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छत्तीसगढ़ में नहीं चला राहुल फैक्टर, युवाओं और महिलाओं ने भरोसे को नकारा, जहां बड़ी रैलियां वहां सूपड़ा साफ

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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 4, 2023, 9:10 PM IST

Condition of Congress after Rahul Gandhi visit छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. इस बार कांग्रेस को जनता ने नकार दिया है. कांग्रेस को ये उम्मीद नहीं थी कि इस बार नतीजे इस तरह से आएंगे. कांग्रेस ने 75 पार का दावा किया था.लेकिन जब नतीजे आए तो वो खुद 35 सीटों पर सिमट गई. जिसमें उनके 9 मंत्री अपना किला नहीं बचा सके. आईए जानते हैं कि राहुल गांधी ने जिन क्षेत्रों का दौरा किया वहां कांग्रेस का परफॉर्मेंस कैसा रहा. Chhattisgarh Election Result 2023

Condition of Congress after Rahul Gandhi visit
छत्तीसगढ़ में नहीं चला राहुल फैक्टर

रायपुर : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बात की जाए तो चुनाव के दौरान सितंबर से लेकर नवंबर तक कुल 7 बार छत्तीसगढ़ आना हुआ. इस दौरान उन्होंने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. चुनाव के दौरान सबसे पहले राहुल गांधी का 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ है. जहां वे रायपुर में आयोजित युवा सम्मेलन में शामिल हुए.

रायपुर का रिजल्ट : रायपुर जिले की बात करें तो राहुल ने यहां पर युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस सम्मेलन में राहुल गांधी ने युवाओं से वन टू वन चर्चा की थी. विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो जिले की सात सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है.रायपुर जिले की किसी भी सीट पर कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देती नहीं दिखी.

बिलासपुर में न्याय आवास योजना : राहुल गांधी ने इसके बाद बिलासपुर में न्याय आवास योजना सम्मेलन में शामिल हुए. ये दौरान इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि बिलासपुर संभाग में सबसे ज्यादा 24 सीटें थी.इस संभाग में जीत का मतलब होता सत्ता का राह आसान होना.राहुल गांधी के दौरे के बाद भी इस संभाग में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटा. सक्ती, रायगढ़,सारंगढ़ और बिलासपुर जिले की कुछ सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया.बाकी की सीटों पर बीजेपी ने बाजी मार ली.

बस्तर संभाग में राहुल की सभा : राहुल गांधी ने बिलासपुर संभाग की सभा के बाद बस्तर का रुख किया. 28 अक्टूबर को भानुप्रतापपुर और फरसगांव में राहुल ने बड़ी सभा ली. बस्तर संभाग की बात करें तो यहां भी राहुल गांधी ने बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताते हुए अडाणी और मोदी पर फोकस किया.साथ ही साथ मौजूदा कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर चुप्पी साध ली.उल्टा बीजेपी को झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने वाली पार्टी बताया.बस्तर सभाग की बात करें तो यहां पर कांग्रेस को 12 में से 4 सीटें ही हासिल हुई.जबकि पिछली बार बस्तर में बीजेपी का सूपड़ा साफ था.

रमन के गढ़ में गरजे राहुल : 29 अक्टूबर ने राजनांदव और कवर्धा में सभा ली. इन दोनों ही जगहों पर राहुल गांधी ने बीजेपी और पूर्व सीएम रमन सिंह को घेरा.राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाएं कि बीजेपी जातिगत राजनीति करती है.भाई-भाई को लड़ाती है. यही नहीं प्रदेश में कितना विकास हुआ और किसानों के लिए भूपेश सरकार ने क्या कुछ किया,इस पर भी राहुल गांधी जोर डालने में कामयाब रहे. इन दोनों ही जिलों की बात करें तो कवर्धा में जहां कांग्रेस साफ हो गई.वहीं राजनांदगांव जिले की 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई.

सरगुजा संभाग में चुनावी सभा : साल 2018 में सरगुजा संभाग से ही राहुल गांधी ने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. तब ऐसा लगा था कि टीएस सिंहदेव चुनाव जीतने पर प्रदेश के सीएम बनेंगे.लेकिन राहुल गांधी ने सत्ता आने पर भूपेश पर भरोसा जताया.इस बार राहुल गांधी ने 4 नवंबर को पहले जशपुर और फिर अंबिकापुर में सभा ली.इन सभाओं में राहुल गांधी का फोकस सिर्फ पीएम मोदी और अडाणी ही रहा. इसके अलावा वो प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल को लेकर कसीदे पढ़ते रहे. इस संभाग से भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.

बेमेतरा बलौदाबाजार में आखिरी सभा : 15 नवंबर को बेमेतरा और बलोदा बाजार में राहुल गांधी ने चुनावी सभा ली थी. इन दोनों ही जिलों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. बेमेतरा जिले में जहां कांग्रेस का सफाया हुआ.वहीं बलौदाबाजार विधानसभा में भी कांग्रेस हार गई.सिर्फ भाटापारा विधानसभा में कांग्रेस ने जीत हासिल की.

जनता ने कांग्रेस के दावों को किया खारिज : राहुल गांधी ने जिन जगहों पर दौरा किया उन्हें देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार जनता ने कांग्रेस और उनके वादों को लेकर कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी. कांग्रेस के लाख दावों के बाद भी जनता ने वो किया जो उसने पांच साल तक प्रदेश में महसूस किया.क्योंकि राहुल की सभाओं में ही कई बार लोगों ने शराबबंदी और महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब कांग्रेस के पास नहीं था.

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रायपुर : कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की बात की जाए तो चुनाव के दौरान सितंबर से लेकर नवंबर तक कुल 7 बार छत्तीसगढ़ आना हुआ. इस दौरान उन्होंने चुनावी जनसभा को संबोधित किया. चुनाव के दौरान सबसे पहले राहुल गांधी का 2 सितंबर को छत्तीसगढ़ प्रवास हुआ है. जहां वे रायपुर में आयोजित युवा सम्मेलन में शामिल हुए.

रायपुर का रिजल्ट : रायपुर जिले की बात करें तो राहुल ने यहां पर युवा सम्मेलन में हिस्सा लिया था. इस सम्मेलन में राहुल गांधी ने युवाओं से वन टू वन चर्चा की थी. विधानसभा चुनाव नतीजों की बात करें तो जिले की सात सीटों पर कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो चुका है.रायपुर जिले की किसी भी सीट पर कांग्रेस बीजेपी को टक्कर देती नहीं दिखी.

बिलासपुर में न्याय आवास योजना : राहुल गांधी ने इसके बाद बिलासपुर में न्याय आवास योजना सम्मेलन में शामिल हुए. ये दौरान इसलिए भी महत्वपूर्ण था क्योंकि बिलासपुर संभाग में सबसे ज्यादा 24 सीटें थी.इस संभाग में जीत का मतलब होता सत्ता का राह आसान होना.राहुल गांधी के दौरे के बाद भी इस संभाग में बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुकाबला बराबरी पर छूटा. सक्ती, रायगढ़,सारंगढ़ और बिलासपुर जिले की कुछ सीटों पर कांग्रेस ने अच्छा प्रदर्शन किया.बाकी की सीटों पर बीजेपी ने बाजी मार ली.

बस्तर संभाग में राहुल की सभा : राहुल गांधी ने बिलासपुर संभाग की सभा के बाद बस्तर का रुख किया. 28 अक्टूबर को भानुप्रतापपुर और फरसगांव में राहुल ने बड़ी सभा ली. बस्तर संभाग की बात करें तो यहां भी राहुल गांधी ने बीजेपी को आदिवासी विरोधी बताते हुए अडाणी और मोदी पर फोकस किया.साथ ही साथ मौजूदा कांग्रेस सरकार के भ्रष्टाचार को लेकर चुप्पी साध ली.उल्टा बीजेपी को झूठ बोलकर सत्ता हासिल करने वाली पार्टी बताया.बस्तर सभाग की बात करें तो यहां पर कांग्रेस को 12 में से 4 सीटें ही हासिल हुई.जबकि पिछली बार बस्तर में बीजेपी का सूपड़ा साफ था.

रमन के गढ़ में गरजे राहुल : 29 अक्टूबर ने राजनांदव और कवर्धा में सभा ली. इन दोनों ही जगहों पर राहुल गांधी ने बीजेपी और पूर्व सीएम रमन सिंह को घेरा.राहुल गांधी ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए आरोप लगाएं कि बीजेपी जातिगत राजनीति करती है.भाई-भाई को लड़ाती है. यही नहीं प्रदेश में कितना विकास हुआ और किसानों के लिए भूपेश सरकार ने क्या कुछ किया,इस पर भी राहुल गांधी जोर डालने में कामयाब रहे. इन दोनों ही जिलों की बात करें तो कवर्धा में जहां कांग्रेस साफ हो गई.वहीं राजनांदगांव जिले की 3 सीटों पर कांग्रेस को जीत हासिल हुई.

सरगुजा संभाग में चुनावी सभा : साल 2018 में सरगुजा संभाग से ही राहुल गांधी ने चुनाव अभियान की शुरुआत की थी. तब ऐसा लगा था कि टीएस सिंहदेव चुनाव जीतने पर प्रदेश के सीएम बनेंगे.लेकिन राहुल गांधी ने सत्ता आने पर भूपेश पर भरोसा जताया.इस बार राहुल गांधी ने 4 नवंबर को पहले जशपुर और फिर अंबिकापुर में सभा ली.इन सभाओं में राहुल गांधी का फोकस सिर्फ पीएम मोदी और अडाणी ही रहा. इसके अलावा वो प्रदेश के सीएम भूपेश बघेल को लेकर कसीदे पढ़ते रहे. इस संभाग से भी कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया.

बेमेतरा बलौदाबाजार में आखिरी सभा : 15 नवंबर को बेमेतरा और बलोदा बाजार में राहुल गांधी ने चुनावी सभा ली थी. इन दोनों ही जिलों में कांग्रेस को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा है. बेमेतरा जिले में जहां कांग्रेस का सफाया हुआ.वहीं बलौदाबाजार विधानसभा में भी कांग्रेस हार गई.सिर्फ भाटापारा विधानसभा में कांग्रेस ने जीत हासिल की.

जनता ने कांग्रेस के दावों को किया खारिज : राहुल गांधी ने जिन जगहों पर दौरा किया उन्हें देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि इस बार जनता ने कांग्रेस और उनके वादों को लेकर कुछ खास प्रतिक्रिया नहीं दी. कांग्रेस के लाख दावों के बाद भी जनता ने वो किया जो उसने पांच साल तक प्रदेश में महसूस किया.क्योंकि राहुल की सभाओं में ही कई बार लोगों ने शराबबंदी और महिला सुरक्षा को लेकर सवाल उठाए जिसका जवाब कांग्रेस के पास नहीं था.

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