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SPECIAL: गांधी जी को 'जपना' था, गोडसे और सावरकर में उलझ गए - गोडसे जी

छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र गांधी जी के लिए आयोजित किया गया था, लेकिन ये सत्र गोडसे और सावरकर में उलझकर रह गया.

विवाद में उलझा रहा सदन
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Published : Oct 4, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Oct 4, 2019, 12:12 AM IST

रायपुर: देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई. गांधी राष्ट्र के कोने-कोने में याद किए गए. कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, रैलियां निकाली गईं, अभियान चलाए गए.

पैकेज.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया और दो दिन महात्मा को समर्पित किए गए. इस दौरान सदन गांधी, गोडसे और सावरकर पर गरमाया रहा. ये बात अलग रही कि गांधी-गांधी जपने वाली सरकार होर्डिंग्स में उन्हीं की फोटो लगाना भूल गई.

सदन से लेकर सोशल मीडिया तक छत्तीसगढ़ में गांधी के साथ-साथ गोडसे का नाम गूंजता रहा, सत्र खत्म होते-होते राज्य के मुखिया सावरकर ने बड़ा बयान दे दिया. भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी का नाम वो लोग ले रहे हैं, जो गोडसे को पूजते हैं और उनका इशारा भाजपा की तरफ था. बघेल ने कहा कि इस देश में उत्तेजक राष्ट्रवाद प्रचलित है, जिसका प्रतिनिधित्व गोडसे ने किया. बघेल बीजेपी पर जमकर बरसे.

'गोडसे जी' पर हुआ विवाद
गोडसे जैसे ही भाजपा के लिए गोडसे जी हुए. बघेल बिफर पड़े तो अजय चंद्राकर ने सफाई में कहा कि हम मृतात्मा को सम्मान देते हैं. इस पर बघेल ने ट्वीट कर निशाना साधा.

  • छल, कपट, कायरता जिनके मन में हो वो सामने आ ही जाती है।

    छलपूर्वक, कायरता से बापू के सीने में गोली मारने वाले गोडसे को आज उन्होंने फिर 'गोडसे जी' कहकर बापू की आत्मा पर पुनः प्रहार किया है।

    कल जो गाँधी जी के सिद्धांतों पर चलने का ढोंग कर रहे थे, आज उनका नकाब उतर गया।

    हे राम!

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सावरकर के शिष्य थे गोडसे: बघेल
सदन में मुख्यमंत्री के एक और बयान पर जमकर हंगामा हुआ, जिसमें उन्होंने गोडसे को सावरकर का शिष्य बताया. बघेल ने कहा कि गांधी जी की हत्या की जो साजिश रची गई, उसमें सावरकर शामिल थे. सीएम ने अपना बयान वापस लेने से इनकार कर दिया, जिससे हंगामा और बढ़ गया.

सदन में भाजपा ने जमकर किया हंगामा
बघेल के इस बयान पर सदन में खूब हंगामा हुआ और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने वॉकऑउट कर दिया. विपक्ष ने अपने नाराजगी नारेबाजी के साथ जताई. साथ ही विधानसभा परिसर में गांधी मूर्ति के पास जाकर सत्ता पक्ष के खिलाफ बैठ गए. भाजपा ने गांधी जी के साथ-साथ सावरकर जिंदाबाद के नारे लगाए.

रमन ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि विशेष सत्र का आयोजन मुद्दे से भटक गया है. उन्होंने कांग्रेस पर रास्ते से भटकने का आरोप लगाया तो नेता प्रतिपक्ष ने भी सावरकर पर दिए गए मुख्यमंत्री के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया.

पढ़ें- CM ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की हितग्राहियों से बातचीत

विवाद में उलझा रहा सदन
छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया तो गया था गांधीजी के विचारों और उनके जीवन दर्शन पर चर्चा के लिए लेकिन इससे ज्यादा विवादों में उलझ कर रह गया. कांग्रेस और भाजपा ने महात्मा को याद करने से ज्यादा तवज्जो राजनीति और विवाद को दी. गांधी सिर्फ विधायकों द्वारा पहने खादी के कपड़ों में और आयोजनों में सिमटे से रह गए.

रायपुर: देश ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती मनाई. गांधी राष्ट्र के कोने-कोने में याद किए गए. कार्यक्रमों का आयोजन हुआ, रैलियां निकाली गईं, अभियान चलाए गए.

पैकेज.

छत्तीसगढ़ में विधानसभा का विशेष सत्र आयोजित किया गया और दो दिन महात्मा को समर्पित किए गए. इस दौरान सदन गांधी, गोडसे और सावरकर पर गरमाया रहा. ये बात अलग रही कि गांधी-गांधी जपने वाली सरकार होर्डिंग्स में उन्हीं की फोटो लगाना भूल गई.

सदन से लेकर सोशल मीडिया तक छत्तीसगढ़ में गांधी के साथ-साथ गोडसे का नाम गूंजता रहा, सत्र खत्म होते-होते राज्य के मुखिया सावरकर ने बड़ा बयान दे दिया. भूपेश बघेल ने कहा कि गांधी का नाम वो लोग ले रहे हैं, जो गोडसे को पूजते हैं और उनका इशारा भाजपा की तरफ था. बघेल ने कहा कि इस देश में उत्तेजक राष्ट्रवाद प्रचलित है, जिसका प्रतिनिधित्व गोडसे ने किया. बघेल बीजेपी पर जमकर बरसे.

'गोडसे जी' पर हुआ विवाद
गोडसे जैसे ही भाजपा के लिए गोडसे जी हुए. बघेल बिफर पड़े तो अजय चंद्राकर ने सफाई में कहा कि हम मृतात्मा को सम्मान देते हैं. इस पर बघेल ने ट्वीट कर निशाना साधा.

  • छल, कपट, कायरता जिनके मन में हो वो सामने आ ही जाती है।

    छलपूर्वक, कायरता से बापू के सीने में गोली मारने वाले गोडसे को आज उन्होंने फिर 'गोडसे जी' कहकर बापू की आत्मा पर पुनः प्रहार किया है।

    कल जो गाँधी जी के सिद्धांतों पर चलने का ढोंग कर रहे थे, आज उनका नकाब उतर गया।

    हे राम!

    — Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) October 3, 2019 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

सावरकर के शिष्य थे गोडसे: बघेल
सदन में मुख्यमंत्री के एक और बयान पर जमकर हंगामा हुआ, जिसमें उन्होंने गोडसे को सावरकर का शिष्य बताया. बघेल ने कहा कि गांधी जी की हत्या की जो साजिश रची गई, उसमें सावरकर शामिल थे. सीएम ने अपना बयान वापस लेने से इनकार कर दिया, जिससे हंगामा और बढ़ गया.

सदन में भाजपा ने जमकर किया हंगामा
बघेल के इस बयान पर सदन में खूब हंगामा हुआ और भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने वॉकऑउट कर दिया. विपक्ष ने अपने नाराजगी नारेबाजी के साथ जताई. साथ ही विधानसभा परिसर में गांधी मूर्ति के पास जाकर सत्ता पक्ष के खिलाफ बैठ गए. भाजपा ने गांधी जी के साथ-साथ सावरकर जिंदाबाद के नारे लगाए.

रमन ने कांग्रेस पर लगाए आरोप
इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने कहा कि विशेष सत्र का आयोजन मुद्दे से भटक गया है. उन्होंने कांग्रेस पर रास्ते से भटकने का आरोप लगाया तो नेता प्रतिपक्ष ने भी सावरकर पर दिए गए मुख्यमंत्री के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया.

पढ़ें- CM ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए की हितग्राहियों से बातचीत

विवाद में उलझा रहा सदन
छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया तो गया था गांधीजी के विचारों और उनके जीवन दर्शन पर चर्चा के लिए लेकिन इससे ज्यादा विवादों में उलझ कर रह गया. कांग्रेस और भाजपा ने महात्मा को याद करने से ज्यादा तवज्जो राजनीति और विवाद को दी. गांधी सिर्फ विधायकों द्वारा पहने खादी के कपड़ों में और आयोजनों में सिमटे से रह गए.

Intro:छत्तीसगढ़ विधानसभा का विशेष सत्र महात्मा गांधी के 150वीं जयंती के उपलक्ष में 2 दिनों के लिए रखा गया था अंतिम दिन विशेष सत्र में सदन की शुरुआत से ही सदन में काफी गहमागहमी रहे सदन के शुरू होते ही प्रमुख विपक्षी दल भाजपा के सदस्यों ने सत्ताधारी दल द्वारा गोडसे पर दिए गए बयान को लेकर आसंदी से नाराजगी दिखाई तो ही कुछ देर बाद शराब बंदी को लेकर भी सदन में गर्माहट रही इसके बाद सभी सदस्यों के बोलने के बाद अंत में जब मुख्यमंत्री ने सदन को संबोधित किया तो उस समय मुख्यमंत्री ने वीर सावरकर पर ही सवाल दाग दिया जिसके बाद सदन में गहमागहमी बढ़ गई और भाजपा के सदस्यों ने इस पर आसंदी से आपत्ति जताई और मुख्यमंत्री से माफी मांगने की बात कही। इसके बावजूद भी मुख्यमंत्री ने सदन में साफ तौर पर कहा कि मैंने जो कहा वह सही है मैं माफी नहीं मांगूंगा। इसके बाद सदन में ही नारेबाजी शुरू हो गई और विपक्ष ने सदन से वाक आउट कर दिया। विपक्ष ने अपने नाराजगी नारेबाजी कर जताई साथ ही विधानसभा परिसर में गांधी मूर्ति के पास जाकर सत्ता पक्ष के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और महात्मा गांधी जिंदाबाद के नारे लगाए इसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने मीडिया से चर्चा के दौरान कहा की विशेष सत्र का प्रमुख आयोजन रास्ते से भटक गया है गांधी जी की जयंती पर आहूत की गई विशेष सत्र का औचित्य ही नहीं रहा सत्ता में आने के बाद कांग्रेस रास्ते से भटक गई है वहीं नेता प्रतिपक्ष ने भी सावरकर पर दिए गए मुख्यमंत्री के बयान को घोर आपत्तिजनक बताया साथ ही उन्होंने कहा कि यह लड़ाई यहां शांत नहीं होगी अब सड़क तक लड़ाई लड़ी जाएगी

वाइट रमन सिंह पूर्व मुख्यमंत्री छग
वाइट धरमलाल कौशिक नेता प्रतिपक्ष,विस
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वहीं भाजपा के नारेबाजी के बाद सत्ता पक्ष के सदस्य भी शांत नहीं रहे वह भी सदन से बाहर निकल कर जमकर गोडसे के खिलाफ नारेबाजी की। विधानसभा परिसर में यह पहली बार होगा जब विधायकों द्वारा परिसर के भीतर ही जिंदाबाद और मुर्दाबाद के नारे लगाए गए नारेबाजी का घटनाक्रम दोनों ही पक्षों से लगभग आधे घंटे तक चली। मीडिया से मुखातिब होकर मुख्यमंत्री ने विपक्ष के बयान को दरकिनार कर कहा कि यह सत्य है कि गोडसे को उकसाने वाले सावरकर ही थे जिसके बाद गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी इस तथ्य को भाजपा भी जानते हैं लेकिन अपनी गलती छुपाने के लिए इस तरह के कृत्य कर रहे हैंConclusion:बरहाल सावरकर वर्सेस गोडसे की बयान बाजी ने महात्मा गांधी की जयंती पर बुलाए गए विशेष सत्र को नारेबाजी की भेंट चढ़ा दिया अब देखना यह होगा कि भाजपा के कहे अनुसार यह मुद्दा सड़क तक कब पहुंचता है देश टीवी के लिए स्वरूप भट्टाचार्य की रिपोर्ट
Last Updated : Oct 4, 2019, 12:12 AM IST
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