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मोर छइंया भुइयां के डायरेक्टर ढूंढ रहे थे हीरो, किसी ने अनुज का नाम कर दिया सजेस्ट, फिर बन गए हीरो

छत्तीसगढ़ की पहली कलर और कमर्शियल फिल्म मोर छइंया भुइयां (Chaiyan Bhuiyan Film) को 21 साल होने जा रहा है. इस अवसर पर मोर छइंया भुइंया के हीरो पद्मश्री अनुज शर्मा (Padmashree Anuj Sharma) से ईटीवी भारत की खास (Etv Bharat Exclusive Conversation ) बातचीत हुई. उन्होंने ईटीवी भारत से कहा कि, पहले जमाने में फिल्म में काम करना आसान नहीं था. अब नए-नए फार्मेंट आने से एक्टिंग करने में आसानी हो गई है.

chollywood actor anuj sharma
छॉलीवुड एक्टर अनुज शर्मा
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Published : Oct 26, 2021, 7:10 PM IST

Updated : Oct 26, 2021, 11:19 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ की पहली कलर और कमर्शियल फिल्म मोर छइंया भुइयां (Commercial film More Chhaiya Bhuyan) के 21 साल होने जा रहे हैं. राज्य गठन के महज 5 दिन पहले यानी 27 अक्टूबर 2000 को यह फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म ने खूब धमाल मचाया था. यह छॉलीवुड की पहली फिल्म थी जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड थी. इस फिल्म में पद्मश्री अनुज शर्मा (Padmashree Anuj Sharma) ने मुख्य कलाकार की भूमिका निभाई. फिल्म के बाद रामानुज सीधे अनुज शर्मा के नाम से पहचाने जाने लगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अनुज ने बताया कि, इस फिल्म का डायरेक्टर हीरो की तलाश में था. उस दौरान किसी ने मेरा नाम सजेस्ट किया था. उसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया था.

छॉलीवुड एक्टर अनुज शर्मा

यह भी पढ़ें: सांप-तेंदुए की आहट के बीच 34 दिन में पूरी हुई 'भूलन द मेज': मनोज वर्मा

सवाल: रामानुज से अनुज तक का सफर कैसा रहा?

जवाब: मेरा ऑफिशियल नेम आज भी रामानुज है, लेकिन फिल्मी नेम अनुज है. जब मैं फिल्म लाइन में आया तो मुझे लगा कि व्यक्तिगत जीवन और प्रोफेशनल जीवन अलग होना चाहिए, फिर मैंने अपना फिल्मी नाम अनुज रखा.


सवाल: मोर छइंया भुइयां फिल्म से आपने डेब्यू किया और आपको जगह कैसे मिली?

जवाब: डायरेक्टर अपनी फिल्म के लिए हीरो ढूंढ रहे थे. किसी ने फिल्म के लिए मेरा नाम सजेस्ट किया कि यह बंदा है, जो आपकी फिल्म का हीरो हो सकता है. उसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया. तब मैंने यह फिल्म की थी. उसके बाद से मैं फुल टाइम एक्टर हो गया.


सवाल: पहली बार फ़िल्म में आपने एक्टिंग की, किस तरह का अनुभव रहा?

जवाब: उस दौर में सिनेमा में काम करना आसान नहीं था. आज बहुत आसान हो गया है. पहले टेक्निकली बहुत सारी चीजें होती थी. उस टाइम इतनी सरलता नहीं थी टेक्निक में. बहुत सारी चीजें थी. जिसकी वजह से बहुत सारी परेशानियां आती थी, लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है. पहले काम करने का एक अलग मजा था. पहले फोकस्ड हो कर काम किया जाता था और बहुत कुछ सीखने को मिलता था.

यह भी पढ़ें: Good News: रायपुर से शुरू हुई लखनऊ और भुवनेश्वर के लिए सीधी फ्लाइट

सवाल: फिल्म को 21 साल होने जा रहे हैं. आज क्या कुछ बदलाव देखते हैं?

जवाब: बहुत कुछ बदल गया है. सिनेमा बदलते रहता है. टेक्निक तो पूरी तरह से बदल गई है. पहले तो बहुत मुश्किल होता था. फिल्म एडिट करने में, शूट करने में. अब उसमें बहुत आसानी हो गई है. यंत्र बहुत अच्छे-अच्छे आ गए हैं. फॉर्मेट चेंज हो गए हैं. आसानी से कोई भी फिल्म बना लेता है. तकनीकी तौर पर बहुत आसानी हुई है और स्क्रिप्ट वाइस और परफॉर्मेंस वाइस भी काफी चेंजेज आए हैं.


सवाल: अपनी पहली ही फिल्म में आपको लीड एक्टर बनाया गया, उसके बाद आपको कैसा महसूस हुआ था ?

जवाब: देखिए पहली फिल्म में मैने जब काम किया. उसके बाद लगभग भूल गया था. जब फिल्म रिलीज हुई और बहुत बड़ी हिट हुई. उसके बाद मुझे दूसरी फिल्म मिलने में थोड़ा समय लगा. मेरे साथी कलाकारों को मुझसे पहले फिल्म मिल गई थी, लेकिन मुझे ऐसा लगा था जो परफॉर्मेंस था और जो एप्रिसिएशन था. उसके अनुसार मुझे लगा कि लोगों का प्यार मुझे जरूर मिलेगा.


सवाल: पहले कभी सोचा था कि छॉलीवुड के सुपर स्टार बनेंगे?

जवाब: ऐसा मैंने सोचा नहीं था, लेकिन काम करते रहा, बस उसी का नतीजा है.

सवाल: आप फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले आर्मी में जाना चाहते थे, लेकिन अभी के सफर को कैसे देखते हैं?

जवाब: देखिए जीवन में सभी का अलग-अलग तरह का स्ट्रगल होता है. मेरे जीवन में ऐसा हुआ. उस समय ऐसा है कि आप काम किस तरह करते हैं. किस एटीट्यूड में आप करते हैं और कहीं ना कहीं पिछले 21 सालों से में लगातार काम करते रहा हूं. इसका नतीजा है कि आप अपनी एक जगह बनाते हैं. अपने तरह से काम करते हैं और जो आप हासिल करना चाहते हैं वह आपको मिलता भी है.

सवाल: 2014 में आपको पद्मश्री मिला, किस तरह देखते हैं?

जवाब: आप जब किसी फिल्म में काम करते हैं और अपने आप को सौंप देते हैं. उसके बाद भी आप लगातार काम करते रहते हैं तो उसका इनाम आपको मिलता है. 2014 में पद्मश्री से मुझे सम्मानित किया गया तो ऐसा लगता है कि आपने अपना जीवन किसी फील्ड में दिया है तो उसके लिए यह देश आपको एप्रिशिएट कर रहा है. इससे बड़ी सौभाग्य की बात नहीं हो सकती तो मुझे लगा कि मैंने किसी फिल्म में काम किया है तो उसका एप्रिशिएशन मुझे जरुर मिला.

सवाब: बहुत से कलाकार इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में आ गए हैं उसे किस तरह देखते हैं?

जवाब: यह बहुत अच्छा है. इससे पहले होता यह था जो कंपनियां होती थी, वह कलाकारों का शोषण करती थी. कलाकार गाना बनाकर वीडियो बनाकर उन्हें फ्री में देते थे. वह सिर्फ रिलीज करते थे और पूरा मुनाफा अपने पास रखते थे. आज कलाकारों के पास यह ऑप्शन है कि आप अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म में अपनी चीजों को रिलीज कर सकते हैं और रिवेन्यू खुद कमा सकते हैं. ऐसे ढेर सारे उदाहरण है, जो सोशल प्लेटफॉर्म में अपना प्रेजेंस दिखा करके अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं.

यह भी पढ़ें: धर्मांतरण कोई मुद्दा ही नहीं, छत्तीसगढ़ में धर्म आधारित राजनीति का हो रहा प्रयास : रविन्द्र चौबे

सवाल: सोशल मीडिया में आपके लाखों फॉलोवर्स हैं, क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक सभी में फॉलोअर्स बहुत अच्छी संख्या में है. लोगों का प्यार है और हमेशा उनके मनोरंजन और उनके एकॉर्डिंग उसमें पोस्ट होने चाहिए. मेरे यूट्यूब चैनल में काफी तेजी से सब्सक्राइबर बढ़ रहे हैं तो मैं कोशिश करता हूं कि उनके लिए एक हेल्दी इंटरटेनमेंट की व्यवस्था हो.


सवाल: आजकल ग्रामीण क्षेत्रों के कलाकार भी इन दिनों यूट्यूब पर एल्बम अपलोड कर रहे हैं. उसको आप किस तरह से देखते हैं?

जवाब: बिल्कुल बहुत अच्छी बात है. इससे सबसे पहली बात यह है, कि किसी को किसी स्टेज का कोई मोहताज नहीं है. अगर किसी में टैलेंट है तो उसके पास अपने प्लेटफॉर्म है, जहां से वह अपने टैलेंट को दिखा सकते हैं. इससे एक हेल्दी कंपीटिशन पैदा हुआ जो अच्छे काम करने वाले लोग हैं. उनका हमेशा स्वागत रहेगा. दूसरी चीज उन कलाकारों को भी रिवेन्यू मिलने लगेगा, शुरू से ही वह अच्छा प्रोग्राम कर रहे हैं. सोशल मीडिया के आने के बाद कलाकारों के लिए अलग-अलग विधा से परफॉमेंस करने लगे और आसानी भी हो गई.

सवाल: छत्तीसगढ़ में समिति बनाने की बात हो रही है, कलाकारों को इससे क्या फायदा होगा?

जवाब: देखिए फिल्म पॉलिसी आई है. वह कब लागू होता है यह देखने वाली बात होगी. पॉलिसी बहुत अच्छी आई है. जिसमें एक-दो कमियां है, जिसे दूर किया जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ी फिल्मों को हर थिएटर में दिखाने का एक कंपल्शन होना चाहिए. मिनिमम नंबर ऑफ शो फिक्स कर देना चाहिए. वह चीज उसमें नहीं है, वह होनी चाहिए. इसके साथ ही यह जल्दी से लागू हो जाएगा तो छत्तीसगढ़ में भी फिल्मी माहौल जरूर बनेगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ की पहली कलर और कमर्शियल फिल्म मोर छइंया भुइयां (Commercial film More Chhaiya Bhuyan) के 21 साल होने जा रहे हैं. राज्य गठन के महज 5 दिन पहले यानी 27 अक्टूबर 2000 को यह फिल्म रिलीज हुई. इस फिल्म ने खूब धमाल मचाया था. यह छॉलीवुड की पहली फिल्म थी जो अपने आप में एक नया रिकॉर्ड थी. इस फिल्म में पद्मश्री अनुज शर्मा (Padmashree Anuj Sharma) ने मुख्य कलाकार की भूमिका निभाई. फिल्म के बाद रामानुज सीधे अनुज शर्मा के नाम से पहचाने जाने लगे. ईटीवी भारत से खास बातचीत में अनुज ने बताया कि, इस फिल्म का डायरेक्टर हीरो की तलाश में था. उस दौरान किसी ने मेरा नाम सजेस्ट किया था. उसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया था.

छॉलीवुड एक्टर अनुज शर्मा

यह भी पढ़ें: सांप-तेंदुए की आहट के बीच 34 दिन में पूरी हुई 'भूलन द मेज': मनोज वर्मा

सवाल: रामानुज से अनुज तक का सफर कैसा रहा?

जवाब: मेरा ऑफिशियल नेम आज भी रामानुज है, लेकिन फिल्मी नेम अनुज है. जब मैं फिल्म लाइन में आया तो मुझे लगा कि व्यक्तिगत जीवन और प्रोफेशनल जीवन अलग होना चाहिए, फिर मैंने अपना फिल्मी नाम अनुज रखा.


सवाल: मोर छइंया भुइयां फिल्म से आपने डेब्यू किया और आपको जगह कैसे मिली?

जवाब: डायरेक्टर अपनी फिल्म के लिए हीरो ढूंढ रहे थे. किसी ने फिल्म के लिए मेरा नाम सजेस्ट किया कि यह बंदा है, जो आपकी फिल्म का हीरो हो सकता है. उसके बाद उन्होंने मुझसे संपर्क किया. तब मैंने यह फिल्म की थी. उसके बाद से मैं फुल टाइम एक्टर हो गया.


सवाल: पहली बार फ़िल्म में आपने एक्टिंग की, किस तरह का अनुभव रहा?

जवाब: उस दौर में सिनेमा में काम करना आसान नहीं था. आज बहुत आसान हो गया है. पहले टेक्निकली बहुत सारी चीजें होती थी. उस टाइम इतनी सरलता नहीं थी टेक्निक में. बहुत सारी चीजें थी. जिसकी वजह से बहुत सारी परेशानियां आती थी, लेकिन अब बहुत कुछ बदल गया है. पहले काम करने का एक अलग मजा था. पहले फोकस्ड हो कर काम किया जाता था और बहुत कुछ सीखने को मिलता था.

यह भी पढ़ें: Good News: रायपुर से शुरू हुई लखनऊ और भुवनेश्वर के लिए सीधी फ्लाइट

सवाल: फिल्म को 21 साल होने जा रहे हैं. आज क्या कुछ बदलाव देखते हैं?

जवाब: बहुत कुछ बदल गया है. सिनेमा बदलते रहता है. टेक्निक तो पूरी तरह से बदल गई है. पहले तो बहुत मुश्किल होता था. फिल्म एडिट करने में, शूट करने में. अब उसमें बहुत आसानी हो गई है. यंत्र बहुत अच्छे-अच्छे आ गए हैं. फॉर्मेट चेंज हो गए हैं. आसानी से कोई भी फिल्म बना लेता है. तकनीकी तौर पर बहुत आसानी हुई है और स्क्रिप्ट वाइस और परफॉर्मेंस वाइस भी काफी चेंजेज आए हैं.


सवाल: अपनी पहली ही फिल्म में आपको लीड एक्टर बनाया गया, उसके बाद आपको कैसा महसूस हुआ था ?

जवाब: देखिए पहली फिल्म में मैने जब काम किया. उसके बाद लगभग भूल गया था. जब फिल्म रिलीज हुई और बहुत बड़ी हिट हुई. उसके बाद मुझे दूसरी फिल्म मिलने में थोड़ा समय लगा. मेरे साथी कलाकारों को मुझसे पहले फिल्म मिल गई थी, लेकिन मुझे ऐसा लगा था जो परफॉर्मेंस था और जो एप्रिसिएशन था. उसके अनुसार मुझे लगा कि लोगों का प्यार मुझे जरूर मिलेगा.


सवाल: पहले कभी सोचा था कि छॉलीवुड के सुपर स्टार बनेंगे?

जवाब: ऐसा मैंने सोचा नहीं था, लेकिन काम करते रहा, बस उसी का नतीजा है.

सवाल: आप फिल्म इंडस्ट्री में आने से पहले आर्मी में जाना चाहते थे, लेकिन अभी के सफर को कैसे देखते हैं?

जवाब: देखिए जीवन में सभी का अलग-अलग तरह का स्ट्रगल होता है. मेरे जीवन में ऐसा हुआ. उस समय ऐसा है कि आप काम किस तरह करते हैं. किस एटीट्यूड में आप करते हैं और कहीं ना कहीं पिछले 21 सालों से में लगातार काम करते रहा हूं. इसका नतीजा है कि आप अपनी एक जगह बनाते हैं. अपने तरह से काम करते हैं और जो आप हासिल करना चाहते हैं वह आपको मिलता भी है.

सवाल: 2014 में आपको पद्मश्री मिला, किस तरह देखते हैं?

जवाब: आप जब किसी फिल्म में काम करते हैं और अपने आप को सौंप देते हैं. उसके बाद भी आप लगातार काम करते रहते हैं तो उसका इनाम आपको मिलता है. 2014 में पद्मश्री से मुझे सम्मानित किया गया तो ऐसा लगता है कि आपने अपना जीवन किसी फील्ड में दिया है तो उसके लिए यह देश आपको एप्रिशिएट कर रहा है. इससे बड़ी सौभाग्य की बात नहीं हो सकती तो मुझे लगा कि मैंने किसी फिल्म में काम किया है तो उसका एप्रिशिएशन मुझे जरुर मिला.

सवाब: बहुत से कलाकार इन दिनों सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म में आ गए हैं उसे किस तरह देखते हैं?

जवाब: यह बहुत अच्छा है. इससे पहले होता यह था जो कंपनियां होती थी, वह कलाकारों का शोषण करती थी. कलाकार गाना बनाकर वीडियो बनाकर उन्हें फ्री में देते थे. वह सिर्फ रिलीज करते थे और पूरा मुनाफा अपने पास रखते थे. आज कलाकारों के पास यह ऑप्शन है कि आप अलग-अलग सोशल नेटवर्किंग प्लेटफॉर्म में अपनी चीजों को रिलीज कर सकते हैं और रिवेन्यू खुद कमा सकते हैं. ऐसे ढेर सारे उदाहरण है, जो सोशल प्लेटफॉर्म में अपना प्रेजेंस दिखा करके अच्छा खासा पैसा कमा रहे हैं.

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सवाल: सोशल मीडिया में आपके लाखों फॉलोवर्स हैं, क्या कहना चाहेंगे?

जवाब: इंस्टाग्राम, यूट्यूब, फेसबुक सभी में फॉलोअर्स बहुत अच्छी संख्या में है. लोगों का प्यार है और हमेशा उनके मनोरंजन और उनके एकॉर्डिंग उसमें पोस्ट होने चाहिए. मेरे यूट्यूब चैनल में काफी तेजी से सब्सक्राइबर बढ़ रहे हैं तो मैं कोशिश करता हूं कि उनके लिए एक हेल्दी इंटरटेनमेंट की व्यवस्था हो.


सवाल: आजकल ग्रामीण क्षेत्रों के कलाकार भी इन दिनों यूट्यूब पर एल्बम अपलोड कर रहे हैं. उसको आप किस तरह से देखते हैं?

जवाब: बिल्कुल बहुत अच्छी बात है. इससे सबसे पहली बात यह है, कि किसी को किसी स्टेज का कोई मोहताज नहीं है. अगर किसी में टैलेंट है तो उसके पास अपने प्लेटफॉर्म है, जहां से वह अपने टैलेंट को दिखा सकते हैं. इससे एक हेल्दी कंपीटिशन पैदा हुआ जो अच्छे काम करने वाले लोग हैं. उनका हमेशा स्वागत रहेगा. दूसरी चीज उन कलाकारों को भी रिवेन्यू मिलने लगेगा, शुरू से ही वह अच्छा प्रोग्राम कर रहे हैं. सोशल मीडिया के आने के बाद कलाकारों के लिए अलग-अलग विधा से परफॉमेंस करने लगे और आसानी भी हो गई.

सवाल: छत्तीसगढ़ में समिति बनाने की बात हो रही है, कलाकारों को इससे क्या फायदा होगा?

जवाब: देखिए फिल्म पॉलिसी आई है. वह कब लागू होता है यह देखने वाली बात होगी. पॉलिसी बहुत अच्छी आई है. जिसमें एक-दो कमियां है, जिसे दूर किया जाना चाहिए. छत्तीसगढ़ी फिल्मों को हर थिएटर में दिखाने का एक कंपल्शन होना चाहिए. मिनिमम नंबर ऑफ शो फिक्स कर देना चाहिए. वह चीज उसमें नहीं है, वह होनी चाहिए. इसके साथ ही यह जल्दी से लागू हो जाएगा तो छत्तीसगढ़ में भी फिल्मी माहौल जरूर बनेगा.

Last Updated : Oct 26, 2021, 11:19 PM IST
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