रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 में 90 में से 68 सीटें कांग्रेस ने जीतीं. इनमें से 19 यानी कांग्रेस के 28 फीसदी विधायकों पर आपराधिक केस दर्ज हैं. भाजपा के 15 विधायकों में से 3 यानी 20 फीसदी विधायकों के खिलाफ मामले दर्ज थे. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के जीते हुए 5 में से 2 विधायकों ने खुद के खिलाफ मामला दर्ज होने की जानकारी दी. कांग्रेस के 12 विधायकों और जेसीसीजे के एक विधायक ने खुद के खिलाफ गंभीर अपराध दर्ज होने की जानकारी भी दी.
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भूपेश बघेल के खिलाफ भी केस: तत्कालीन कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष और पाटन विधानसभा सीट से निर्वाचित विधायक भूपेश बघेल के खिलाफ भी आपराधिक केस दर्ज था. बघेल पर सरकारी कर्मचारी को अपने काम से रोकने और आपराधिक षड्यंत्र का केस था. बेमेतरा के कांग्रेस विधायक आशीष छाबरा पर भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज था. जेसीसीजे के बलौदा बाजार विधायक प्रमोद कुमार शर्मा के खिलाफ भी गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज था.
2013 में 90 में से 15 विधायक रहे दागदार: साल 2013 विधानसभा चुनाव के बाद भी दागदार विधायकों ने जीत हासिल की. छत्तीसगढ़ इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेसी रिफॉर्म्स (एडीआर ) की रिपोर्ट के मुताबिक साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान 90 विधायकों में से 15 ने खुद पर मुकदमा दर्ज होने की जानकारी दी थी. यानी 17 फीसदी विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे. इनमें से 8 विधायकों के खिलाफ गंभीर मामले दर्ज थे.
आपराधिक मामलों की वर्तमान स्थिति की जानकारी नहीं: यह वह जानकारी है, जो तत्कालीन विधायकों ने विधानसभा चुनाव 2013 और 2018 में नामांकन भरने के दौरान दी थी. कई बार जनप्रतिनिधियों के खिलाफ धरना प्रदर्शन, आंदोलन, घेराव के दौरान भी आपराधिक मामले दर्ज कर लिए जाते हैं. यह केस बाद में सरकार के द्वारा समीक्षा कर वापस भी ले लिए जाते हैं.