रायपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना वायरस का कहर नहीं थम रहा है. कोरोना के बेकाबू होते आंकड़ों से स्वास्थ्य विभाग भी सकते में है. कोरोना महामारी ने अबतक करीब 728 जिंदगियां छीन ली हैं. लाखों लोग अब भी मौत से जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं. सरकार के तमाम इंतजाम नाकाफी नजर आ रहे हैं और कोरोना की नॉन स्टॉप रफ्तार से प्रदेश सहम उठा है.
छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना वायरस के केस बढ़ रहे हैं. रोजाना हजारों मामले सामने आ रहे हैं. इसे देखते हुए कोरोना टेस्ट की भी संख्या बढ़ाई जा रही है. स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बताया कि इन दिनों हमने कोरोना टेस्ट के लिए रोजाना 20, 000 का लक्ष्य रखा है. हम इस लक्ष्य को पाने में कई बार सफल भी हो रहे हैं. फिलहाल प्रदेश में लगातार टेस्टिंग हो रही है, जो टारगेट जिलेवार दिए गए थे, उसे भी अच्छे से पूरे किए जा रहे हैं.
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छत्तीसगढ़ में फिलहाल 3 तरीके से कोरोना की जांच की जा रही है. इनमें रैपिड एंटीजन किट , आरटी-पीसीआर( RT-PCR) और ट्रू-नाट विधि शामिल है.
रैपिड एंटीजन जांच
बाहर से शरीर के अंदर आने वाले वायरस को एंटीजन कहा जाता है. शरीर में ऐसे किसी वायरस के आने पर रोग प्रतिरोधक क्षमता डेवलप होती है. जिसे एंटी बॉडी कहा जाता है. एंटी बॉडी का पता लगाने के लिए ही इस किट का उपयोग किया जाता है. खास बात यह भी है कि इसकी रिपोर्ट महज 15 से 30 मिनट के अंदर ही आ जाती है. इस रिपोर्ट की सत्यता RT-PCR के तहत होती है. एंटीजन टेस्ट में आरटी पीसीआर की तरह ही नाक और मुंह से स्वाब लिया जाता है, लेकिन इसकी रिपोर्ट 10 से 15 मिनट में ही आ जाती है. इसमें कई बार यह संभावना रहती है कि किसी भी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आ सकती है. ऐसे में सरकार ने कई दिशा निर्देश दे दिए हैं. साथ ही आरटी पीसीआर टेस्ट कराने की सलाह दी जा रही है.
RT-PCR टेस्ट क्या है..?
रिवर्स ट्रांसक्रिप्सन पॉलिमराइज चेन रिएक्सन ये टेस्ट लैब में होती है. जांच के लिए नाक और गले से स्वॉब के जरिए सैंपल लिया जाता है. इस तकनीक से वायरस के RNA का पता चलता है. पहले RNA को DNA में बदलने के लिए रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन प्रक्रिया अपनाई जाती है. इस विधि को संक्रमण का पता लगाने के लिए सबसे बेहतर माना जाता है. RT-PCR अभी तक कोरोना के लिए सबसे अच्छा टेस्ट माना गया है. सबसे सटीक इसी के माध्यम से जांच की जा सकती है, लेकिन आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट आने में काफी समय लगता है. इस को ध्यान में रखते हुए अन्य तरीकों से भी कोरोना वायरस टेस्ट किया जा रहा है.
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ट्रू-नाट जांच क्या है..?
TrueNat मशीन एक चिप-आधारित पोर्टेबल किट है. यह बैटरी पर चलती है. नाक या मुंह के स्वाब से संक्रमण का पता लगाया जाता है. दो चरण में जांच पूरी की जाती है. पहले चरण में ई-जीन स्क्रीनिंग होती है. सभी निगेटिव को ट्रू नेगेटिव माना जाता है. सभी पॉजीटिव की दूसरे चरण की जांच होती है. ट्रूनाट के माध्यम से एक साथ छह लोगों की टेस्टिंग की जा सकती है. इसमें अगर किसी व्यक्ति की रिपोर्ट निगेटिव आती है, तो उसे क्लीन चिट दे दिया जाएगा, लेकिन यदि किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आएगी, तो उससे फिर से स्वाब से RT-PCR या एंटीजन टेस्ट कराना पड़ता.
छत्तीसगढ़ में अबतक 81 हजार 617 पॉजिटिव केस हैं. 35 हजार 244 लोग रिकवर हो चुके हैं. 36 हजार 580 एक्टिव केस हैं. अबतक 645 लोगों की मौत हो चुकी है. अबतक कुल 9 लाख 9 हजार 701 लोगों के सैंपल टेस्ट किए गए हैं. जिनमें प्रदेश में RT-PCR से अब तक 5,23,398 टेस्ट किए जा चुके हैं. True Nat के जरिए अब तक 49,761 और रैपिड Antigen kit से 4, 73, 375 जांच की गई है.
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कोरोना के लक्षण
कोरोना संक्रमित मरीजों को खांसी, बुखार, जुकाम, शरीर में दर्द, पेट में दर्द होता है, लेकिन इम्यूनिटी सिस्टम स्ट्रांग नहीं होने पर यह जानलेवा साबित हो सकता है. लिहाज़ा कोरोना के लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लें.
कैसे करें बचाव
- मास्क लगाना अनिवार्य.
- खाना खाने से पहले हाथ धोएं.
- अपने आसपास साफ-सफाई करें.
- कोरोना बीमारी से ग्रसित लोगों से दूर रहें.
- सैनिटाइजर का उपयोग करें.
छत्तीसगढ़ में कोरोना मरीजों के लिए बेड और अस्पताल
छत्तीसगढ़ में कोविड-19 मरीजों के लिए कुल 30 हजार से अधिक बेड हैं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक प्रदेश में कुल 29 कोविड-19 अस्पताल और 186 कोविड-19 केयर सेंटर हैं. अस्पतालों में 3 हजार 551 बेड और कोविड केयर सेंटर में 25,560 बेड उपलब्ध हैं. राज्य के 19 निजी चिकित्सालय भी कोविड मरीजों का इलाज कर रहे हैं, जिनमें 1 हजार 304 बेड हैं. कोविड-19 अस्पतालों में 2 हजार 775 जनरल, 406 आईसीयू और 370 एचडीयू बेड हैं. जहां डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं.
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ICMR के सदस्य डॉ. राकेश गुप्ता ने बताया कि प्रदेश में 3 पद्धति से कोरोना टेस्ट किए जा रहे हैं. रोजाना एक नया आंकड़ा चीज करने की भी कोशिश की जा रही है. टेस्टिंग को बढ़ावा देना उस वक्त एकलौता विकल्प है. ऐसे में सरकार कोशिश कर रही है. स्वास्थ्य विभाग कोशिश कर रहा है कि ज्यादा से ज्यादा टेस्ट किए जाए लोगों को भी जरूरी है कि वे टेस्ट करवाने आएं और घर से बाहर न निकलें.
छत्तीसगढ़ में टेस्टिंग को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने लक्ष्य निर्धारित कर दिया है. लगभग रोज 20,000 टेस्ट किए जाएंगे. इसके अलावा सभी जिले में कोरोना टेस्ट का लक्ष्य रखा गया है. राजधानी रायपुर में जनसंख्या के मद्देनजर रोजाना सात से आठ हजार लोगों का टेस्ट किया जाता था, लेकिन अब इसे 10 हजार करने की कोशिश की जा रही है.