रायपुर: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के सिविल लाइन थाना क्षेत्र के कटोरा तालाब स्थित कबीर पंथ के संत श्री प्रकाशमुनि साहेब के मकान के ऊपर अवैध निर्माण का मामला शनिवार की देर शाम गर्मा गया. संत श्री ने फेसबुक पोस्ट के माध्यम से जानकारी दी कि एक कांग्रेसी नेता उनके घर व आश्रम के ऊपर पीछे की गली में अवैध निर्माण करवा रहे हैं. इसे रोकने की कोशिश किए जाने पर अभद्रता की जा रही है. संत श्री की फेसबुक पोस्ट पर राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों में हड़कंप मच गया. देखते ही देखते उनके अनुयायी देर रात तक बड़ी संख्या में कटोरा तालाब स्थित मकान में एकत्र हो गए.
सिविल लाइन थाने में की गई शिकायत
पूरा मामला कबीर पंथ के प्रमुख संत श्री गुरु प्रकाशमुनि नाम साहेब के मकान और कबीरपंथी आश्रम के ऊपर अवैध निर्माण कराने का है. मामले की सिविल लाइन थाने में शिकायत की गई थी. शिकायत में केवल अवैध निर्माण की बात कही गई है. कबीर पंथ को काफी शांत समाज के रूप में जाना जाता है. अपने सर्वोच्च संत के घर और आश्रम की छत में अवैध निर्माण होने और कुछ लोगों के साथ अभद्रता किए जाने की जानकारी मिलने के बाद कबीर पंथ के अनुयाई आक्रोशित हो गए. समाज के लोग एकजुट होकर शांतिपूर्वक अवैध कब्जे को लेकर थाने में शिकायत दर्ज कराने पहुंचे.
अवैध निर्माण को लेकर पहले ही आपत्ति जताई
कबीर आश्रम के प्रबंधक ने बताया कि 'कांग्रेसी नेता द्वारा अवैध निर्माण कराने की जानकारी मिलने के बाद आश्रम प्रबंधन की तरफ से कांग्रेस नेता से संपर्क कर अवैध निर्माण नहीं करने की बात कही थी. तब उन्होंने संतुष्टि पूर्वक जवाब देने के बजाय उनकी बातों को अनसुना कर दिया. शनिवार को धड़ल्ले से अवैध निर्माण होने पर प्रबंधन से जुड़े लोग इसे रुकवाने पहुंचे. तब कांग्रेसी नेता ने उनके साथ बदसलूकी करते हुए वहां से भगा दिया. इसी के बाद विवाद बढ़ा और संत श्री की नाराजगी सामने आई.
महापौर एजाज ढेबर के परिवार पर लगा आरोप
कबीर आश्रम अवैध निर्माण कराने का आरोप रायपुर नगर निगम के महापौर एजाज ढेबर के परिवार पर लगा है. बताया जा रहा है कि वह मकान एजाज ढेबर के भाई का है. उन्होंने ही अभद्रता भी की थी. फिलहाल फेसबुक पोस्ट करने के बाद जिस तरह से माहौल गरमाया. उसके बाद ढेबर परिवार के सदस्य देर रात ही कबीर पंथ के प्रमुख पंतश्री प्रकाशमुनि साहेब के घर पहुंच गए. मुनिश्री के घर बंद कमरे में दोनों पक्षों के बीच करीब एक से डेढ़ घंटे की बातचीत हुई. बहरहाल इस पर संशय है कि अवैध निर्माण टूटेगा या फिर बरकरार रहेगा.