रायपुर: प्रदेश में पहली बार गौरा-गौरी के पूजन के लिए प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल जजंगिरी पहुंचे, जहां उन्होंने न सिर्फ गौरा गौरी का पूजन किया बल्कि पारंपरिक रीति के अनुरूप अपने आप को कोड़े भी लगवाए. दुर्ग जिले के कुम्हारी और भिलाई 3 के बीच स्थित जजंगिरी में आज यानी सोमवार को मुख्यमंत्री पहुंचे, जहां उन्होंने गौरा-गौरी की पूजा की.
दरअसल, ये पर्व दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है. ये पूरा आयोजन एक विवाह समारोह जैसा होता है. गौरी की प्रतिमा का गौरा से विवाह कराया जाता है. आदिवासी समाज इसे शंकर पार्वती का रूप मानते हैं. हालांकि यह प्रदेश में पहली बार हो रहा है, जब आदिवासियों की पारंपरिक पूजा-अर्चना को राज्य सरकार ने गंभीरता से लिया. हालांकि आज के इस दिन को राज्य में गौठान दिवस के रूप में भी मनाया जा रहा है.
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बता दें कि सीएम भूपेश ने इसकी जानकारी मासिक रेडियो वार्ता 'लोकवाणी' की तीसरी कड़ी के प्रसारण के दौरान दी थी.