रायपुर : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख डॉक्टर मोहन भागवत (Rashtriya Swayamsevak Sangh chief Dr. Mohan Bhagwat) 19 नवंबर से छत्तीसगढ़ प्रवास पर रहेंगे. इस दौरान वे मदकू द्वीप में आयोजित होने वाले शिविर में शामिल होंगे. जानकारों के मुताबिक कार्यक्रम स्थल के चयन से यह साफ है कि इस शिविर में धर्मांतरण (Conversion) को लेकर विस्तार से चर्चा होगी. मदकू द्वीप रायपुर और बिलासपुर मार्ग से लगा हुआ स्थल है.
इस क्षेत्र में मिशनरीज का प्रभाव भी काफी दिखाई देता है. बैतलपुर में मिशनरी का बड़ा अस्पताल और चर्च है. ग्रामीण इलाकों में भी मिशन की गतिविधियां चलती रहती हैं. ऐसे में मदकू द्वीप में कार्यक्रम का आयोजन कर संघ ने साफ संदेश दे दिया है कि इस बैठक के दौरान चर्चा के प्रमुख विषयों में धर्मांतरण भी शामिल रहेगा. इस शिविर में द्वीप के आसपास के गांव से ग्रामीणों को भी निमंत्रण दिया गया है.
अलग-अलग प्रदेशों में लोगों से चर्चा कर रहे भागवत
संघ से जुड़े सूत्रों के मुताबिक यह कार्यक्रम उसी कार्यक्रम का एक हिस्सा है, जो पूरे देश में चलाया जा रहा है. इसके तहत डॉक्टर मोहन भागवत अलग-अलग प्रदेशों के विभिन्न स्थानों में जाकर समाज के प्रमुख लोगों से चर्चा कर रहे हैं. लेकिन यह बात भी साफ है कि यह पहला अवसर होगा, जब संघ प्रमुख के शिविर का आयोजन संघ के प्रदेश कार्यालय जागृति मंडल में या फिर अनुशांगिक संगठनों के कार्यालय में न होकर बाहर किसी स्थल में कराया जा रहा है. अमूमन ऐसे कार्यक्रम इन्हीं स्थलों में आयोजित होते रहे हैं, लेकिन मिशन के प्रभाव वाले क्षेत्र में कार्यक्रम का आयोजन कर अपना उद्देश्य संघ ने साफ कर दिया है.
धर्मांतरण पर भाजपा ने भी प्रदेश सरकार पर की थी दबाव डालने की कोशिश
हाल ही में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) ने भी धर्मांतरण को लेकर राज्य सरकार पर दबाव डालने की कोशिश की थी. हालांकि सरकार से जुड़े लोग इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते कि प्रदेश में धर्मांतरण कोई मुद्दा भी है. जानकारों का मानना है कि इस आयोजन के पीछे संघ का उद्देश्य इस क्षेत्र में धार्मिक गतिविधियों को बढ़ाना है, ताकि धर्मांतरण पर रोक लग सके. पिछले चुनाव में आरएसएस (RSS) की नाराजगी का खामियाजा भुगतने के बाद बीजेपी भी समझ चुकी है कि चुनावी वैतरणी पार करनी है तो संघ को साथ में लेकर ही चलना पड़ेगा. ऐसे में जानकार मानते हैं कि आने वाले दिनों में प्रदेश में धर्मांतरण को लेकर कोई बड़ी मुहिम भी देखने को मिल सकती है.
मिशनरी के प्रभाव के साथ-साथ धार्मिक महत्व के कई मंदिर भी हैं इस द्वीप में
मदकू द्वीप और इसके आसपास के क्षेत्र में मिशनरी का प्रभाव तो दिखता ही है. हालांकि इस द्वीप में धार्मिक महत्व के कई मंदिर भी हैं. आरएसएस ने यहां एक प्रकल्प भी शुरू किया है. इसके जरिये आसपास के लोगों को जोड़ने की कवायद भी संघ कर रहा है. इस शिविर में आने वाले चुनाव को लेकर भी चर्चा होने की संभावना है.
कार्यक्रम मेरे ही विधानसभा क्षेत्र में हो रहा, यह खुशी की बात : कौशिक
स्थानीय विधायक और नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक (Leader of Opposition Dharamlal Kaushik) ने इस विषय पर कहा कि संघ का कार्यक्रम उनके ही विधानसभा क्षेत्र में हो रहा है, यह खुशी की बात है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यहां होने वाली गतिविधियों की रूपरेखा संघ ही तैयार करता है. कौशिक ने बताया कि मदकू द्वीप को हमारी सरकार द्वारा जिस तरह से एक पर्यटन स्थल बनाने के लिए प्रयास किये गए थे, कांग्रेस सरकार आने के बाद उन पर विराम लग गया है. उन्होंने द्वीप की प्राकृतिक सुंदरता की भी तारीफ की.
राजनीतिक पंडित भी मान रहे, धर्मांतरण हो सकता है बड़ा मुद्दा
वरिष्ठ पत्रकार कृष्णा दास संघ के इस कार्यक्रम को लेकर मानते हैं कि स्थान चयन ही अपने आप में बड़ा संकेत है कि इस शिविर में मुख्य चर्चा किस विषय में होनी है. दास यह भी मानते हैं कि आगामी चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए धर्मांतरण भी एक बड़ा मुद्दा हो सकता है.