ETV Bharat / state

झीरम कांड में NIA का पोस्टर लगाना कई सवालिया निशान खड़े करता है: शैलेश नितिन त्रिवेदी

दंतेवाड़ा में NIA की ओर से नक्सलियों के पोस्टर लगाए जाने को लेकर कांग्रेस कई सवालिया निशान खड़े कर रही है. इस पर कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रदेश अधय्क्ष ने NIA को लेकर बयान दिया है.

NIA की ओर से लगाए गए पोस्टर
author img

By

Published : Oct 24, 2019, 8:16 AM IST

Updated : Oct 24, 2019, 6:18 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ­(NIA) की कार्यप्रणाली शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है. झीरम नक्सली हमले को लेकर NIA की जांच लगभग 7 साल हो जाने के बावजूद पूरी नहीं हो सकी है. NIA की ओर से हाल ही में झीरम नक्सली हमले में शामिल नक्सलियों का पोस्टर जारी किया गया है. इन पर इनाम भी घोषित किया गया है.

झीरम कांड में NIA के पोस्टर लगाने पर घमासान

NIA ने हर पहलुओं की जांच नहीं की: शैलेश
नक्सलियों पर इनाम घोषित किए जाने और पोस्टर जारी करने को लेकर कांग्रेस ने भी NIA को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि मामले की जांच जब NIA को सौंपी गई थी ये आशा थी कि NIA पूरे मामले की जांच करके इस मामले के षड्यंत्र को भी बेनकाब करेगी. NIA ने अपने फाइनल रिपोर्ट में साजिश के पहलुओं की जांच ही नहीं की. जिन लोगों से पूछताछ की और जिसके शामिल होने के सबूत थे उनकी गिरफ्तारी नहीं की और रिपोर्ट जमा कर दी.

'सवालिया निशान खड़े कर रहे पोस्टर'
शैलेश ने बताया कि जब इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तब NIA ने पोस्टर चिपकाना शुरू किया. इतने दिनों तक NIA इस मामले में क्या कर रही थी और आज दिखावे के लिए पोस्टर चिपकाए हैं. शैलेश ने कहा कि NIA की जांच में रमन सरकार के दौरान नोडल अधिकारी ने बाधा डाली और अब इतने सालों बाद पोस्टर चिपकाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

NIA ने किया नक्सलियों पर इनाम घोषित
बता दें कि बस्तर के कई इलाकों में नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पोस्टर वार छिड़ा है. झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल नक्सलियों की सूची जारी कर NIA ने उन पर 50000 से 7 लाख तक का इनाम घोषित किया है. जंगलों में चस्पा किए जा रहे पोस्टरों पर NIA ने यह भी दावा किया है कि सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा.

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी ­(NIA) की कार्यप्रणाली शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है. झीरम नक्सली हमले को लेकर NIA की जांच लगभग 7 साल हो जाने के बावजूद पूरी नहीं हो सकी है. NIA की ओर से हाल ही में झीरम नक्सली हमले में शामिल नक्सलियों का पोस्टर जारी किया गया है. इन पर इनाम भी घोषित किया गया है.

झीरम कांड में NIA के पोस्टर लगाने पर घमासान

NIA ने हर पहलुओं की जांच नहीं की: शैलेश
नक्सलियों पर इनाम घोषित किए जाने और पोस्टर जारी करने को लेकर कांग्रेस ने भी NIA को आड़े हाथों लिया है. कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि मामले की जांच जब NIA को सौंपी गई थी ये आशा थी कि NIA पूरे मामले की जांच करके इस मामले के षड्यंत्र को भी बेनकाब करेगी. NIA ने अपने फाइनल रिपोर्ट में साजिश के पहलुओं की जांच ही नहीं की. जिन लोगों से पूछताछ की और जिसके शामिल होने के सबूत थे उनकी गिरफ्तारी नहीं की और रिपोर्ट जमा कर दी.

'सवालिया निशान खड़े कर रहे पोस्टर'
शैलेश ने बताया कि जब इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की तब NIA ने पोस्टर चिपकाना शुरू किया. इतने दिनों तक NIA इस मामले में क्या कर रही थी और आज दिखावे के लिए पोस्टर चिपकाए हैं. शैलेश ने कहा कि NIA की जांच में रमन सरकार के दौरान नोडल अधिकारी ने बाधा डाली और अब इतने सालों बाद पोस्टर चिपकाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

NIA ने किया नक्सलियों पर इनाम घोषित
बता दें कि बस्तर के कई इलाकों में नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पोस्टर वार छिड़ा है. झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल नक्सलियों की सूची जारी कर NIA ने उन पर 50000 से 7 लाख तक का इनाम घोषित किया है. जंगलों में चस्पा किए जा रहे पोस्टरों पर NIA ने यह भी दावा किया है कि सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा.

Intro:रायपुर । छत्तीसगढ़ में नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी एनआईए की कार्यप्रणाली शुरू से ही सवालों के घेरे में रही है झीरम नक्सली हमले को लेकर जांच कर रही एनआईए की जांच लगभग 7 साल हो जाने के बावजूद पूरी नहीं हो सकी है इतना ही नहीं एनआईए के द्वारा हाल ही में झीरम नक्सली हमले में शामिल नक्सलियों का पोस्टर जारी किया गया है और उन पर इनाम भी घोषित किया गया है। जो प्रदेश में चर्चा का विषय बना हुआ है कि आखिर 7 साल बाद एनआईए को झीरम नक्सली हमले में शामिल नक्सलियों की धरपकड़ का विचार कैसे आया




Body:वहीं नक्सलियों पर इनाम घोषित किए जाने और पोस्टर जारी करने को लेकर कांग्रेस ने भी एनआईए को आड़े हाथों लिया है कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि मामले की जांच एनआईए को सौंपी गई थी तो बड़े आशा के साथ सौंपी गई थी कि एनआईए पूरे मामले की जांच करके इस मामले के षड्यंत्र को भी बेनकाब करेगी एनआईए ने अपने फाइनल रिपोर्ट में साजिश के पहलुओं की जांच ही नहीं कि जिन लोगों से पूछताछ की जिनकी एनवायरनमेंट के सबूत थे उनकी गिरफ्तारी नहीं की और रिपोर्ट जमा कर दी

शैलेश ने बताया कि जब इस मामले को लेकर छत्तीसगढ़ के कुछ लोगों के द्वारा हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई तब एनआईए ने पोस्टर चिपकाना शुरु किया इतने दिनों तक एनआईए इस मामले में क्या कर रही थी और आज दिखावे के लिए एक पोस्टर चिपकाए हैं

शैलेश ने कहा कि एनआईए की जांच में रमन सरकार के दौरान नोडल अधिकारी के द्वारा बाधा डाली गई थी और अब इतने सालों बाद पोस्टर चिपकाने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं
वाइट शैलेश नितिन त्रिवेदी प्रदेश अध्यक्ष मीडिया विभाग कांग्रेस


Conclusion:बता दें कि बस्तर के कई इलाकों में नक्सलियों की गिरफ्तारी के लिए पोस्टर वार छिड़ा है झीरम घाटी हत्याकांड में शामिल नक्सलियों की सूची जारी कर एनआईए ने उन पर 50000 से नौ लाख तक की इनामी रकम घोषित की है जंगलों में चस्पा किए जा रहे पोस्टरों पर एनआईए ने यह भी दावा किया है कि सूचना देने वालों का नाम गोपनीय रखा जाएगा और दंतेवाड़ा जिलों के कई गांव में इन दिनों एनआईए का यह पोस्टर ग्रामीणों के बीच चर्चा का विषय बना हुआ है
Last Updated : Oct 24, 2019, 6:18 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.