रायपुर: समाचार वेबसाइट 'द वायर' ने एक खबर प्रकाशित कर दुनियाभर के कई पत्रकारों और सामाजिक कार्यकताओं के फोन हैक किए जाने का दावा किया था. दावे में पेगासस नाम के स्पाईवेयर से फोन हैक करने की बात सामने आई थी. जिसके बाद राजनीति और मीडिया जगत में इसे लेकर हलचल पैदा हो गई है.
'पेगासस जासूसी विवाद' मामले में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बीजेपी पर आरोप लगाने के बाद प्रदेश कांग्रेस ने भी पूर्ववर्ती रमन सरकार पर कई आरोप लगाए हैं. कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह ने रमन सरकार पर जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की सेवा लेने के प्रयास का आरोप लगाया है.
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रमन सरकार ने किया था पेगासस की सेवा लेने का प्रयास
आरपी सिंह ने कहा कि भारत में जासूसी के लिए इजरायल के जिस पेगासस सॉफ्टवेयर (Pegasus Software) का इस्तेमाल हुआ था, उसी सॉफ्टवेयर के इस्तेमाल के लिए 2017 में राज्य की रमन सिंह सरकार ने भी प्रयास किए थे. उन्होंने दावा किया कि एनओएस कंपनी के प्रतिनिधि यहां आए थे, उन्होंने पेगासस सॉफ्टवेयर का प्रेजेंटेशन दिया था. सॉफ्टवेयर की कीमत अधिक होने के कारण यह सौदा नहीं हो सका था. कंपनी के अधिकारियों ने इसके लिए 60 करोड़ रुपए की मांग की थी, जो राज्य के बजट के हिसाब से बहुत ज्यादा था. आरपी सिंह बीजेपी पर आरोप लगाते हुए कहा कि जासूसी करना भारतीय जनता पार्टी की पुरानी आदत है. इसमें कुछ भी नया नहीं है.
क्या है पेगासस?
यह एक सर्विलांस सॉफ्टवेयर है जिसे इजराइल की सुरक्षा कंपनी एनएसओ ग्रुप ने बनाया है. इसके जरिए किसी व्यक्ति का फोन हैक करके उसकी गतिविधियों पर नजर रखी जा सकती है. इसे टारगेट के लिए फोन में इंस्टॉल किया जाता है और फिर फोन का रिमोट कंट्रोल ले लिया जाता है. यह रिमोट एक्सेस ट्रोजन की तरह ही काम करती है.
यरूशलम स्थित द इंस्टीट्यूट फॉर नेशनल सिक्यूरिटी स्टडीज से जुड़े साइबर विशेषज्ञ कर्नल गाबी के मुताबिक, 'यह एक बेहद उन्नत सॉफ्टवेयर है जिसे एनएसओ ने डेवलप किया है.'
इसे बनाने वाली कंपनी एनएसओ का गठन 2009 में हुआ था और यह अति उन्नत निगरानी टूल बनाती है. दुनियाभर के कई देशों की सरकारें इनसे सुविधाएं लेती हैं.