रायपुर : छत्तीसगढ़ में लगातार कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या कम हो रही है. वहीं प्रदेश में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या (chhattisgarh corona update) भी अब काफी कम हो गई है. प्रदेश में अब 200 से कम संक्रमित मरीज मिल रहे हैं. जिस तरह डॉक्टर अनुमान लगा रहे थे कि कोरोना की तीसरी लहर प्रदेश में घातक साबित होगी और संक्रमितों की संख्या इस दौरान काफी ज्यादा रहेंगी. तीसरी लहर में ऐसा देखने को नहीं मिला है. हालांकि संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी थी, लेकिन जितनी तेजी से संक्रमित मरीजों की संख्या बढ़ी थी उतनी तेजी से कम हो गई.
तीसरी लहर के दौरान 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत मरीज होम आइसोलेशन में हुए ठीक
तीसरी लहर का असर प्रदेश में ज्यादा देखने को नहीं मिला. हालांकि लोग तेजी से संक्रमित हुए, लेकिन 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत लोग होम आइसोलेशन में ही ठीक हो गए. जनवरी माह की बात की जाए तो 1 जनवरी से 31 जनवरी तक प्रदेश में कुल 1 लाख 12 हजार 510 लोग संक्रमित हुए थे. इसमें से 90 प्रतिशत से 95 प्रतिशत यानी करीब 1 लाख से ज्यादा लोग होम आइसोलेशन में रहकर ही ठीक हुए हैं. हालांकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से प्रदेश के करीब सभी अस्पतालों में बेड की संख्या पर्याप्त रही, लेकिन हॉस्पिटल में एडमिट होने वाले मरीजों की संख्या इतनी कम थी कि बेड की जरूरत ही नहीं पड़ी.
छत्तीसगढ़ में अबतक 11 लाख 34 हजार 777 मरीज हुए ठीक
छत्तीसगढ़ में कोरोना की पहली लहर से अब तक संक्रमित हुए मरीजों की बात की जाए तो अबतक प्रदेश में 11 लाख 50 हजार 690 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इनमें से 11 लाख 34 हजार 777 लोगों ने कोरोना से जंग जीती है. ठीक होने वाले मरीजों में 9 लाख 57 हजार 303 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हुए हैं. वहीं 1 लाख 77 हजार 474 मरीज हॉस्पिटल से ठीक होकर डिस्चार्ज हुए हैं. 1 जनवरी से 26 फरवरी तक प्रदेश में कुल 1 लाख 42 हजार 224 संक्रमित मरीज मिले हैं. इनमें से 1 लाख 40 हजार 959 मरीज ठीक हुए है. वहीं इसमें से हॉस्पिटल में एडमिट होकर डिस्चार्ज होने वाले मरीजों की संख्या 6000 और 1 लाख 34 हजार 570 मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हुए हैं.
पहली और दूसरी लहर की तुलना में तीसरी लहर के दौरान संक्रमित हुए मरीजों में बच्चों की संख्या ज्यादा
कोरोना की तीसरी लहर लोगों के लिए ज्यादा खतरनाक तो साबित नहीं हुई, लेकिन तीसरी लहर के दौरान संक्रमित मरीजों में 15 प्रतिशत मरीज बच्चे थे. वहीं तीसरी लहर में होने वाली मौतों में को-मोबिडिटी पेशेंट मरीजों की संख्या करीबन 90 प्रतिशत रही है. पहली लहर में संक्रमित होने वाले मरीजों में 3 प्रतिशत मरीज बच्चे थे. दूसरी लहर के दौरान यह संख्या बढ़कर 6 प्रतिशत हो गई थी. वहीं अब तीसरी लहर में 15 प्रतिशत बच्चे संक्रमित मिले हैं. हालांकि अच्छी बात यह है कि कोरोना से होने वाली मौतों में बच्चों की संख्या काफी कम रही है.