रायपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी 2021 को केंद्रीय बजट पेश करेंगी. निर्मला सीतारमण वित्त मंत्री के रूप में अपना तीसरा बजट पेश करने जा रहीं हैं. हर साल 1 फरवरी को पेश किए जाने वाले बजट पर देश के जनता की निगाह लगी रहती है. बजट में इनकम टैक्स स्लैब को लेकर छत्तीसगढ़ के कारोबारियों को काफी उम्मीदें हैं. ETV भारत ने 2021 के बजट को लेकर राजधानी के कारोबारियों से चर्चा की है.
कारोबारी राजकुमार राठी ने बताया कि छत्तीसगढ़ समेत पूरे देश को काफी उम्मीदें हैं. मार्च से कोरोना का कहर शुरू हुआ था. 10 महीने व्यापार में नुकसान रहा. बिना काम दुकान का किराया देना पड़ा. बिजली बिल देना पड़ा. राजकुमार को उम्मीद है कि सरकार बजट में कुछ ऐसा प्रावधान करेगी, जिससे व्यापारियों को फायदा होगा.
इनकम टैक्स में छूट की उम्मीद
इनकम टैक्स में 5 लाख तक की इनकम के लिए छूट है. जैसे ही 5 लाख के ऊपर जाते हैं 12500 की मिली हुई छूट ऐड हो जाती है. व्यापारी को उम्मीद है कि सरकार 6 लाख तक की छूट बढ़ाएगी. कम से कम सरकार को ये करना चाहिए. कारोबारी ने बताया कि इस बजट में इनकम टैक्स का स्लैब बढ़ेगा. ताकि व्यापारी समाज को राहत मिल सके. नौकरी पेशा लोगों को भी राहत मिलने की उम्मीद है.
पढ़ें: जानिए रायपुर के युवाओं को केंद्रीय बजट से क्या हैं उम्मीदें?
लघु उद्योगों को मिले बढ़ावा
कारोबारी सतीश जैन ने कहा कि इनकम टैक्स में सरलीकरण होना चाहिए. लोगों में डर की भावना दूर होनी चाहिए. इनकम टैक्स में सरलीकरण होने से लोगों को इनकम टैक्स पटाने में आसानी होगी. कोरोना काल के कारण व्यापार को काफी नुकसान हुआ है. सरकार को चाहिए कुछ क्रांतिकारी नीति लाए. जिससे लोगों का फायदा हो. जीडीपी अभी माइनस में चल रही है, इससे सभी को फायदा हो सकता है. छोटे कारोबार और लघु उद्योग को बढ़ावा देना चाहिए.
यहां समझें इनकम टैक्स स्लैब
एडवोकेट प्रवीण कुमार शर्मा ने इनकम टैक्स स्लैब के बारे में बताया. किसी व्यक्ति की ढाई लाख से अधिक आमदनी होने पर उसे इनकम टैक्स फाइल करना अनिवार्य है. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने स्लैब के अनुसार इसे बांट दिया है.
पुराना टैक्स स्लैब
- ढाई लाख से 5 लाख के बीच 5% का टैक्स
- 5 लाख से 10 लाख तक 20% का टैक्स
- 10 लाख से ज्यादा हो तो 30% तक का टैक्स
नए टैक्स स्लैब देखें
- ढाई लाख से 5 लाख तक 5% टैक्स
- 5 लाख से 7 लाख 50 हजार तक 10% टैक्स
- 7 लाख 50 हजार से 10 लाख तक 15% टैक्स
- 10 लाख से 12 लाख 50 हजार तक 20% टैक्स
- 12 लाख 50 हजार से 15 लाख तक 25% टैक्स
- 15 लाख से ऊपर 30% तक टैक्स