रायपुर/राजनांदगांव: राजनांदगांव में हाल ही में एक शख्स ने आत्महत्या का प्रयास किया था. जिसके बाद उसकी हालत गंभीर थी. शख्स का इलाज एम्स में चल रहा था. 5 अगस्त को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. उसका नाम महादेव यादव है, जो कि ठेकेदारी का काम करता था. महादेव के परिवारवालों का कहना है कि पीएम आवास योजना के किस्त की राशि न मिलने के कारण वो कर्ज में डूब गया था. परेशान होकर उसने आत्महत्या का प्रयास किया. इस पूरे मामले में छत्तीसगढ़ सरकार का दावा है कि महादेव की मौत का पीएम आवास योजना से कोई संबंध नहीं है.
जानिए क्या है पूरा मामला: दरअसल, ये पूरा मामला राजनांदगांव के कौरीनभाठा वार्ड संख्या 44 का है. यहां रहने वाले एक सिविल कांट्रेक्टर (महादेव यादव ) ने 19 जुलाई को आत्महत्या का प्रयास किया. आनन-फानन में उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. महादेव का इलाज मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चल रहा था. हालत बिगड़ने पर उसे रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया. 5 अगस्त को महादेव की इलाज के दौरान एम्स में मौत हो गई.
परिजनों ने लगाए थे आरोप: मामले में परिजनों ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री आवास योजना की किस्त समय पर नहीं मिलने से महादेव परेशान था. महादेव पर कर्ज का बोझ बढ़ता ही जा रहा था. समय पर किस्त न मिलने से परेशान होकर उसने सुसाइड का प्रयास किया था.
मौत का पीएम आवास योजना से नहीं कोई संबंध: इस मामले में छत्तीसगढ़ पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने आरोपों को गलत करार दिया है. विभाग की मानें तो पीएम आवास योजना से महादेव के मौत का कोई संबंध नहीं है. ये अफवाह है. महादेव यादव के नाम से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत न तो आवास स्वीकृत किया गया था. ना ही उसे किसी तरह की किश्त मिलनी थी. महादेव यादव सिविल कांट्रेक्टर था. वह प्रधानमंत्री आवास योजना के हितग्राहियों का घर बनाने के काम में ठेकेदारी किया करता था. आत्महत्या का कारण उसका व्यक्तिगत हो सकता है. क्योंकि प्रदेश में समय से लोगों को पीएम आवास योजना की किस्त दी जा रही है.