रायपुर : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (chhattisgarh assembly election 2023) में करीब दो साल का समय शेष है. लेकिन अभी से प्रदेश के दोनों प्रमुख दल कांग्रेस और बीजेपी मिशन 2023 की तैयारी में जुट गए हैं. एक ओर कांग्रेस नेतृत्व के लिए नेता की तलाश में सदस्यता अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर सरकार के खिलाफ खुलकर विरोध न करने वाले नेताओं की भाजपा सूची बना रही है. वहीं राजनीतिक गलियारों में यह कयास लग रहे हैं विधानसभा चुनाव के पहले दोनों ही दलों के प्रदेश अध्यक्ष बदले जा सकते हैं.
छत्तीसगढ़ की 90 सीटों के लिए 2023 में होगा विधानसभा चुनाव
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव साल 2023 में होना है. प्रदेश की 90 विधानसभा सीटों के लिए कांग्रेस और बीजेपी में सीधी टक्कर है. इसके अलावा भी दूसरे राजनीतिक दल भी इस चुनाव में किस्मत आजमाएंगे. छत्तीसगढ़ का इतिहास रहा है कि प्रदेश में अभी तक कांग्रेस और बीजेपी के अलावा अन्य कोई दल सत्ता पर काबिज नहीं रहा है. बात अगर दलीय स्थिति की करें तो कांग्रेस के पास 90 में से 70 सीटे हैं. वहीं भारतीय जनता पार्टी 14 सीटों पर काबिज है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) 3 सीटों पर और बहुजन समाज पार्टी 2 सीटों पर काबिज है. जबकि वर्तमान में 1 सीट अभी खाली है.
कांग्रेस का गढ़ माना जाता रहा है बस्तर
बस्तर संभाग में विधानसभा की 12 सीटें हैं. वर्तमान में सभी सीटों पर कांग्रेस काबिज है. बात अगर साल 2013 के विधानसभा चुनाव परिणाम की करें तो बीजेपी को यहां महज 4 सीटें मिली थीं. वहीं कांग्रेस के खाते में 8 सीटें गई थीं. साल 2008 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 11 और कांग्रेस को एक सीट मिली थी. जबकि साल 2003 में भाजपा को 9 और कांग्रेस को 3 सीटें मिली थीं. वहीं साल 2018 के चुनाव में बस्तर संभाग की 12 विधानसभा सीटों में से 11 पर कांग्रेस ने जीत हासिल की. जबकि भाजपा की झोली में एक सीट आई थी.
इस चुनाव में भाजपा कोटे से भीमा मंडावी ने दंतेवाड़ा से जीत हासिल की थी. बाद में लोकसभा चुनाव 2019 के पहले ही उनकी हत्या के बाद यह सीट खाली हो गई. फिर इस सीट पर उपचुनाव हुआ. इसमें कांग्रेस कोटे से देवती कर्मा ने जीत हासिल की. इसी के साथ बस्तर की 12 में से सभी सीटों पर कांग्रेस का एकछत्र राज हो गया.
पुरंदेश्वरी भाजपा नेताओं को दिखाती हैं उनकी औकात : सीएम
भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी के छत्तीसगढ़ दौरे को लेकर सीएम भूपेश बघेल कई बार तंज कस चुके हैं. उन्होंने एक बार फिर से कहा कि भाजपा की प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी छत्तीसगढ़ आती हैं, नेताओं पर हंटर चलाती हैं. भाजपा नेताओं को उनकी औकात बता देती हैं. डॉ रमन सिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरमलाल कौशिक को बैठक में बुलाती भी नहीं, यह कितनी बड़ी बेइज्जती है.
हंटर वाली से डरने लगे हैं भूपेश बघेल, इसलिए दे रहे ऐसे बयान : बृजमोहन
सीएम भूपेश बघेल के डी पुरंदेश्वरी वाले बयान पर भाजपा के वरिष्ठ नेता और रायपुर दक्षिण विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने पलटवार किया है. बृजमोहन ने कहा है कि भूपेश बघेल डी पुरंदेश्वरी पर कमेंट कर रहे हैं. उन्हें बताना चाहिए कि उत्तर प्रदेश से लौटे हैं तो वहां कांग्रेस को कितनी सीटें आएंगी. एक वोट कितने का पड़ेगा. कांग्रेस ने वहां कितने का इन्वेस्टमेंट किया है. भूपेश के पास अपना बोलने के लिए कुछ नहीं है. भूपेश बघेल इस हंटर वाली से डरने लगे हैं, इसीलिए ऐसे बयान दे रहे हैं.
छत्तीसगढ़ में नेतृत्व बदलाव की सुगबुगाहट तेज
वरिष्ठ पत्रकार राम अवतार तिवारी का कहना है कि दोनों ही प्रमुख दलों में नेतृत्व बदलाव की सुगबुगाहट तेज हो गई है. एक ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय के बदले जाने की लेकर चर्चा है तो दूसरी ओर कांग्रेस में भी पार्टी चुनाव के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा. वर्तमान में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम हैं. वहीं तिवारी ने यह भी कहा कि विधानसभा चुनाव 2023 में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह भाजपा की ओर से चेहरा नहीं होंगे. इस तरह के बयान पहले ही भाजपा प्रदेश प्रभारी डी पुरंदेश्वरी सहित भाजपा के दूसरे वरीय नेता भी दे चुके हैं.