रायपुर: छत्तीसगढ़ के करीब 80 फीसदी इलाकों में कोरोना की दूसरी लहर कमजोर (second wave of corona) पड़ चुकी है. पॉजिटिवटी रेट 2.9 प्रतिशत और रिकवरी दर 95 प्रतिशत से ज्यादा है. लेकिन उत्तर छत्तीसगढ़ ( North Chhattisgarh) में कुछ जिले ऐसे हैं जहां अभी भी कोरोना संक्रमण (Corona infection) का स्तर बना हुआ है. इनमें रायगढ़, जांजगीर, सरगुजा, कोरिया, सूरजपुर बलरामपुर, जशपुर शामिल हैं. इन जिलों में कोरोना के नए मरीजों की संख्या में कमी नहीं आ रही है और न ही मौतें कम हो रही हैं. सभी जिलों में एक्टिव केसेस की संख्या 15 सौ से ऊपर है.
आइए अब नजर डालते हैं इन जिलों में कोरोनो संक्रमण की क्या स्थिति है ? ये आंकड़े 3 जून तक के हैं-
तारीख | रायगढ़ | जांजगीर-चांपा | सरगुजा | सूरजपुर | जशपुर | प्रदेश में कुल कोरोना संक्रमित |
3 जून को नए केस | 135 | 95 | 83 | 107 | 111 | 1619 |
2 जून को नए केस | 133 | 166 | 102 | 138 | 103 | 1792 |
1 जून को नए केस | 177 | 125 | 126 | 126 | 117 | 1886 |
31 मई को नए केस | 160 | 119 | 147 | 185 | 182 | 2163 |
30 मई को नए केस | 131 | 100 | 151 | 171 | 97 | 1655 |
जिले में टोटल एक्टिव केस | 2391 | 1887 | 2114 | 2425 | 1698 | 29378 |
इस तरह पिछले पांच दिनों में प्रदेश में कुल 9125 कोरोना संक्रमित सामने आए हैं. इनमें से 3287 कोरोना संक्रमित मरीज (corona infected patient) इन पांच जिलों के मरीज हैं. इन जिलों में जो मरीज सामने आ रहे हैं, उनमें ज्यादातर ग्रामीण और कस्बाई इलाके के हैं.
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ETV भारत ने डॉक्टरों, स्थानीय जानकारों और विशेषज्ञों से चर्चा की और समझने की कोशिश की कि आखिर इन जिलों में संक्रमण ज्यादा क्यों है ? बातचीत में ये तथ्य निकलकर सामने आए.
पहला कारण: ग्रामीण इलाकों में शादी समारोह में भीड़
तमाम चेतावनी और रोक के बाद भी गांवों में शादी समारोह धड़ल्ले से हो रहे हैं. इसमें सामान्य दिनों जितनी तो नहीं लेकिन कोरोना गाइडलाइन (corona guideline) से ज्यादा लोग जुट रहे हैं. इन समारोह में लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना रहता है.
दूसरा कारण: सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न हो पाना
कुछ जिलों में लगातार कोशिश के बाद भी कोविड गाइडलाइन (covid guideline) की अनदेखी हो रही है. प्रशासन लगातार चेता रहा है कि बिना जरूरी काम के घर से न निकलें. फिर भी लोग इसकी गंभीरता को नहीं समझ पा रहे हैं.
तीसरा कारण: वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार
इन जिलों में से कई इलाकों में खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में कोरोना वैक्सीनेशन (corona vaccination) ने रफ्तार नहीं पकड़ी है. इसके चलते भी हो सकता है कि दूसरे इलाकों से यहां संक्रमित कुछ ज्यादा नजर आ रहे हैं.
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चौथा कारण: दूसरे राज्यों से मजदूरों का आवागमन
इनमें से ज्यादातर जिले अलग-अलग राज्यों की सीमाओं से लगे हुए हैं. इन इलाकों में स्थित गांवों के लोगों का अक्सर दूसरे राज्यों से आना-जाना बना रहता है. कई गांवों में शहरों से मजदूर लौटे हैं. इसलिए भी यहां संक्रमण का स्तर 100 से ऊपर बना हुआ है.
पांचवां कारण: 'बड़े जिलों से छोटे जिलों में पहुंचा कोरोना'
प्राइवेट प्रैक्टिशनर डॉक्टर राकेश गुप्ता (Dr Rakesh Gupta) ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के समय अर्ध शहरी इलाके और ग्रामीण इलाकों से मजदूर काम करने शहर पहुंचे. आम लोग खरीदारी करने, शादी समारोह के लिए शहरों में आए और वापस अपने गांव पहुंचे. जिससे छोटे जिलों और ग्रामीण इलाकों में कोरोना संक्रमण बढ़ा. हालांकि अब धीरे-धीरे ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में कोरोना संक्रमण के केस जरूर कम हो रहे हैं. राकेश गुप्ता ने बताया कि पिछले कुछ दिनों पहले ग्रामीण इलाकों में कॉम्प्लिकेटेड मरीजों की संख्या ज्यादा थी लेकिन अब वह भी सुधार की ओर है. ग्रामीण क्षेत्रों में सामाजिक गाइडलाइन का पालन शहरों की अपेक्षा ज्यादा हो रहा है. जिससे अब इन जिलों में स्थिति नियंत्रण होने में ज्यादा समय नहीं लगेगा.
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'गांवों में वैक्सीनेशन बड़ी समस्या'
डॉक्टर राकेश गुप्ता ने कहा कि ग्रामीण और अर्ध शहरी इलाकों में वैक्सीनेशन (vaccination) एक बड़ी समस्या है. लोग वैक्सीनेशन के लिए सामने नहीं आ रहे हैं. इसे बढ़ावा देने के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं, जनप्रतिनिधियों, हेल्थ वर्कर्स, आशा मितानिन बहनों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण होने वाली है. इनके आगे आने से ग्रामीण इलाकों में वैक्सीनेशन को बढ़ावा मिलेगा. वैक्सीन की कमी के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीन पहुंचने में थोड़ा समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि कोरोना को मात देने में वैक्सीनेशन ही स्थायी हल है.