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रायपुर: चरोदा में सोलर पावर एनर्जी प्लांट के निर्माण की शुरुआत, मार्च 2021 तक पूरा करना होगा काम

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Published : Jul 9, 2020, 12:16 PM IST

Updated : Jul 9, 2020, 7:54 PM IST

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे रेल मंडल चरोदा भिलाई में रेलवे एनजी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) सोलर प्लांट लगा रहा है. जिसके बाद ग्रीन एनर्जी और बिजली को बचाने के लिए बढ़ावा दिया जा रहा है.

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रायपुर रेलवे स्टेशन

रायपुर: चरोदा में रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) 50 मेगावाट का सोलर प्लांट लगा रहा है. ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय और राइट्स ने इस कंपनी को नई इकाई के रूप में स्थापित किया है. यह कंपनी सोलर पावर एनर्जी के लिए प्लांट की स्थापना करेगी. शुरुआत में इससे ट्रैक्शन का काम लिया जाएगा.

122 हैक्टेयर जमीन 27 साल की लीज में दी, दो साल में काम पूरा

रेलवे ने लगभग 122 हेक्टेयर जमीन को 27 साल से इस कार्य के लिए लीज पर दी है. इसके लिए रेलवे ने चरोदा में अपनी खाली पड़ी जमीन दी है. संभवत मार्च 2021 से इस सोलर प्लांट से एनर्जी मिलने लगी है.

पढ़ें- बिलासपुर रेलवे जोन का नया रिकॉर्ड, 'सुपर एनाकोंडा' के बाद 'शेषनाग' ने भरी हुंकार


360 करोड़ के राजस्व की होगी बचत
वर्तमान समय में विद्युत की लगभग 4.50 से 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से लागत आ रही है. सोलर पावर प्लांट लगने से या लगभग 2.50 रुपये प्रति यूनिट लागत में आएगी. जिससे लगभग 1.70 रुपए प्रति यूनिट का फायदा होगा. अनुमानित आकलन के अनुसार प्रतिदिन 1 साल में लगभग 360 करोड़ राजस्व की बचत होगी और इस सोलर पावर प्लांट से हर दिन लगभग ढाई लाख यूनिट एनर्जी उपलब्ध कराई जाएगी.

पावर प्लांट से बिजली की होगी बचत

50 मेगावाट सोलर प्लांट के बनने से रेलवे की बिजली पर निर्भरता कम होगी. साथ ही ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही आने वाले दिनों में इस तरह कुछ और ट्रेनों को सोलर पैनल के सहारे चलाने की योजना बताई जा रही है. प्रोजेक्ट जल्द पूरा करने तैयारी है.

रायपुर: चरोदा में रेलवे एनर्जी मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (आरईएमसीएल) 50 मेगावाट का सोलर प्लांट लगा रहा है. ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से रेल मंत्रालय और राइट्स ने इस कंपनी को नई इकाई के रूप में स्थापित किया है. यह कंपनी सोलर पावर एनर्जी के लिए प्लांट की स्थापना करेगी. शुरुआत में इससे ट्रैक्शन का काम लिया जाएगा.

122 हैक्टेयर जमीन 27 साल की लीज में दी, दो साल में काम पूरा

रेलवे ने लगभग 122 हेक्टेयर जमीन को 27 साल से इस कार्य के लिए लीज पर दी है. इसके लिए रेलवे ने चरोदा में अपनी खाली पड़ी जमीन दी है. संभवत मार्च 2021 से इस सोलर प्लांट से एनर्जी मिलने लगी है.

पढ़ें- बिलासपुर रेलवे जोन का नया रिकॉर्ड, 'सुपर एनाकोंडा' के बाद 'शेषनाग' ने भरी हुंकार


360 करोड़ के राजस्व की होगी बचत
वर्तमान समय में विद्युत की लगभग 4.50 से 4.75 रुपये प्रति यूनिट की दर से लागत आ रही है. सोलर पावर प्लांट लगने से या लगभग 2.50 रुपये प्रति यूनिट लागत में आएगी. जिससे लगभग 1.70 रुपए प्रति यूनिट का फायदा होगा. अनुमानित आकलन के अनुसार प्रतिदिन 1 साल में लगभग 360 करोड़ राजस्व की बचत होगी और इस सोलर पावर प्लांट से हर दिन लगभग ढाई लाख यूनिट एनर्जी उपलब्ध कराई जाएगी.

पावर प्लांट से बिजली की होगी बचत

50 मेगावाट सोलर प्लांट के बनने से रेलवे की बिजली पर निर्भरता कम होगी. साथ ही ग्रीन एनर्जी को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही आने वाले दिनों में इस तरह कुछ और ट्रेनों को सोलर पैनल के सहारे चलाने की योजना बताई जा रही है. प्रोजेक्ट जल्द पूरा करने तैयारी है.

Last Updated : Jul 9, 2020, 7:54 PM IST
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