रायपुरः छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पति-पत्नी के जोड़े ने एक नए तरीके का धागा इजाद किया है. इस सुगंधित धागे से बनने वाले पर्दे से न केवल गर्मी के दिनों में लोगों को ठंडकता मिलेगी, बल्कि इसकी सुगंध से मच्छर, काॅक्रोच या छिपकली भी घर के अंदर घुस नहीं पाइगी. खास बात यह है कि इस धागे को कूलर में लगने वाले खस से तैयार किया गया है. इसे तैयार करने में समता कॉलोनी के रहने वाले दंपती रविकांत सोनी और नम्रता दिवाकर सोनी को पूरे 10 साल लग गए. अब वे इसे इंटरनेशनल मार्केट में लॉन्च करने की तैयारी कर रहे हैं.
नम्रता दिवाकर सोनी बताती हैं कि उनके पति और वह खुद फार्मेसी में ग्रेजुएट हैं. उसमें हमारा एक सब्जेक्ट होता है फार्माकोग्नोसि. जिसमें मेडिसिनल प्लांट्स के बारे में पढ़ाई के साथ ही उसके उपयोग के बारे में पढ़ते हैं. पढ़ाई के दौरान से ही कुछ नया करने की सोची. हमने सोचा की कुछ बनाया जाए जो नेचरल चीज हो. क्योंकि गर्मी के दिनों में लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ऐसे में हमने होम डेकोरोटिव फाइबर बनाया है. उन्होंने बताया कि दुनिया में इस तरह का फाइबर अब तक किसी ने नहीं बनाया है.
ठंडी हवाओं के साथ मच्छरों से मिलेगी निजातः
इस फाइबर के बनने से कई प्रकार की चीजें बना सकते हैं. जो इलेक्ट्रिसिटी पर डिपेंडेंट नहीं होगा. अगर आप छत पर बैठे हैं या आप घर में भी हैं, इसी बीच लाइट ऑफ हो जाये तो अक्सर मच्छर और गर्मी ये दोनों चीजें लोगों को काफी परेशान करती हैं. इन दो चीजों को हमने सॉल्व कर लिया तो बिना इलेक्ट्रिसिटी के भी हम रह सकते हैं. क्योंकि हमारे द्वारा बनाए गए काॅटन्स को दरवाजा या घर की एंट्री पर लगा देने से मच्छर नहीं आएगा.
नम्रता ने कहा कि इसको हमने तीन से चार एरोमेटिक क्रॉप्स को मिक्स करके बनाया है. इसमें एक क्रॉप वैटेवर है. इसमें जो ऑयल रहता है, उस ऑयल में एक सबस्तान्त होता है. जिस पर काफी सारे रिसर्च पेपर हैं. यह एंटी डिप्रेसेंट एरोमा और फ्रैगरेंस देता है. वह फ्रेगरेंस दिमाग को वेकन करती है. वही खुशबू का कारण बनती है. यह खुशबू बहुत ही ज्यादा रिफ्रेसिंग होती है, खुशबू से पूरा घर सराबोर रहता है. हमारे द्वारा तैयार किए गए काॅटन्स में तीन साल तक खुशबू रहेगी. उसके बाद धीरे- धीरे खुशबू कम हो सकती है.
ISBT Raipur! नए अंतरराज्यीय बस टर्मिनल की खासियत, जिसका सीएम भूपेश ने किया लोकार्पण
व्यापक तौर पर मिलेगा लोगों को रोजगारः
रविकांत सोनी और नम्रता दीवाकर सोनी ने बताया कि बुनकरों से मुलाकात की गई है. इस स्टार्टअप से बहुत से लोगों को रोजगार मिलेगा. खासकर हथकरघा के उन बुनकरों को जो साड़ी के अलावा पर्दे या अन्य चीजें बनाते हैं. इसके अलावा किसानों को भी फायदा पहुंचेगा. वहीं, हैण्डलुम्स आइटम बनाते हैं तो इसके लिए महिला स्व-सहायता समूह की भी आवश्यकता होगी. तो हम कह सकते हैं कि यह रोजगार के लिए भी बहुत ही उपयोग साबित होगा.
वेस्ट मैटेरियल के ऑयल से बना रहे हैं धागाः
'खस' का ऑयल या सारे एसेंसियल ऑयल निकालने के बाद जो वेस्ट बचा रह जाता है, उस वेस्ट में भी काफी सारा आयल बचा रह जाता है. हम उस वेस्ट को यूटिलाइज करके एरोमेटिक क्रॉप से धागा बनाते हैं. उसकी जो एरोमा है या सेंसल ऑयल में जो भी प्रॉपर्टीज हैं, चाहे वो एन्टी माइक्रोबिल प्रॉपर्टीज हों या मोस्क्विटो रिपेलेंट प्रॉपर्टीज, कॉकरोच रिपेलेंट समेत अनेक प्रॉपर्टीज फाइबर में होती है.