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SPECIAL: 'क्रिएटिव सिस्टर्स' की पहल, ताकि उम्मीदों के दीयों से रोशन हो गरीब बच्चों की दिवाली

रायपुर की यशी और लवी भिलेपरिया, दोनों बहनों ने एक मुहिम चलाई है, ताकि गरीब परिवार के बच्चे भी दिवाली धूमधाम से मना सकें.

Creative sisters of raipur
'क्रिएटिव सिस्टर्स' की पहल
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Published : Nov 1, 2020, 7:32 PM IST

रायपुर: ये दिवाली उम्मीदों वाली. जी हां, उम्मीद उन परिवार के बच्चों के लिए जो अक्सर दिवाली में इंतजार करते हैं पटाखों का, नए कपड़ों का और जरूरत के समानों का. इस दिवाली रायपुर की यशी और लवी भिलेपरिया ने गरीब परिवार के बच्चों की चेहरों पर खुशियां लाने की ठानी हैं. यशी और लवी भिलेपरिया राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर में रहती हैं. दोनों ने एक मुहिम चलाई है, जिसके जरिए गरीब परिवार के बच्चे भी दिवाली धूमधाम से मना सकें.

'क्रिएटिव सिस्टर्स' की नेक पहल

यशी और लवी फैंसी दीये बना कर बेच रही हैं. उन्होंने फैसला लिया है कि इन दियों को बेचकर जो इनकम होगी उसका 10 फीसदी वे गरीब बच्चों को देंगी. ताकि वे भी दिवाली का पर्व पटाखों, मिठाई, नए कपड़े और सबसे महत्वपूर्ण खुशियों के साथ मना सके.

बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ातीं हैं यशी

बड़ी बहन यशी पिछले 2 साल से गरीब परिवार के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा रहीं हैं. वे बताती हैं कि पहले कॉलोनी और बस्ती के बच्चों की क्लासेस एक साथ होती थी. कॉलोनी के बच्चों को देखकर बस्ती के बच्चों में भी एक आस होती थी कि उनकी भी लाइफ कॉलोनी के बच्चों की तरह होती. यह देखकर हमने सोचा कि इस दिवाली उन बच्चों के लिए जरूर कुछ ना कुछ किया जाए. हम इस दिवाली दीया बनाकर बेच रहे हैं, इनकम का 10% हिस्सा हम बच्चों को देंगे.

Creative sisters of raipur
दीये बनाती यशी और लवी

पढ़ें-बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन

यह दोनों बहनें खुद पढ़ाई कर रही हैं और ऐसे कई बच्चे हैं, जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके मां-बाप ट्यूशन फीस देने में सक्षम नहीं है, वे उन्हें भी पढ़ा रहीं है. यशी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं और लवी बीबीए की स्टूडेंट हैं.

'पहले सोचा था कलेक्शन करें'

यशी बताती हैं कि पहले पहले हमने सोचा था कि कलेक्शन कर बच्चों की मदद की जाए. लेकिन दिमाग में यह बात आई कि सीधे तौर पर कोई मदद के लिए आगे नहीं आता. इसलिए हमने अपनी क्रिएटिविटी को इस मदद का जरिया बनाया.

परिवार का मिलता है सपोर्ट

दोनों बहनों के परिवार में माता-पिता, दादी मां के साथ एक छोटा भाई भी हैं. वे बताती हैं कि जब वे ये काम करती हैं तो उनकी फैमिली उनका पूरा साथ देती है. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बारे में बताते हैं, ताकि वे भी लोगों की मदद कर सकें.

पढ़ें-SPECIAL: इस दिवाली ईको फ्रेंडली दीयों की भारी डिमांड, इस गांव की महिलाएं गोबर के दीए बनाकर बन रहीं सशक्त

लोगों ने भी दिया साथ

छोटी बहन लवी बताती हैं कि आसपास के लोगों ने भी इस पहल का समर्थन किया है. जब लोगों को पता चला कि हम ऐसा कर रहे हैं. तो दीयों के आर्डर बड़ी संख्या में मिल रहे हैं. जिन्हें दूसरों की मदद करना अच्छा लगता है, वे भी साथ दे रहे हैं.दोनों बहनों ने इंस्टाग्राम पर क्रिएटिव सिस्टर के नाम से अकाउंट बनाया है. जिसके जरिए भी ये खुबसूरत दीये बेचे जा रहें हैं.इस उम्मीद के साथ कि किसी के चेहरे पर मायूसी नहीं आए और सबकी दिवाली HAPPY वाली हो सके.

रायपुर: ये दिवाली उम्मीदों वाली. जी हां, उम्मीद उन परिवार के बच्चों के लिए जो अक्सर दिवाली में इंतजार करते हैं पटाखों का, नए कपड़ों का और जरूरत के समानों का. इस दिवाली रायपुर की यशी और लवी भिलेपरिया ने गरीब परिवार के बच्चों की चेहरों पर खुशियां लाने की ठानी हैं. यशी और लवी भिलेपरिया राजधानी रायपुर के देवेंद्र नगर में रहती हैं. दोनों ने एक मुहिम चलाई है, जिसके जरिए गरीब परिवार के बच्चे भी दिवाली धूमधाम से मना सकें.

'क्रिएटिव सिस्टर्स' की नेक पहल

यशी और लवी फैंसी दीये बना कर बेच रही हैं. उन्होंने फैसला लिया है कि इन दियों को बेचकर जो इनकम होगी उसका 10 फीसदी वे गरीब बच्चों को देंगी. ताकि वे भी दिवाली का पर्व पटाखों, मिठाई, नए कपड़े और सबसे महत्वपूर्ण खुशियों के साथ मना सके.

बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ातीं हैं यशी

बड़ी बहन यशी पिछले 2 साल से गरीब परिवार के बच्चों को ट्यूशन भी पढ़ा रहीं हैं. वे बताती हैं कि पहले कॉलोनी और बस्ती के बच्चों की क्लासेस एक साथ होती थी. कॉलोनी के बच्चों को देखकर बस्ती के बच्चों में भी एक आस होती थी कि उनकी भी लाइफ कॉलोनी के बच्चों की तरह होती. यह देखकर हमने सोचा कि इस दिवाली उन बच्चों के लिए जरूर कुछ ना कुछ किया जाए. हम इस दिवाली दीया बनाकर बेच रहे हैं, इनकम का 10% हिस्सा हम बच्चों को देंगे.

Creative sisters of raipur
दीये बनाती यशी और लवी

पढ़ें-बिलासपुर: इस दिवाली गोबर और मिट्टी के दीयों से रोशन होगा घर और आंगन

यह दोनों बहनें खुद पढ़ाई कर रही हैं और ऐसे कई बच्चे हैं, जो पढ़ना तो चाहते हैं लेकिन उनके मां-बाप ट्यूशन फीस देने में सक्षम नहीं है, वे उन्हें भी पढ़ा रहीं है. यशी सिविल सर्विसेज की तैयारी कर रही हैं और लवी बीबीए की स्टूडेंट हैं.

'पहले सोचा था कलेक्शन करें'

यशी बताती हैं कि पहले पहले हमने सोचा था कि कलेक्शन कर बच्चों की मदद की जाए. लेकिन दिमाग में यह बात आई कि सीधे तौर पर कोई मदद के लिए आगे नहीं आता. इसलिए हमने अपनी क्रिएटिविटी को इस मदद का जरिया बनाया.

परिवार का मिलता है सपोर्ट

दोनों बहनों के परिवार में माता-पिता, दादी मां के साथ एक छोटा भाई भी हैं. वे बताती हैं कि जब वे ये काम करती हैं तो उनकी फैमिली उनका पूरा साथ देती है. साथ ही ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस बारे में बताते हैं, ताकि वे भी लोगों की मदद कर सकें.

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लोगों ने भी दिया साथ

छोटी बहन लवी बताती हैं कि आसपास के लोगों ने भी इस पहल का समर्थन किया है. जब लोगों को पता चला कि हम ऐसा कर रहे हैं. तो दीयों के आर्डर बड़ी संख्या में मिल रहे हैं. जिन्हें दूसरों की मदद करना अच्छा लगता है, वे भी साथ दे रहे हैं.दोनों बहनों ने इंस्टाग्राम पर क्रिएटिव सिस्टर के नाम से अकाउंट बनाया है. जिसके जरिए भी ये खुबसूरत दीये बेचे जा रहें हैं.इस उम्मीद के साथ कि किसी के चेहरे पर मायूसी नहीं आए और सबकी दिवाली HAPPY वाली हो सके.

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