सरगुजा: अंबिकापुर के पीजी कॉलेज ग्राउंड में सीएम विष्णु देव साय ने ध्वजारोहण किया. साय ने कहा कि नक्सल प्रभावित इलाकों में जिस तेजी से विकास हो रहा है उससे माओवाद आज अंतिम सांसें गिन रहा है. जल्द ही आतंक का बस्तर से नामोनिशान मिट जाएगा. सीएम ने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के बलिदान और संविधान निर्माताओं के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है. विष्णु देव साय ने कहा कि प्रदेश में 5.62 लाख भूमिहीन कृषि मजदूरों को सालाना 10 हजार दिया जा रहा है जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार आएगा. किसानों की खुशहाली के लिए उनके खातों में 49 हजार करोड़ भी ट्रांसफर किए जा रहे हैं.
अंबिकापुर में सीएम विष्णु देव साय ने फहराया तिरंगा: विष्णु देव साय ने 76वें गणतंत्र दिवस पर सरगुजा संभाग मुख्यालय अंबिकापुर के पीजी कॉलेज मैदान में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और संयुक्त परेड की सलामी ली.साय ने गणतंत्र दिवस समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज का दिन हम सबके लिए गौरवशाली है. आज हम देश के गणतंत्र का उत्सव मना रहे हैं. इसके पीछे उन स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का बलिदान है, जिन्होंने भारत को स्वतंत्रता दिलाई, उन संविधान निर्माताओं का योगदान है, जिन्होंने इस संविधान के माध्यम से भारत को दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र बनाया.
शहीदों और विभूतियों को नमन: सीएम ने कहा कि भारत को स्वतंत्र कराने में महान विभूतियों ने अपने प्राणों की आहुति दी है. संविधान की रक्षा के लिए हम उन महापुरुषों के बताए मार्ग पर चलते रहेंगे. सीएम ने कहा कि नक्सलवाद से लड़ते हुए देश की एकता और अखण्डता के लिए अनेक जवानों ने अपना सर्वाेच्च बलिदान दिया, ताकि हम सुरक्षित रह सकें और समाज में शांति स्थापित हो. इन जवानों की शहादत को पूरा छत्तीसगढ़ नमन करता है.
''संविधान है पवित्र दस्तावेज'': सीएम साय ने कहा कि भारत का संविधान एक पवित्र दस्तावेज है. यह वसुधैव कुटुम्बकम् की भावना से प्रेरित है. इसे एक ऐसे राष्ट्र के नागरिकों ने तैयार किया जिनकी भावनाओं के मूल में विश्व बंधुत्व और मानव कल्याण की सोच रही. हमारी आजादी की लड़ाई की सोच हमारे संविधान में पूरी तरह से झलकती है. बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के नेतृत्व में जब हमारे छत्तीसगढ़ से संविधान निर्मात्री समिति के सदस्य संविधान तैयार कर रहे थे, तब निश्चय ही उनके सामने बाबा गुरु घासीदास जी के समतामूलक संदेश, शहीद वीरनारायण सिंह जी के संघर्ष की गाथा और पंडित सुंदरलाल शर्मा जी का छूआछूत विरोधी संघर्ष आदर्श स्वरूप रहे होंगे. इन सभी के विचारों को बाबा साहेब ने अंतिम ड्राफ्ट के रूप में बहुत सुंदरता से पिरोया है.
''जल्द खत्म होगा बस्तर और देश से माओवाद'': सीएम विष्णु देव साय ने कहा कि माओवाद ने अपनी हिंसक विचारधारा से विकास को प्रभावित किया है. सीएम ने कहा कि नक्सलियों ने आम आदमी के जीवन को नरक बना दिया था. इसके साथ ही माओवादी भारत के गणतंत्र को चुनौती देने के लिए गनतंत्र खड़े करने की योजना बनाकर काम कर रहे थे. हमारे सुरक्षा बलों का इनसे लगातार संघर्ष चल रहा है. नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में नई रणनीति बनाकर हमने माओवाद के कैंसर को नष्ट करने का काम किया है. इस कैंसर को नष्ट करने के लिए जरूरी था कि इसकी जड़ों पर प्रहार किया जाए. हमारे जवानों ने माओवादियों के सबसे सुरक्षित पनाहगाहों में हमला किया. इसके नतीजे बहुत अच्छे रहे हैं. 1 साल के भीतर ही हमने माओवादी कैडर के 260 से अधिक आतंकियों को मार गिराया है. अंधेरी सुरंग खुल गई, जो रोशनी फूटी है उससे बस्तर में विकास का उजाला फैला है.
बस्तर पहुंचे थे अमित शाह: सीएम ने कहा कि जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पिछले महीने छत्तीसगढ़ आये तो बस्तर की इसी धरती में ग्राम गुंडम की एक बुजुर्ग मां उनके पास आई थीं. माता जी ने अमित शाह को वनोपजों की टोकरी भेंट की और कहा कि माओवाद को पूरी तरह से नष्ट कर दीजिए. जब सरकार का इरादा, जवानों का हौसला और जनता का संकल्प मिल जाता है, तो कोई भी हिंसक विचारधारा नहीं टिक सकती. बस्तर में माओवाद अब अंतिम सांसे गिन रहा है. शीघ्र ही बस्तर पूरी तरह से नक्सल आतंक से मुक्त होगा.
नक्सलवाद से मिलेगी मुक्ति: मुख्यमंत्री ने कहा कि आतंक से मुक्ति के साथ ही बस्तर में नक्सल प्रभावित रहे क्षेत्रों में विकास की राह भी खुल गई है. इसका माध्यम हमारी सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्लानार योजना बनी है. अरसे बाद स्कूलों में घंटियां गूंजी, पानी बिजली का पुख्ता इंतजाम सुनिश्चित हुआ. आधार कार्ड बने, आयुष्मान कार्ड भी बनें. बस्तर अब उमंग से भरा हुआ है.
बस्तर ओलंपिक की तारीफ: सीएम ने कहा कि हमने यहां बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया. पूरे बस्तर से 1 लाख 65 हजार लोगों ने हिस्सा लिया. इनमें नक्सल हिंसा से प्रभावित परिजन भी थे. आत्मसमर्पित नक्सली भी थे और नक्सल हिंसा में अपने अंग गंवा चुके दिव्यांगजन भी थे. खेलों के इस महाकुंभ में खिलाड़ियों का उत्साह देखते ही बन रहा था, हम सबके लिए यह बहुत भावुक क्षण था, बस्तर ओलंपिक नये बस्तर की पहचान बन गया.
''किसान हितैषी सरकार'': सीएम ने कहा कि किसान परिवार से आने वाले लोगों ने खेती का वो वक्त भी देखा है जब कड़ी मेहनत से धान उपजाने के बाद मंडियों में किसान भाई धान लेकर जाते थे, औने पौने में धान बेचकर आना पड़ता था. बहुत मुश्किल से परिवार चलता था. खरीफ के बाद उनके पास दूसरे राज्यों में जाकर मजदूरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता था. अटल जी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया तो धान खरीदी की व्यवस्था भी शुरु हुई. धान के कटोरे में कोई भी भूखा न सोए इसके लिए मुख्यमंत्री खाद्यान्न सहायता योजना भी आरंभ हुई. यह काम इतने व्यवस्थित तरीके से हुआ कि छत्तीसगढ़ देश में खाद्य सुरक्षा का माडल राज्य बन गया.
धान खरीदी में बना रिकार्ड: सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ बनने के बाद शुरूआती दौर में धान खरीदी लगभग 4.63 लाख मीट्रिक टन के आसपास हुई. पिछली बार यह आंकड़ा 145 लाख मीट्रिक टन को छू गया. हमारी सरकार किसान भाइयों को धान का सबसे अच्छा मूल्य दे रही है. हमने किसान भाइयों से 3100 प्रति क्विंटल तथा 21 क्विंटल प्रति एकड़ में धान खरीदा. किसानों से किये वायदे के अनुरूप हमने 13 लाख किसानों को दो साल का बकाया बोनस भी दिया. इन सबके चलते पिछले सत्र में हमने किसान भाइयों के खाते में 49 हजार करोड़ अंतरित किए.
किसानों के खाते में ट्रांसफर हो रहा पैसा: सीएम ने कहा कि किसानों के खाते में हम लगातार समर्थन मूल्य की राशि दे रहे हैं. प्रति क्विंटल अंतर की राशि 800 रुपए हमारी सरकार के द्वारा आदान सहायता के रूप में एक मुश्त फरवरी माह में किसान भाइयों के खाते में भेजने का निर्णय लिया. इसके साथ ही प्रदेश में भूमिहीन कृषि मजदूरों के लिए हमने दीनदयाल उपाध्याय भूमिहीन कृषि मजदूर कल्याण योजना का शुभारंभ भी किया. इसके अंतर्गत हम 5 लाख 62 हजार भूमिहीन कृषकों को 10 हजार सालाना प्रदान कर रहे हैं.