रायपुर: कोरोना की दूसरी लहर इतनी भयावह होगी किसी ने नहीं सोचा था. किसी के पिता ने साथ छोड़ दिया. किसी ने मां को खोया, किसी ने अपने लाड़ले को तड़प-तड़प कर अपनी आंखों के सामने मरते देखा. चारों ओर भय का माहौल, चीख-पुकार, आंसू और बेबसी है. इस दौर को शायद ही कोई याद रखना चाहें. लाचारी ऐसी कि कई लोगों ने अपने परिजनों की लाश को पहचानने से भी इनकार कर दिया.
कोरोना से मृत लोगों के अंतिम संस्कार के बाद एकत्र अस्थियां, जिन्हें उनके परिवार के सदस्य अब तक लेने नहीं आये थे. मंगलवार को धार्मिक रीति रिवाज के अनुसार कांग्रेस नेता विनोद तिवारी और उसके साथियों ने महादेव घाट में विसर्जन कर आखिरी विदाई दी. विनोद तिवारी ने बताया कि बीते कुछ महीनों में कोरोना महामारी से सैकड़ों लोगों की जान चली गई. बेहद कठिन समय और विपरीत हालात में प्रशासन ने मृतकों का अंतिम संस्कार किया. अपनी जान जोखिम में डालकर प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों ने मृतकों को आखिरी विदाई दी.
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हिंदू परंपरा के साथ किया गया अस्थियों का विसर्जन
कुछ अज्ञात व्यक्तियों का भी इस दौरान अंतिम संस्कार किया गया. प्रशासन ने अपना कर्तव्य का निर्वहन करते हुए सैकड़ों लोगों की अस्थियां भी एकत्रित कर सुरक्षित रखी थी.हिंदू परंपरा के मुताबिक तीसरे दिन ही अस्थियां चुनकर किसी पवित्र नदीं में विसर्जित किया जाता है. अब यह उम्मीद भी नहीं थी कि मृतकों के परिजन महीनों बाद अब उन अस्थियों को लेने नहीं आएंगे. ऐसे में सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए मृतकों की अस्थियों को महादेव घाट में हिंदू परंपरा और विधि-विधान से विसर्जित किया गया.
सामाजिक जिम्मेदारी को निभाया गया
रायपुर कलेक्टर सौरभ कुमार की अनुमति मिलने के बाद मंगलवार की दोपहर महादेव घाट पहुंच कर 200 अस्थि कलश का हिंदू परंपरा के अनुसार पूर्ण विधि-विधान से पूजा पाठ करवा कर विसर्जन किया गया. विसर्जन के दौरान महादेव घाट में उपस्थित लोग भी इस पुण्य कार्य में भागीदार बने. सभी ने अस्थि विसर्जन किए जाने की सराहना भी की.