रायपुर: झारखंड के रांची में 9 दिसंबर को कंपनी कमांडर मेला रामकुर्रे की हत्या कर दी गई थी, जिसका शव मंगलवार को गृहग्राम छछानपैरी लाया गया, जहां उसका अंतिम संस्कार किया गया.
मामले में मृतक कमांडर के परिजनों का कहना है कि घटना के कुछ देर पहले मृतक मेला राम कुर्रे से उनकी बातचीत हुई थी और घर में कुशल मंगल होने का समाचार उन्हें दिया गया था. कमांडर 25 जनवरी 2020 को रिटायर होने वाला था. साथ ही परिजनों ने यह भी बताया कि उसकी तबीयत खराब रहा करती थी, जिसके कारण उन्हें चुनाव ड्यूटी में भी जाने के लिए मना किया गया था, लेकिन बटालियन की तरफ से उन्हें जबरन चुनाव ड्यूटी में भेजा गया था.
मेलाराम कुर्रे का अंतिम संस्कार
कंपनी कमांडर का शव उनके गृह ग्राम में मंगलवार दोपहर 12:00 बजे तक पहुंचने का समय दिया गया था, लेकिन सड़क मार्ग से पहुंचने में देरी हुई और कमांडर का शव गृह ग्राम में शाम को 5:15 में पहुंचा. शाम होने के बाद भी मुक्तिधाम में मृतक कमांडर मेलाराम कुर्रे का अंतिम संस्कार किया गया.
गोली मारकर की गई थी हत्या
झारखंड में चुनाव ड्यूटी के लिए सीएएफ की टुकड़ी को चुनाव के लिए 20 नवंबर को भेजा गया था. छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल चौथी बटालियन के एक जवान ने अपनी कंपनी कमांडर की सोमवार सुबह 6:00 बजे गोली मारकर हत्या कर दी थी, जिसके बाद हमलावर जवान ने खुद को भी गोली मार ली थी, जिसमें उसकी भी मौत हो गई. यह घटना झारखंड की राजधानी रांची के खेल गांव में बने ट्रांजिट कैंप में हुई थी.
जवान को शराब पीने की लत थी
बताया जा रहा है कि जवानों को 9 दिसंबर को हजारीबाग जाना था. हमले में मारे गए कंपनी कमांडर मेला राम कुर्रे रायपुर के रहने वाले थे. हमलावर जवान की पहचान सूरजपुर निवासी विक्रम राज बोडेन के रूप में हुई है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक जवान को शराब पीने की लत थी और इसी बात को लेकर पिछले सप्ताह कंपनी कमांडर से उसका विवाद भी हुआ था, जानकारी मिलने के बाद स्थानीय पुलिस भी जांच शुरू कर दी है.