रायपुर: आरक्षण बिल पर राज्यपाल का हस्ताक्षर नहीं किए जाने घमासान No Governor signature on reservation bill मचा हुआ है. कांग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा कि "सद्बुद्धि हवन यज्ञ के बाद भी राज्यपाल के द्वारा आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है, तो अन्य पिछड़ा वर्ग विभाग आरक्षण के मुद्दे को लेकर धरना प्रदर्शन करेगी. छत्तीसगढ़ की जनता को सामाजिक आर्थिक और राजनीतिक न्याय दिलाने के उद्देश्य से इस तरह के प्रदर्शन को जरूरी बताया. जनसंख्या के अनुसार अधिकार दिलाने के लिए भूपेश सरकार सर्वसम्मति से आरक्षण विधेयक को पारित किया गया है. ऐसे में राज्यपाल अनुसुईया उइके को आरक्षण बिल पर जल्दी हस्ताक्षर कर देना चाहिए."
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कांग्रेस नेता भावेश बघेल ने कहा कि "मुख्यमंत्री भूपेश बघेल प्रदेश के हर वर्ग के अंतिम व्यक्ति तक उनके हितों को सुनिश्चित करने और संरक्षण प्रदान करने के लिए सभी वर्गों को समाज में उचित सम्मान दिलाने के उद्देश्य को लेकर कई योजनाएं शुरू की हैं. शुक्रवार को राज्यपाल को सद्बुद्धि आए, इसके लिए हवन यज्ञ का आयोजन किया गया है. जब तक राज्यपाल आरक्षण बिल पर हस्ताक्षर नहीं किया जाता है, तब तक लगातार आंदोलन किया जाएगा."
नए आरक्षण विधेयक में क्या प्रावधान हैं: नए आरक्षण विधेयक के अनुसार अब छत्तीसगढ़ में अनुसूचित जनजाति के लिए 32 फीसदी आरक्षण (schedule tribe) निर्धारित किया गया है. इसके अलावा अनुसूचित जाति के लिए 13 फीसदी आरक्षण, ओबीसी के लिए 27 फीसदी आरक्षण तय किया गया है. जबकि EWS के लिए चार फीसदी रिजर्वेशन का प्रावधान है. दो दिसंबर को छत्तीसगढ़ विधानसभा के विशेष सत्र में यह बिल पारित हुआ. उसी तारीख को यह बिल राज्यपाल को हस्ताक्षर के लिए भेजा गया है. तब से सरकार और राजभवन के बीच नए आरक्षण विधेयक पर तकरार जारी है.
छत्तीसगढ़ में आरक्षण की स्थिति समझिए
जाति | साल 2012 की स्थिति | 19 सितंबर 2022 तक की स्थिति | नया कानून पास होने के बाद अब की स्थिति |
अनुसूचित जाति | 16 प्रतिशत | 12 फीसदी | 13 प्रतिशत |
अनुसूचित जनजाति | 20 प्रतिशत | 32 फीसदी | 32 प्रतिशत |
अन्य पिछड़ा वर्ग | 14 प्रतिशत | 14 फीसदी | 27 प्रतिशत |
सामान्य वर्ग गरीब | - | 10 फीसदी | 04 प्रतिशत |
कुल आरक्षण | 50 फीसदी | 68 फीसदी | 76 फीसदी |