रायपुर : कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए पूरे देश में लॉकडाउन की तारीख को बढ़ाकर 31 मई कर दिया गया है. लॉकडाउन 4.0 में शासन ने थोड़ी ढील दी है और दुकानों को कुछ घंटों तक खोलने की इजाजत दी है. प्रशासन की ओर से दुकान खोलने की अनुमति जरूर मिली है, लेकिन समय को लेकर कूलर और खस बेचने वाले दुकानदारों में नाराजगी है.
राजधानी में कूलर और खस बेचने वाले कारोबारी भी लॉकडाउन से परेशान हैं. कूलर और खस के व्यापार का मुख्य सीजन मार्च लेकर जून के महीने तक होता है, लेकिन इस साल कोरोना संक्रमण की वजह से किए गए लॉकडाउन में पूरा सीजन निकल गया. गर्मी के इन 3-4 महीनों में कूलर की बिक्री ज्यादा होती है. गर्मी का सीजन अब खत्म होने को है, ऐसे में कूलर और खस का व्यवसाय करने वाले दुकानदारों का व्यापार इस साल नहीं के बराबर हुआ है.
समय सीमा को लेकर नाराजगी
इस लॉकडाउन का असर हर छोटे-बड़े कारोबार पर हुआ है. उद्योग-धंधों से लेकर फुटपाथ पर अपनी रोजी-रोटी चलाने वाले दुकानदारों पर भी इसका असर देखने को मिला है. जैसे-तैसे लॉकडाउन 4 के बीच प्रशासन ने राजधानी में कई छोटी-बड़ी दुकानों को खोलने की अनुमति जरूर दी है, लेकिन जिस तरह से समय सीमा तय की गई है, उसे लेकर दुकानदारों में नाराजगी भी देखने को मिली रही है. इन दुकानदारों का कहना है कि प्रशासन की ओर से सप्ताह में 2 दिन का समय दिया गया है. इन दो दिनों में कितना बिजनेस हो पाएगा, इसकी चिंता उन्हें सता रही है.
कोरोना संक्रमण काल ने व्यवसाय पर फेरा पानी
गर्मी का सीजन लगभग 15 दिनों के बाद समाप्त हो जाएगा और इन दुकानदारों को अपनी दुकानें भी बंद करनी पड़ेगी. मार्च से लेकर मई तक 3 महीने का सीजन गर्मी का होता है और इसी सीजन में लोग कूलर और खस खरीदते हैं. उडुल खस उद्योग के अध्यक्ष हैदर भाटी का कहना है कि कर्ज लेकर उन्होंने इस साल खस का काम शुरू किया था, लेकिन कोरोना संक्रमण काल ने इस व्यवसाय पर पूरी तरह से पानी फेर दिया है. उनका कहना है कि कोरोना से जितने लोग नहीं मरे, उससे ज्यादा लोग भूख से मर जाएंगे.