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स्थानीय तीज त्योहारों के जरिए वोटरों को साधने में सफल होगी कांग्रेस !

भूपेश सरकार की ओर से स्थानीय तीज त्योहार को लगातार प्रोत्साहित किया जा रहा है. इन तीज त्योहारों पर ना सिर्फ छुट्टियां घोषित हुईं, बल्कि बड़े बड़े आयोजन भी किए जा रहे हैं. मजदूर दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मजदूरों के साथ बैठकर बोरे बासी खाया. उनके अलावा मंत्री, विधायक, सांसद, पार्टी पदाधिकारी, कार्यकर्ता, शासन प्रशासन के लोग भी बोरे बासी खाते नजर आए, जो पहले की भाजपा सरकार में देखने को नहीं मिला था. यही वजह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस सरकार का यह स्टंट भाजपा के लिए भारी पड़ सकता है.

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बोरे बासी कार्यक्रम
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Published : May 1, 2023, 11:06 PM IST

Updated : May 2, 2023, 4:11 PM IST

तीज त्योहारों के जरिए वोटरों को साधने में सफल होगी कांग्रेस

रायपुर : छत्तीसगढ़ में साल 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और उसके बाद कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई. भूपेश बघेल को पार्टी ने मुख्यमंत्री की कमान सौंपी. मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने सबसे पहले स्थानीय तीज त्योहारों को महत्व देना शुरू किया. छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों के अवसर पर शासन प्रशासन की ओर से बड़े स्तर पर, कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने लगे. चाहे वह मुख्यमंत्री निवास हो या अन्य कोई जगह, हर जगह पर स्थानीय तीज त्योहारों को धूमधाम से मनाया जा रहा है. मजदूर दिवस पर बोरे बासी तिहार इसका ताजा उदाहरण है.

इन त्योहारों पर सरकार ने किया है छुट्टी का ऐलान: भूपेश सरकार की ओर से राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वाें पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. मजदूर दिवस के अवसर पर पिछले साल ही बोरे बासी खाने की परंपरा भी भूपेश बघेल सरकार ने शुरू की. सोमवार को साइंस कॉलेज मैदान में मजदूर दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोरे बासी कार्यक्रम में शामिल हुए और मजदूरों के साथ बैठकर बोरे बासी खाया. सीएम के अलावा शासन-प्रशासन, पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता सहित हजारों लाखों लोगों ने बोरे बासी खाया. सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म बोरे बासी तिहार से जुड़े फोटो और वीडियो से पटे पड़े हैं.


बोरे बासी का स्वाद कर लिया फीका-भाजपा: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी इस आयोजन को लेकर भूपेश सरकार पर तंज कसा. साथ ही नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर भी चुटकी ली. नारायण चंदेल ने कहा कि "मैंने भी देखा. आज आईएएस आईपीएस बोरे बासी खा रहे थे लेकिन वे चम्मच से बोरे बासी खा रहे थे. कुछ तो कांटे वाले चम्मच से इसे खा रहे थे." नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर चंदेल ने कहा कि "बिना नमक के बोरे बासी सीठा लगता है. इस साल का बोरे बासी कांग्रेस के लिए सीठा ही रह गया क्योंकि उसने भाजपा के बिना नमक के नेता को शामिल किया है."

यह भी पढ़ें- Bore basi Day : श्रमिक सम्मेलन में मजदूरों के लिए सौगातें, सीएम भूपेश ने खाया बोरे बासी


स्थानीय तीज त्योहारों का उपहास भाजपा को पड़ सकता है भारी: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "15 साल भाजपा को मौका मिला था लेकिन भाजपा सरकार ने कभी भी स्थानीय तीज त्योहारों पर ध्यान नहीं दिया, जो कहीं ना कहीं भाजपा सरकार की एक बड़ी चूक रही है. यही वजह रही कि आगामी विधानसभा चुनाव में स्थानीय तीज त्योहार के विषय का भी असर पड़ेगा और इसका सीधे तौर पर फायदा कांग्रेस को मिलेगा."

इन सबके उलट बीजेपी अभी भी अपनी गलतियों को नहीं सुधार रही है. उनकी ओर से स्थानीय त्योहारों को लेकर उपहास उड़ाया जा रहा है. आज भाजपा के कुछ नेताओं ने चम्मच और कांटे से बोरे बासी खाने को लेकर बयान जारी किया है, जो उनकी सोच को दर्शाता है. यही बात कहीं ना कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी भी पड़ सकती है.

तीज त्योहारों के जरिए वोटरों को साधने में सफल होगी कांग्रेस

रायपुर : छत्तीसगढ़ में साल 2018 में विधानसभा चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन हुआ और उसके बाद कांग्रेस सत्ता पर काबिज हुई. भूपेश बघेल को पार्टी ने मुख्यमंत्री की कमान सौंपी. मुख्यमंत्री बनते ही भूपेश बघेल ने सबसे पहले स्थानीय तीज त्योहारों को महत्व देना शुरू किया. छत्तीसगढ़ के स्थानीय तीज त्योहारों के अवसर पर शासन प्रशासन की ओर से बड़े स्तर पर, कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जाने लगे. चाहे वह मुख्यमंत्री निवास हो या अन्य कोई जगह, हर जगह पर स्थानीय तीज त्योहारों को धूमधाम से मनाया जा रहा है. मजदूर दिवस पर बोरे बासी तिहार इसका ताजा उदाहरण है.

इन त्योहारों पर सरकार ने किया है छुट्टी का ऐलान: भूपेश सरकार की ओर से राज्य में तीजा, हरेली, भक्तिन महतारी कर्मा जयंती, मां शाकंभरी जयंती (छेरछेरा), छठ और विश्व आदिवासी दिवस जैसे पर्वाें पर सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है. मजदूर दिवस के अवसर पर पिछले साल ही बोरे बासी खाने की परंपरा भी भूपेश बघेल सरकार ने शुरू की. सोमवार को साइंस कॉलेज मैदान में मजदूर दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बोरे बासी कार्यक्रम में शामिल हुए और मजदूरों के साथ बैठकर बोरे बासी खाया. सीएम के अलावा शासन-प्रशासन, पार्टी पदाधिकारी कार्यकर्ता सहित हजारों लाखों लोगों ने बोरे बासी खाया. सोशल मीडिया प्लेटफाॅर्म बोरे बासी तिहार से जुड़े फोटो और वीडियो से पटे पड़े हैं.


बोरे बासी का स्वाद कर लिया फीका-भाजपा: नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल ने भी इस आयोजन को लेकर भूपेश सरकार पर तंज कसा. साथ ही नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर भी चुटकी ली. नारायण चंदेल ने कहा कि "मैंने भी देखा. आज आईएएस आईपीएस बोरे बासी खा रहे थे लेकिन वे चम्मच से बोरे बासी खा रहे थे. कुछ तो कांटे वाले चम्मच से इसे खा रहे थे." नंदकुमार साय के कांग्रेस प्रवेश पर चंदेल ने कहा कि "बिना नमक के बोरे बासी सीठा लगता है. इस साल का बोरे बासी कांग्रेस के लिए सीठा ही रह गया क्योंकि उसने भाजपा के बिना नमक के नेता को शामिल किया है."

यह भी पढ़ें- Bore basi Day : श्रमिक सम्मेलन में मजदूरों के लिए सौगातें, सीएम भूपेश ने खाया बोरे बासी


स्थानीय तीज त्योहारों का उपहास भाजपा को पड़ सकता है भारी: राजनीति के जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी का कहना है कि "15 साल भाजपा को मौका मिला था लेकिन भाजपा सरकार ने कभी भी स्थानीय तीज त्योहारों पर ध्यान नहीं दिया, जो कहीं ना कहीं भाजपा सरकार की एक बड़ी चूक रही है. यही वजह रही कि आगामी विधानसभा चुनाव में स्थानीय तीज त्योहार के विषय का भी असर पड़ेगा और इसका सीधे तौर पर फायदा कांग्रेस को मिलेगा."

इन सबके उलट बीजेपी अभी भी अपनी गलतियों को नहीं सुधार रही है. उनकी ओर से स्थानीय त्योहारों को लेकर उपहास उड़ाया जा रहा है. आज भाजपा के कुछ नेताओं ने चम्मच और कांटे से बोरे बासी खाने को लेकर बयान जारी किया है, जो उनकी सोच को दर्शाता है. यही बात कहीं ना कहीं आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा को भारी भी पड़ सकती है.

Last Updated : May 2, 2023, 4:11 PM IST
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