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छत्तीसगढ़ में लगाया जा सकता है कोरोना टैक्स, विपक्ष ने जताई आपत्ति

छत्तीसगढ़ में सरकार कोरोना सेस (corona Cess) लगाने की तैयारी में है. मंत्री टीएस सिंहदेव (minister ts singhdeo) का कहना है कि कोरोना की वजह से प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब है. हालांकि अभी इस पर फैसला नहीं लिया गया है. विपक्ष ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए इसपर आपत्ति जताई है.

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Published : May 31, 2021, 3:37 PM IST

Updated : May 31, 2021, 11:06 PM IST

Corona Cess can be imposed in Chhattisgarh
मंत्री टीएस सिंहदेव

रायपुर: कोरोना की वजह से राज्यों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. कोरोना काल में उद्योग, धंधे, व्यापार, रोजगार सब ठप पड़े हुए हैं. इसका असर सरकार की आय पर भी पड़ा है. आलम यह है कि अब आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकारें प्रदेश की जनता पर नया टैक्स या उपकर (सेस) लगाने की फिराक में है. यह सरकारें जल्द कोरोना सेस या उपकर लगाने की तैयारी में है. उन राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है. जिसने केंद्र सरकार से 1% कोरोना सेस लगाने को लेकर चर्चा की है.

छत्तीसगढ़ में लगाया जा सकता है कोरोना टैक्स

हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने उपकर (सेस) लगाने की अनुमति नहीं दी है. बावजूद इसके राज्य सरकार सेस को लेकर तैयारी में जुट गई है. यदि केंद्र सरकार से यह कोरोना सेस लगाने की अनुमति मिलती है तो छत्तीसगढ़ में 1% कोरोना सेस लगाया जाएगा.

छोटे राज्यों के आर्थिक हालात ज्यादा खराब

जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव से जब यह सवाल किया गया कि क्या आर्थिक स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार कोई नया टैक्स है या फिर कोविड-19 उपकर लगा सकती है ? जिसके जवाब में मंत्री सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में सिक्किम ने इस बात को उठाया कि उनके यहां कोरोना के खर्चे इत्यादि के लिए पैसों का बहुत अभाव है और तुलनात्मक दृष्टि से पैसे बहुत कम हैं. छोटे राज्यों के अपने राजस्व के संसाधन नहीं के बराबर होते हैं. सिक्किम की तरफ से यह प्रपोजल आया था कि 1% सेस लगाया जाए. सभी राज्यों का कहना था कि केरल में सेस लगाने की अनुमति मिली थी. केरल में उस समय भीषण बाढ़ की स्थिति थी. उस परिस्थिति में 2 साल की सेस लगाने की अनुमति केरल सरकार को मिली थी. कोरोना के नाम पर यदि एक राज्य सेस लगाने देते हैं तो हर राज्य में कोरोना की यहीं स्थिति है. इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है.

छत्तीसगढ़ में शराब पर कोरोना टैक्स

1% सेस लगाया जा सकता है

क्या छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 1% कोरोना सेस लगाने के पक्ष में हैं ? इसपर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि पैसे नहीं हैं. सरकार के पास पैसों का अभाव है. 1% सेस अगर कहीं पूरे देश में लगाने की बात होती है तो छत्तीसगढ़ भी 1% सेस लगाएगी.

इस साल अच्छी आमदनी का अनुमान

जब मंत्री सिंहदेव से राजस्व के आवक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले साल जीएसटी के करीब 1330 करोड़ कम मिले थे, सीधा-सीधा आधा, जो हमको मिलना चाहिए था, जो हमारा शॉर्ट फुल था. 2666 करोड़ हमारा शेष था, उसमें से केंद्र सरकार से 1835 करोड़ हमको लोन इत्यादि के लिए मिला और बाकी जो शेष है, वह डूब गया. जबकि यह 14% प्रोटेक्टेड वैल्यू की बात है. सिंहदेव ने कहा कि इस साल प्रोटेक्टेड वैल्यू 16 हजार करोड़ लगभग आंकी गई है. इसमें आमदनी ज्यादा होगी ऐसा हम लोगों को अनुमान है.

छत्तीसगढ़ का पहला जिला जहां आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मापेंगी तापमान व ऑक्सीजन लेवल

बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ सरकार के 1% कोरोना सेस लगाए जाने की तैयारी को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर मदद की जा रही है. ऐसे समय में जनता पर कर लगाकर राज्य सरकार अतिरिक्त बोझ डाल रही है. छत्तीसगढ़ पहले से ही लगाए गए टैक्स से परेशान है. पहले ही राज्य सरकार ने कोरोना के नाम पर शराब पर टैक्स लगा रखा है. उपासने ने कहा कि सरकार के पास अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अनेक तंत्र और संसाधन मौजूद है. उससे आर्थिक अभाव को दूर किया जा सकता है.

सेस लगाने से जनता पर क्या पड़ेगा प्रभाव ?

1% कोरोना सेस लगाने से छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति और जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? इस विषय पर ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से बात की. हनुमंत यादव ने कहा कि यदि राज्य सरकार किसी तरह का टैक्स लगाती है तो उसके लिए उन्हें विधानसभा में पारित करवाना पड़ता है, लेकिन कोई उपकर या फिर सेस लगाया जाता है तो उसके लिए किसी तरह की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है. जिस प्रकार केंद्र सरकार ने कृषि के नाम पर उपकर लगाया. उसी प्रकार स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर भी उपकार लगाया गया है. इस उपकर की अनुमति वित्तीय वर्ष में विधानसभा की समाप्ति पर विधानसभा में लेनी होती है.

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने

हनुमंत यादव ने कहा कि चाहे कर हो या उपकर, इन दोनों का असर जनता पर पड़ता है, लेकिन यह कह सकते हैं कि इस टैक्स को देने पर जनता को ज्यादा तकलीफ नहीं होती है, हालांकि कुछ समय के लिए नाराजगी हो सकती है. जैसा कि डीजल-पेट्रोल पर अभी कर लगाया गया है. लोगों ने विरोध किया, लेकिन वह कर जनता लगातार दे रही है. इस कर के लगाने से कहीं भी ऐसा देखने को नहीं मिला कि डीजल-पेट्रोल की खपत कम हुई हो.

क्या होता है सेस या उपकर ?

सेस या उपकर टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला कर होता है. यह किसी विशेष उद्देश्य के लिए लगाया जाता है. जब इस उपकर को लगाने का मकसद पूरा हो जाता है तो इसे हटा दिया जाता है.

सेस लगाने की तैयारी में सरकार

बहरहाल राज्य सरकार कोरोना के कारण उत्पन्न आर्थिक बदहाली से निपटने के लिए जल्द कोरोना उपकर या सेस लगाने की तैयारी में है. अब देखने वाली बात है कि इस सेस का जनता पर क्या असर पड़ेगा और विपक्ष इसे किस रूप में लेगा?

रायपुर: कोरोना की वजह से राज्यों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती जा रही है. कोरोना काल में उद्योग, धंधे, व्यापार, रोजगार सब ठप पड़े हुए हैं. इसका असर सरकार की आय पर भी पड़ा है. आलम यह है कि अब आर्थिक तंगी से जूझ रही राज्य सरकारें प्रदेश की जनता पर नया टैक्स या उपकर (सेस) लगाने की फिराक में है. यह सरकारें जल्द कोरोना सेस या उपकर लगाने की तैयारी में है. उन राज्यों में छत्तीसगढ़ भी शामिल है. जिसने केंद्र सरकार से 1% कोरोना सेस लगाने को लेकर चर्चा की है.

छत्तीसगढ़ में लगाया जा सकता है कोरोना टैक्स

हालांकि अभी तक केंद्र सरकार ने उपकर (सेस) लगाने की अनुमति नहीं दी है. बावजूद इसके राज्य सरकार सेस को लेकर तैयारी में जुट गई है. यदि केंद्र सरकार से यह कोरोना सेस लगाने की अनुमति मिलती है तो छत्तीसगढ़ में 1% कोरोना सेस लगाया जाएगा.

छोटे राज्यों के आर्थिक हालात ज्यादा खराब

जीएसटी मंत्री टीएस सिंहदेव से जब यह सवाल किया गया कि क्या आर्थिक स्थिति को देखते हुए आने वाले समय में छत्तीसगढ़ सरकार कोई नया टैक्स है या फिर कोविड-19 उपकर लगा सकती है ? जिसके जवाब में मंत्री सिंहदेव ने कहा कि जीएसटी काउंसलिंग की बैठक में सिक्किम ने इस बात को उठाया कि उनके यहां कोरोना के खर्चे इत्यादि के लिए पैसों का बहुत अभाव है और तुलनात्मक दृष्टि से पैसे बहुत कम हैं. छोटे राज्यों के अपने राजस्व के संसाधन नहीं के बराबर होते हैं. सिक्किम की तरफ से यह प्रपोजल आया था कि 1% सेस लगाया जाए. सभी राज्यों का कहना था कि केरल में सेस लगाने की अनुमति मिली थी. केरल में उस समय भीषण बाढ़ की स्थिति थी. उस परिस्थिति में 2 साल की सेस लगाने की अनुमति केरल सरकार को मिली थी. कोरोना के नाम पर यदि एक राज्य सेस लगाने देते हैं तो हर राज्य में कोरोना की यहीं स्थिति है. इस बात पर अभी फैसला नहीं हुआ है.

छत्तीसगढ़ में शराब पर कोरोना टैक्स

1% सेस लगाया जा सकता है

क्या छत्तीसगढ़ सरकार राज्य में 1% कोरोना सेस लगाने के पक्ष में हैं ? इसपर स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव ने कहा कि पैसे नहीं हैं. सरकार के पास पैसों का अभाव है. 1% सेस अगर कहीं पूरे देश में लगाने की बात होती है तो छत्तीसगढ़ भी 1% सेस लगाएगी.

इस साल अच्छी आमदनी का अनुमान

जब मंत्री सिंहदेव से राजस्व के आवक को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने बताया कि पिछले साल जीएसटी के करीब 1330 करोड़ कम मिले थे, सीधा-सीधा आधा, जो हमको मिलना चाहिए था, जो हमारा शॉर्ट फुल था. 2666 करोड़ हमारा शेष था, उसमें से केंद्र सरकार से 1835 करोड़ हमको लोन इत्यादि के लिए मिला और बाकी जो शेष है, वह डूब गया. जबकि यह 14% प्रोटेक्टेड वैल्यू की बात है. सिंहदेव ने कहा कि इस साल प्रोटेक्टेड वैल्यू 16 हजार करोड़ लगभग आंकी गई है. इसमें आमदनी ज्यादा होगी ऐसा हम लोगों को अनुमान है.

छत्तीसगढ़ का पहला जिला जहां आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर मापेंगी तापमान व ऑक्सीजन लेवल

बीजेपी ने राज्य सरकार को घेरा

छत्तीसगढ़ सरकार के 1% कोरोना सेस लगाए जाने की तैयारी को लेकर भाजपा ने पलटवार किया है. भाजपा के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि कोरोना से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से हर मदद की जा रही है. ऐसे समय में जनता पर कर लगाकर राज्य सरकार अतिरिक्त बोझ डाल रही है. छत्तीसगढ़ पहले से ही लगाए गए टैक्स से परेशान है. पहले ही राज्य सरकार ने कोरोना के नाम पर शराब पर टैक्स लगा रखा है. उपासने ने कहा कि सरकार के पास अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए अनेक तंत्र और संसाधन मौजूद है. उससे आर्थिक अभाव को दूर किया जा सकता है.

सेस लगाने से जनता पर क्या पड़ेगा प्रभाव ?

1% कोरोना सेस लगाने से छत्तीसगढ़ की आर्थिक स्थिति और जनता पर क्या प्रभाव पड़ेगा ? इस विषय पर ईटीवी भारत ने अर्थशास्त्री हनुमंत यादव से बात की. हनुमंत यादव ने कहा कि यदि राज्य सरकार किसी तरह का टैक्स लगाती है तो उसके लिए उन्हें विधानसभा में पारित करवाना पड़ता है, लेकिन कोई उपकर या फिर सेस लगाया जाता है तो उसके लिए किसी तरह की अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है. जिस प्रकार केंद्र सरकार ने कृषि के नाम पर उपकर लगाया. उसी प्रकार स्वास्थ्य और शिक्षा को लेकर भी उपकार लगाया गया है. इस उपकर की अनुमति वित्तीय वर्ष में विधानसभा की समाप्ति पर विधानसभा में लेनी होती है.

वैक्सीन की बर्बादी को लेकर भूपेश सरकार और केंद्र सरकार आमने-सामने

हनुमंत यादव ने कहा कि चाहे कर हो या उपकर, इन दोनों का असर जनता पर पड़ता है, लेकिन यह कह सकते हैं कि इस टैक्स को देने पर जनता को ज्यादा तकलीफ नहीं होती है, हालांकि कुछ समय के लिए नाराजगी हो सकती है. जैसा कि डीजल-पेट्रोल पर अभी कर लगाया गया है. लोगों ने विरोध किया, लेकिन वह कर जनता लगातार दे रही है. इस कर के लगाने से कहीं भी ऐसा देखने को नहीं मिला कि डीजल-पेट्रोल की खपत कम हुई हो.

क्या होता है सेस या उपकर ?

सेस या उपकर टैक्स के ऊपर लगाया जाने वाला कर होता है. यह किसी विशेष उद्देश्य के लिए लगाया जाता है. जब इस उपकर को लगाने का मकसद पूरा हो जाता है तो इसे हटा दिया जाता है.

सेस लगाने की तैयारी में सरकार

बहरहाल राज्य सरकार कोरोना के कारण उत्पन्न आर्थिक बदहाली से निपटने के लिए जल्द कोरोना उपकर या सेस लगाने की तैयारी में है. अब देखने वाली बात है कि इस सेस का जनता पर क्या असर पड़ेगा और विपक्ष इसे किस रूप में लेगा?

Last Updated : May 31, 2021, 11:06 PM IST
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