रायपुर: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त धान से बायो-एथेनॉल के उत्पादन के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को भेजे गए प्रस्ताव पर जल्द से जल्द सहमति प्रदान करने का अनुरोध किया है. साथ ही सीएम ने धान आधारित बायो-एथेनॉल के विक्रय दर को समतुल्य रखने के लिए और बायो-एथेनॉल संयंत्रों की स्थापना में निवेश के इच्छुक निवेशकों के लिए राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति 2018 को सरल और व्यवहारिक बनाने का आग्रह भी किया है.
मुख्यमंत्री ने पत्र में लिखी ये बात
- मुख्यमंत्री ने अपने पत्र में लिखा है कि भारत शासन की राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 देश की ऊर्जा के जरूरत की पूर्ति की दिशा में जैव ईंधन के उत्पादन को प्रोत्साहित करती है. इसमें वर्ष 2030 तक पेट्रोल में बायो-एथेनॉल ब्लैंडिग के लिए 20 प्रतिशत मिश्रण का लक्ष्य रखा गया है.
- बायो-एथेनॉल उत्पादन संयंत्र के क्षेत्र में निजी निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए छत्तीसगढ़ शासन की ओर से भी राज्य की नई औद्योगिक नीति 2019-24 के अंतर्गत जैव ईंधन उत्पादन को उच्च प्राथमिकता उद्योगों की सूची में शामिल कर लिया गया है. इस नीति के अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त धान से बायो-एथेनॉल उत्पादन संयंत्रों की स्थापना के लिए इच्छुक निवेशकों को आमंत्रित किया गया है.
- राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 की कंडिका 5.3 के मुताबिक राज्य में उपलब्ध अतिरिक्त धान से बायो-एथेनॉल के उत्पादन के लिए आवश्यक सहमति प्रदान करने के लिए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय को छत्तीसगढ़ शासन की ओर से 19 सितंबर 2019 को अनुरोध किया गया है. जो कि अभी तक अपेक्षित है.
- धान से बायो-एथेनॉल उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए धान आधारित बायो-एथेनॉल के विक्रय मूल्य को शीरा, शक्कर, शुगर सिरप से उत्पादित एथेनॉल के विक्रय दर के समतुल्य रखने के लिए माननीय केंद्रीय मंत्री, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय, भारत सरकार से अनुरोध किया गया है.
सकारात्मक फैसला लेने का अनुरोध: भूपेश
बघेल ने प्रधानमंत्री से छत्तीसगढ़ राज्य के लंबित प्रस्तावों पर जल्द और सकारात्मक फैसला लेने का अनुरोध किया है. ताकि राष्ट्रीय जैव ईंधन नीति-2018 और उसके लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में राज्य सरकार सक्रिय भूमिका निभा सके. यह कदम प्रदेश के धान उत्पादक किसानों की आर्थिक उन्नति के लिए भी मददगार होगा.