रायपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस मुख्यालय इन दिनों काफी चर्चा में है. ऐसा इसलिए कि यहां पदस्थ एक आरक्षक ने विभागीय अधिकारियों पर जातिवाद को लेकर प्रताड़ना का आरोप लगाया है. उन्होंने डीजीपी डीएम अवस्थी को भेजे गए अपने इस्तीफा पत्र में विभागीय अधिकारियों पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं. यह आरोप छत्तीसगढ़ पुलिस की सीआईडी शाखा में पदस्थ एक आरक्षक ने लगाए हैं. व्यथित आरक्षक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर आरोप लगाते हुए लिखा है कि डीजीपी डीएम अवस्थी से अपनी समस्या लेकर मिलना मुश्किल हो गया है. क्योंकि वहां मौजूद अधिकारी उनसे मिलने ही नहीं दे रहे हैं. ऐसे में कर्मचारी अपनी शिकायत भला किससे करेगा.
विभाग में चल रही गुटबाजी, प्रताड़ित हो रहे कर्मी
पुलिस मुख्यालय से इस्तीफा देने के बाद प्रताड़ित संजीव ने बताया कि उनके विभाग में गुटबाजी चल रही है. एक विशेष गुट के अधिकारी-कर्मचारी अपने विरोधी ग्रुप के असंतुष्ट कर्मचारियों का स्थानांतरण या वापसी करा रहे हैं. उन्हें इसकी सूचना 5 अगस्त को गोपनीय तरीके से मिली थी. उन्होंने बताया कि मेरी तरह अन्य जातियों के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रताड़ित कर गोपनीय तरीके से स्थानांतरण या वापसी करा दिया जाता है. विभाग में रिश्वत लेकर तबादला करने का खेल भी जमकर चल रहा है. ऐसे में उन्होंने खुद को जातिवाद, भेदभाव और मानसिक प्रताड़ना से त्रस्त आकर इस्तीफा देने की बात कही है.
चल रहा स्पंदन कार्यक्रम
वहीं इस पूरे मामले को लेकर डीजीपी डीएम अवस्थी ने कहा कि पुलिस रेगुलेशन एक्ट है, जिसके मुताबित इस्तीफा या नौकरी के लिए नियम हैं. वैसे भी किसी तरह की समस्या या मुलाकात के लिए स्पंदन कार्यक्रम चलाया जा रहा है. इसमें किसी को आने की जरूरत नहीं होती है. वहीं मुलाकात का समय तय करने के लिए व्हाट्सएप नम्बर जारी किया गया है. अगर कोई पुलिसकर्मी मिलना चाहता है तो उसके लिए हमने सभी जिलों के एसपी को ईमेल के माध्यम से सूचना भेजने के लिए कहा है. उन्होंने कहा कि आरक्षक का जातिवाद प्रताड़ना का आवेदन मुझ तक नहीं आया है, पता करवाता हूं. क्योंकि पुलिस की कोई जाति नहीं होती.