रायपुर: एक स्वच्छ शौचालय सभी की आवश्यकता है. पब्लिक टॉयलेट्स को लेकर लगातार जिम्मेदारों का रवैया सही नहीं दिख रहा है. सार्वजनिक शौचालयों में गंदगी का आलम है. ETV भारत की टीम ने रायपुर के बने सार्वजनिक शौचालयों का जायजा लिया.
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ETV भारत की टीम ने सार्वजनिक शौचालयों में गुणवत्ता, मानदंडों के पालन का हाल जाना. शहर के सबसे व्यस्ततम इलाके रायपुर कलेक्ट्रेट परिसर पर बने 'पे एंड यूज' टॉयलेट में लापरवाही देखने को मिली. शौचालयों में साफ-सफाई सही ढंग से नहीं की जा रही है. परिसर के आसपास के लोग दुर्गंध से परेशान हैं. टॉयलेट की दीवारों में दरारें और सीलन आने लगी है. सैनिटाइजेशन का काम सही तरह से नहीं किया जा रहा है.
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दिव्यांग शौचालय का नहीं कर पा रहे उपयोग
अवंती विहार बने शौचालय में बेहतर साफ-सफाई नहीं होने के कारण आसपास बदबू से लोग परेशान रहते हैं. दो टॉयलेट खराब स्थिति में है, जो उपयोग के लायक नहीं है. अवंति विहार में बनाये गये सार्वजनिक शौचालय बंद हैं. शौचालयों में बर्तन रखे हुए हैं. कमोड की सीट भी टूटी हुई है. ऐसे में दिव्यांग शौचालय का उपयोग नहीं कर पा रहे हैं.
नगर निगम की लापरवाही से लोगों को परेशानी
सार्वजनिक शौचालय को लेकर हमने लोगों से बातचीत की. स्थानीय लोगों का कहना है पब्लिक टॉयलेट का इस्तेमाल करते समय आम नागरिक अपनी जिम्मेदारी समझें. सार्वजनिक शौचालय का रखरखाव और साफ सफाई होनी चाहिए. नगर निगम की लापरवाही के कारण लोगों को दिक्कतें होती हैं.
गंदगी के कारण बीमारी का खतरा
महिलाओं ने कहा कि वे मजबूरी में ही सार्वजनिक शौचालय का उपयोग करती हैं. सार्वजनिक शौचालय साफ सुथरे नहीं होते हैं. बीमारियों का खतरा रहता है. नगर निगम प्रशासन को भी समय-समय पर रख रखाव और साफ-सफाई को लेकर निरीक्षण करना चाहिए.
टॉयलेट इस्तेमाल के बाद फ्लश करें नागरिक
ETV भारत की टीम ने लोगों की राय जानी तो ज्यादातर लोगों का कहना था कि बहुत से लोग शौचालय का इस्तेमाल करते हैं. वहां फ्लश नहीं करते हैं. टॉयलेट में लोग गंदगी फैलाकर चले जाते हैं. ऐसे में आम नागरिकों की जिम्मेदारी भी होती है. जब वे टॉयलेट का इस्तेमाल करें, उसके बाद उसमें अच्छे से पानी डालें और उसे फ्लश करें.
शहर में कम्युनिटी टॉयलेट और पब्लिक टॉयलेट
नगर निगम अपर आयुक्त पुलक भट्टाचार्य ने कहा शहर में दो तरह के टॉयलेट हैं. एक कम्युनिटी टॉयलेट और एक पब्लिक टॉयलेट है. जिन घरों में शौचालय बनाने की जगह नहीं होती, उनके लिए बस्तियों में पब्लिक टॉयलेट बनाए जाते हैं. ताकि उन्हें खुले में शौच से मुक्ति मिल सके.
राजधानी में 113 फ्री टॉयलेट
छत्तीसगढ़ सरकार की स्वच्छता श्रृंगार योजना के तहत 113 सार्वजनिक टॉयलेट बनाए गए हैं. टॉयलेट के उपयोग करने पर किसी प्रकार का शुल्क नहीं देना होता. राज्य सरकार उसके रखरखाव और मेंटेनेंस का शुल्क देती है. अपर आयुक्त ने कहा कि अगर किसी प्रकार की समस्याएं हैं, तो वह टोल फ्री नंबर पर शिकायत कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जैन एजेंसी के द्वारा शौचालय का संचालन किया जा रहा है. लापरवाही बरतने पर उनपर जुर्माने की कार्रवाई की गई है.
रायपुर में शौचालयों की संख्या
- कुल सार्वजनिक सामुदायिक शौचालय की संख्या 182
- स्वच्छता श्रृंगार योजना में स्वीकृत शौचालयों की संख्या 113
- बेस्ट टॉयलेट स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए 50
- पे एंड यूज योजना अंतर्गत संचालित शौचालय की संख्या 69
पे एंड यूज हेतु निर्धारित दर
- स्नानागार 5 रुपये प्रति व्यक्ति
- शौचालय 5 रुपये प्रति व्यक्ति