रायपुर : कोरोना वायरस से निपटने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है. केंद्र सरकार ने इस महामारी से लड़ने 20 लाख करोड़ रुपए के आर्थिक पैकेज की घोषणा की है. इस पैकेज में किस तरह से विभिन्न सेक्टरों को मदद पहुंचाई जाएगी इसको लेकर लगातार वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जानकारी दे रही है. उनकी ओर से अलग-अलग दिन अलग-अलग विभागों से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी जा रही हैं.
इसी कड़ी में वित्तमंत्री ने रक्षा क्षेत्र को भी लेकर भी बड़ा ऐलान किया है. जिसके अंतर्गत अब मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी की गई है. साथ ही देश में ही रक्षा से जुड़े उपकरणों के उत्पादन पर सरकार ने जोर देने की बात कही गई है.
रक्षा के क्षेत्र मे केंद्र सरकार की ओर से किए गए इस ऐलान को लेकर जब रिटायर्ड ब्रिगेडियर प्रदीप यदु से ETV भारत ने बातचीत की तो, उन्होंने बताया कि 'सरकार के पास इसके लिए कोई निश्चित योजना नहीं है. कोरोना संक्रमण के चलते आज पूरा देश परेशान है श्रमिक पैदल चलने को मजबूर हैं, भूख प्यास से उनकी मौत हो रही है और सरकार इसे रोकने की बजाय अब सेना को लेकर चर्चा में जुट गई है यह केंद्र सरकार की ध्यान भटकाने वाली रणनीति है'
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'देश की सुरक्षा पर पड़ेगा विपरीत प्रभाव'
मैन्युफैक्चरिंग के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश एफडीआई की सीमा 49 से बढ़ाकर 74 फीसदी किए जाने का भी प्रदीप यदु ने विरोध किया है उनका मानना है कि, केंद्र सरकार यदि ऐसा करती है तो देश की सुरक्षा पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ेगा.
'सिर्फ एलान कर रही है सरकार'
साथ ही देश में आधुनिक हथियार बनाने को लेकर सरकार द्वारा दी गई दलील पर भी प्रदीप यदु ने कटाक्ष करते हुए कहा कि 'सरकार पहले योजना नहीं बना रही है सिर्फ एलान कर रही है इनकी ओर से कब तक आधुनिक हथियारों को तैयार किया जाएगा और वे हथियार कब युद्ध के मैदान में इस्तेमाल करने लायक बनेंगे यह स्पष्ट नहीं है'