रायपुरः पूरा देश मौजूदा समय में कोरोना की तीसरी लहर से त्राहि में है. लगातार बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए बाजार बंद किया जा रहा है. चूंकि त्यौहारी सीजन के साथ-साथ शादी का सीजन भी चल रहा है. ऐसे समय में लोग खरीदारी काफी अधिक करते हैं. लेकिन राजधानी रायपुर में कोरोना के बढ़ते प्रकोप के कारण नाइट कर्फ्यू के साथ-साथ कई जगहों पर साप्ताहिक बंदी भी घोषित कर दी गई है. ऐसे में कपड़ा के साथ-साथ बर्तन का व्यवसाय भी पूरी तरह से चौपट हो चुका है. बाजार से ग्राहक गायब से हो गये हैं. बर्तन का कारोबार 40 फीसद पर सिमटकर रह गया है.
प्रदेश में 2 हजार बर्तन के दुकान
पूरे प्रदेश में छोटे-बड़े मिलाकर लगभग 2 हजार बर्तन की दुकान है. अकेले रायपुर में छोटी-बड़ी दुकानों को मिलाकर 200 के आसपास है. 14 जनवरी से खरमास खत्म होने के बाद धार्मिक और वैवाहिक कार्यक्रमों की भी शुरूआत हो गई है. शादी के सीजन में बर्तन दुकानों में बर्तन खरीदी को लेकर रौनक देखने को मिलती थी, लेकिन बढ़ते कोरोना संक्रमण ने इन दुकानों पर ग्रहण लगा दिया है.
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शादी के त्यौहार में बर्तन का त्यौहार मंदा
इस विषय में बर्तन कारोबारी कहते हैं कि ग्रामीण इलाकों में थोड़ी बहुत शादी इस समय हो रही है. बर्तन का कारोबार 40 फीसद पर सिमट कर रह गया है. शादियों के सीजन में लोग स्टील, अल्मुनियम, तांबा, पीतल और काँसा के बर्तन शादियों के लिए खरीदी करते थे. लेकिन अब इसकी मांग भी पहले की तुलना में काफी कम हो गई है.
आने वाले समय में बर्तन कारोबार कैसा रहेगा, यह व्यापारियों की समझ से परे है.बढ़ते कोरोना संक्रमण की वजह से बर्तन दुकानों में सन्नाटा पसरा हुआ है. दुकानदार ग्राहकों के इंतजार में दिन भर बैठे रहते हैं. बहुत कम ग्राहक इन दुकानों पर बर्तन की खरीदी करने पहुंच रहे हैं. बर्तन दुकानदार भी आने वाले समय में शासन प्रशासन द्वारा लॉकडाउन लगाए जाने को लेकर भयभीत नजर आ रहे हैं. कुछ दुकानदार बर्तन दुकान वाले बर्तन का स्टॉक भी कम कर दिए हैं.
ओमीक्रोन की दस्तक ने बढ़ायी चिंता
नए साल की शुरूआत में ही कोरोना का नया वेरिएंट ओमिक्रोन ने प्रदेश में दस्तक दे दिया था. जिसके बाद प्रशासन की चिंता बढ़ गई थी. इसकी रोकथाम के लिए कदम उठाए जा रहे हैं.