक्टेयर है. वहीं रायपुर में 1 लाख 57 हजार 300 हेक्टेयर है, जिसमें सभी तरह की वेरायटी के धान की फसल लगाई गई है. बरसात ने खेतों में खड़ी फसल पानी में डूबा दी है, इससे फसलें गिर कर धरती पर बिछ गई हैं. धान की बालियों के दाने काले हो रहे हैं. काटी जा चुकी धान की बालियों को सूखने में समय लगेगा, जिससे अधिकांश के सड़ कर बर्बाद होने की आशंका है. ऐसे में इस बार बंपर पैदावार की उम्मीद पाल रहे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए हैं और अब उन्हें सरकार से मुआवजे की आस है.

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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पिछले कई दिनों से हो रही बारिश ने किसानों को मुसीबत में डाल दिया है। धान की अर्ली फसल की खेती करने वाले किसानों को इस बार अच्छे उत्पादन की उम्मीद थी, लेकिन पिछले तीन दिनों से लगातार हुई बारिश ने प्रदेश सहित राजधानी से सटे जिले के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया। इससे कई खेतों में धान पक कर तैयार हो गया है, लेकिन तेज बारिश, हवा से तमाम खेतों में धान की फसल बिछ गई है। कई जगह तो धान की बाली पानी में डूब गई है, जिससे फसल के खराब होने की आशंका बढ़ गई है।Body:

वीओ

प्रदेश भर में बेमौसम बरसात से फसल चौपट हो गई, जिसे लेकर अन्नदाता काफी चिंतित हैं। वहीं कृषि विभाग की तरफ से अभी तक मौके की जांच करने के लिए कोई अधिकारी नहीं गया है, जबकि नुकसान झेल रहे किसानों का कहना है कि मौके की जांच के लिए बीमा कंपनियों को भी सूचित किया गया है। अभी तक कोई भी कर्मचारी सर्वे करने नहीं पहुंचा है। कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि बारिश ने तो फसल चौपट कर दी है, वहीं दिन भर जो आसमान में बादल छाए रहते हैं, वे भी किसानों के लिए नुकसानदेह है। धान की फसल पकी हुई तैयार है, माह के अंत तक से धान की कटाई पूरा करना था ऐसे में बारिश से बचने के लिए कोई उपाय समझ में नहीं आ रहा है। इससे अन्नदाता की चिंता बढ गई है। कृषि वैज्ञानिक डॉ गजेंद्र चंद्राकर कहते है कि अलग अलग फसलों में नुकसान अलग अलग तरीक़े से हुआ है। फसलों की कटाई के सीजन में इस तरह की लगातार हो रही बारिश फसलों को बहुत नुकसान करती है। ऐसे में धान में अंकुरण आने और बदरंग होने की संभावना बढ़ जाती है। जो किसान भाई धान बेचकर या मंडी में रखकर दिवाली मनाने की तैयारियों में लगे थे उनको आघात लगा है।

बाईट डॉ गजेंद्र चंद्राकर, कृषि वैज्ञानिक

मौसम विभाग का भी कहना है कि अभी भी 25 अक्टूबर तक भारी बारिश की चेतावनी है। बारिश के दौरान धान की फसलों को बचाने कृषि वैज्ञानिक किसान निकासी करके अपनी खेतों से पानी बाहर निकालने की सलाह दे रहे है।वही राज्य सरकार के खाद्य मंत्री अमरजीत भगत कहते है कि बेमौसम बारिश चिंता का विषय है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि किसानों का कितना नुकसान हुआ है इसका आकलन करे। आरबीसी के तहत प्रावधान है उसके तहत किसानों को कम्पनसेट किया जाएगा

बाईट अमरजीत भगत, खाद्य मंत्री

Conclusion:फाइनल वीओ


ज्ञात हो कि प्रदेश में धान का कुल रकबा 38 लाख हेक्टेयर, तो रायपुर में 1 लाख 57 हजार 300 है, जिसमें सभी तरह की वेरायटी लगाई गई है। बरसात ने खेतों में खड़ी फसल में पानी भर दिया, इससे फसलें गिर कर धरती पर बिछ गई हैं।धान की बालियों के दाने काले हो रहे हैं। उनमें फंगस पनपने का खतरा बढ़ जाएगा। बारिश से धान की बालियां झड़ गई हैं, जिससे उत्पादन व क्वालिटी दोनों पर असर होगा। कटाई हो चुके धान की बालियां को सुखने में समय लगेगा, जिससे अधिकांश बाली सड़ जाएगी। ऐसे में इस बार बम्पर फसल पैदावार की उम्मीद पाल रहे किसानों के चेहरे मुरझाए हुए है।

मयंक ठाकुर, ईटीवी भारत, रायपुर
Last Updated : Oct 24, 2019, 11:48 PM IST
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