रायपुर: छत्तीसगढ़ में 2 अक्टूबर से शुरू कोरोना सघन सामुदायिक सर्वे अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम घर-घर जाकर कोविड-19 के लक्षण वाले मरीजों की पहचान करेगी. अभियान के लिए ग्रामीण और शहरी इलाकों में मितानिनों, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं की ड्यूटी लगाई गई है. बहुउद्देश्यीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग का मैदानी अमला भी इस काम में जुटा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने सभी सर्वे दलों को अभियान के दौरान कोरोना संक्रमण से बचने के सभी उपायों और प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश भर में यह सघन अभियान 12 अक्टूबर तक संचालित किया जाएगा.
अभियान के दौरान घर-घर जाकर सघन सामुदायिक सर्वे कर कोविड-19 के सभी मरीजों की जल्द से जल्द पहचान कर तुरंत उपचार सुनिश्चित किया जाएगा. साथ ही आइसोलेशन के जरिए संक्रमण की श्रृंखला भी तोड़ी जाएगी. अभियान के लिए गठित सर्वे दल क्षेत्रवार घरों में भ्रमण कर कोरोना संक्रमण के लक्षण वाले लोगों की जानकारी जुटाएगी. जानकारी के आधार पर खंड चिकित्सा अधिकारी द्वारा इनकी जांच की व्यवस्था की जाएगी. बुखार, सर्दी, खांसी, सांस लेने में तकलीफ, बदन दर्द, दस्त और उल्टी, सूंघने या स्वाद की क्षमता घटने जैसे लक्षणों वाले व्यक्तियों को संदिग्ध मरीजों की श्रेणी में रखा जाएगा.
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कोरोना के संदिग्ध मरीजों की संख्या ज्यादा होने पर प्राथमिकता के आधार पर उच्च जोखिम समूहों की पहले जांच की जाएगी. 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के व्यक्तियों, गर्भवती महिलाओं, पांच वर्ष से कम आयु के बच्चों, मधुमेह, उच्च रक्तचाप, किडनी रोग, कैंसर, टी.बी., सिकलसेल और एड्स के पीड़ितों को उच्च जोखिम वर्ग में शामिल किया गया है. उच्च जोखिम समूह के लक्षणात्मक व्यक्तियों की रैपिड एंटीजन जांच रिपोर्ट निगेटिव आने भी उनके सैंपल की आरटीपीसीआर जांच करवाई जाएगी.