रायपुर: कोविड-19 महामारी ने देश के लगभग सभी राज्य में अपने पैर पसार लिए हैं. तेजी से बढ़ रही संक्रमितों की संख्या चिंता का विषय बनी हुई है. इसका असर शादी और पार्टी में बैंड-बाजा बजाने वाले कलाकारों के जीवन पर भी पड़ रहा है. शादी और दूसरे कार्यक्रमों में बैंड बाजा बजाने वाले कलाकार परेशान हैं. बुकिंग नहीं मिलने से उनकी माली हालात दयनीय हो गई है.
कोरोना के कारण बैंड-बाजा भी लॉक है. बैंड पार्टी से अपनी आजीविका चलाने वाले कलाकार मायूस हैं. अनलॉक के बाद जहां बाजारों में आर्थिक गतिविधियां शुरू हो गई है, वहीं बैंड बाजा बजाने वाले कलाकरों के को दोहरी मार पड़ रही है. कोरोना के कारण शादी-विवाह और अन्य मांगलिक कार्यों पर लगे ग्रहण से बैंड बाजा और उससे जुड़े लोगों का काम पूरी तरह ठप्प हो गया है. लॉकडाउन के पहले शादी विवाह करने वाले लोगों ने काम के लिए आर्डर दिए थे, लेकिन अबतक जितने लोगों ने आर्डर दिए थे उन्होंने भी अपने रुपए वापस ले लिए हैं.
6 महीने से काम ठप
रायपुर छत्तीसगढ़ ब्रास बैंड के उपाध्यक्ष मोहम्मद सलीम सिद्दीकी ने बताया कि पिछले 6 महीने से उन्हें कोई काम नहीं मिला है. कई बैंड पार्टियों ने दुकान का किराया नहीं पटा पाने की वजह से दुकान खाली कर दिया है. उन्होंने प्रशासन से गुहार लगाई है कि गणपति विसर्जन और आने वाले शादियों के सीजन में उन्हें बैंड बाजा बजाने के लिए उन्हें छूट दी जाए. सलीम सिद्दीकी ने कहा है कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए वे कम से कम कलाकार के साथ शादी पार्टियों में बैंड बजाऐंगे. इससे शासन के नियमों का पालन भी हो जाएगा और बैंड पार्टी वाले भी अपना परिवार चला सकेंगे.
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12 से 15 कलाकारों के साथ काम शुरू करने की मांग
बैंड पार्टी के संचालक अब्दुल लतीफ ने बताया इसके पहले भी उन्होंने अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई थी, लेकिन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया गया. उन्होंने कहा कि सरकार किसानों का ध्यान रख रही है, पशुपाल की ओर ध्यान दिया जा रहा है, लेकिन कलाकारों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. कलाकारों ने सरकार से 12 से 15 कलाकरों के साथ काम शुरू करने की अनुमति मांगी है.
बैड पार्टी संचालक मुकेश साहू ने बताया के उनके पास तकरीबन 25 कलाकार काम करते हैं जो रायपुर और अन्य प्रदेश से हैं. कोरोना काल में अपना घर चलाने के साथ-साथ उनकी मदद भी की जा रही है, लेकिन अब खुद का घर चलाना मुश्किल होता जा रहा है.