रायपुर: छत्तीसगढ़ के कई लोग अन्य राज्यों में रोजी-रोटी की तलाश में निकले थे. लॉकडाउन की वजह से सभी लोग राज्य वापस नहीं लौट सके. ऐसे में लगातार ये सभी सरकार से घर वापसी की गुहार लगा रहे थे. लॉकडाउन का तीसरा चरण शुरू होते ही गृह मंत्रालय ने सभी को अपने-अपने राज्य लौटने की इजाजत दे दी, जिसके बाद से ही सभी राज्य रेलवे के जरिए श्रमिकों की घर वापसी का इंतजाम कर रहे हैं.
छत्तीसगढ़ के भी मजदूरों के लौटने का सिलसिला शुरू हो गया है. मजदूरों की वापसी का पूरा खर्च राज्य सरकार ने उठाने का ऐलान किया है. सीएम भूपेश बघेल ने इसके लिए रेलवे को पत्र भी लिखा था, जिसके बाद कुल मजदूरों की संख्या और राज्यों का विवरण भी रेलवे को भेज दिया गया है.
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प्रदेश सरकार ने कुल 28 ट्रेनों की मांग की है. देश में फंसे छत्तीसगढ़ के मजदूर, पर्यटक, तीर्थयात्रियों और छात्रों की घर वापसी के लिए सरकार ने रेल मंत्रालय से 28 ट्रेनों की मांग की है. कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि सभी लोग जो अन्य राज्यों में फंस गए हैं, उनके संबंध में जानकारी इकट्ठा की जा रही है. इस कार्य के लिए कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन को कंट्रोल रूम बनाया गया है. यहां सभी की जानकारी जुटाई जा रही है और ये सुनिश्चित किया जा रहा है कि कोई भी व्यक्ति दूसरे राज्यों में फंसा न रहे.
बीजेपी ने कहा केंद्र करेगी मांग स्वीकार
बीजेपी प्रवक्ता संजय श्रीवास्तव ने बताया कि राज्य सरकार ने मजदूरों के लिए जिस तरह की सहायता केंद्र से मांगी है, उसे स्वीकार कर लिया गया है. राज्य सरकार के लिए ये जरूरी होगा कि जो प्रवासी लौट रहे हैं, उन्हें क्वॉरेंटाइन करने की उचित व्यवस्था करे, साथ ही उनकी मेडिकल जांच की सुविधा भी सुनिश्चित करे.
इन ट्रेनों की मांग-
- जम्मू से रायपुर- बिलासपुर -7
- लखनऊ से रायपुर- बिलासपुर -3
- कानपुर से रायपुर- बिलासपुर -2
- चेन्नई से रायपुर- बिलासपुर -1
- बेंगलुरु से रायपुर -बिलासपुर -1
- पुणे से रायपुर- बिलासपुर - 2
- इलाहाबाद से बिलासपुर -1
- दिल्ली से रायपुर- बिलासपुर -3
- हैदराबाद से रायपुर- बिलासपुर -3
- विशाखापट्टनम से रायपुर -1
- सूरत,अहमदाबाद से रायपुर -1
- कोलकाता से रायपुर -1
- जयपुर से रायपुर -1
- पटना से दुर्ग -1
फंसे श्रमिकों की संख्या
- जम्मू में 26 हजार 539
- महाराष्ट्र में 24 हजार 296
- उत्तरप्रदेश में 15 हजार 261
- तेलंगाना में 18 हजार 035
- गुजरात में 10 हजार 881
- कर्नाटक में 4 हजार 126
- तमिलनाडु में 3 हजार 377
- मध्य प्रदेश में 3 हजार 435
- आंध्र प्रदेश में 3 हजार 20
- हरियाणा में 2 हजार 442
- दिल्ली में 2 हजार 436
- हिमाचल प्रदेश में 1 हजार 801
- ओडिशा में 3 हजार 194
- राजस्थान में 1 हजार 318
- पंजाब में 1 हजार 506
- झारखंड में 669
- केरल में 525
- बिहार में 259
- उत्तराखंड में 244
- पश्चिम बंगाल में 219
- गोवा में 132