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राज्य में शराब दुकान खोलने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का विरोध - मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी का शराब दुकान खोलने पर विरोध

लॉकडाउन के बाद राज्य सरकार की ओर से शराब दुकानें खोलने पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने विरोध जताया है. पार्टी का कहना है कि 'आम जनता की जिंदगी की कीमत पर मुनाफा कमाने की सरकार को इजाजत नहीं दी जा सकती.'

Marxist Communist Party opposes opening liquor shop in Raipur
शराब दुकान खोलने का विरोध
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Published : Apr 5, 2020, 2:25 PM IST

Updated : Apr 5, 2020, 5:04 PM IST

रायपुर: राज्य सरकार ने राज्य में लॉकडाउन खुलने के बाद शराब दुकान खोलने का आदेश जारी किया है. जिसका मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी विरोध कर रही है. उनका कहना है कि राज्य में लॉकडाउन के बाद मुनाफा कमाने के लिए शराब दुकान नहीं खोली जानी चाहिए.

शराब दुकान खोलने का विरोध

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि 'विश्वव्यापी कोरोना संकट के मद्देनजर वक्त की जरूरत है कि पूरी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने, फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, आम जनता को सुरक्षा किट उपलब्ध कराने में ध्यान दें न कि शराब बेचकर राजस्व कमाने में. सरकार बस और ट्रक मालिकों पर बकाया 331 करोड़ रुपयों का कर माफ करती है, तो दूसरी ओर शराब दुकानें खोलकर राजस्व बढ़ाना चाहती है.'

राज्य सरकार के फैसले पर तीखी निंदा

माकपा नेता ने कहा है कि 'छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति शराब की खपत सबसे ज्यादा होती है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार शराब के नशे में होने वाले अपराधों की सूची में देश में छत्तीसगढ़ टॉप पर है. साल में 250 से ज्यादा लोगों की मौत शराब पीने से होती है. इस समय फिजिकल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के साथ ही समाज और घर-परिवार में शांति बनाए रखना भी राज्य सरकार की ही जिम्मेदारी बनती है.'

रायपुर: राज्य सरकार ने राज्य में लॉकडाउन खुलने के बाद शराब दुकान खोलने का आदेश जारी किया है. जिसका मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी विरोध कर रही है. उनका कहना है कि राज्य में लॉकडाउन के बाद मुनाफा कमाने के लिए शराब दुकान नहीं खोली जानी चाहिए.

शराब दुकान खोलने का विरोध

माकपा राज्य सचिव संजय पराते ने कहा है कि 'विश्वव्यापी कोरोना संकट के मद्देनजर वक्त की जरूरत है कि पूरी सरकार स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने, फिजिकल डिस्टेंसिंग बनाए रखने, आम जनता को सुरक्षा किट उपलब्ध कराने में ध्यान दें न कि शराब बेचकर राजस्व कमाने में. सरकार बस और ट्रक मालिकों पर बकाया 331 करोड़ रुपयों का कर माफ करती है, तो दूसरी ओर शराब दुकानें खोलकर राजस्व बढ़ाना चाहती है.'

राज्य सरकार के फैसले पर तीखी निंदा

माकपा नेता ने कहा है कि 'छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति शराब की खपत सबसे ज्यादा होती है. एनसीआरबी की रिपोर्ट के अनुसार शराब के नशे में होने वाले अपराधों की सूची में देश में छत्तीसगढ़ टॉप पर है. साल में 250 से ज्यादा लोगों की मौत शराब पीने से होती है. इस समय फिजिकल डिस्टेंसिंग को बनाये रखने के साथ ही समाज और घर-परिवार में शांति बनाए रखना भी राज्य सरकार की ही जिम्मेदारी बनती है.'

Last Updated : Apr 5, 2020, 5:04 PM IST
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